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निकिता हत्याकांड में गुनहगारों को बस एक ही सजा- ‘सजा-ए-मौत’

क्या‌ किसी का सच्चा प्रेम ही काफी नहीं होता? फिर धर्म परिवर्तन क्यूं? जहाँ यह शर्तें लागू होती हैं, वहाँ सच्चा प्रेम हो ही नहीं सकता...

Nikita Tomar murder case

‘प्रेम’ सिर्फ ‘प्रेम’ है उसे जात-पात या किसी धर्म विशेष में बांधना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है,और अगर ऐसा संभव है तो सिर्फ समझौता भर है।

आज निकिता हत्याकांड(Nikita Tomar murder case)ने फिर साबित कर दिया कि कैसे राजनीति से जुड़े घराने के लोग आम आदमी के साथ किस हद तक अन्याय पर उतर जाते हैं।

क्या‌ किसी का सच्चा प्रेम ही काफी नहीं होता? फिर धर्म परिवर्तन क्यूं? जहाँ यह शर्तें लागू होती हैं, वहाँ सच्चा प्रेम हो ही नहीं सकता।

हाँ, इंसान प्रेमवश खुद-ब-खुद दूसरा धर्म कबूल कर ले वह अलग बात है। कोई किसी को जबरदस्ती हासिल तो कर सकता है पर उसका प्रेम नहीं।

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इकतरफा प्रेम हो सकता है,पर ‘प्रेम’ तो ‘प्रेम’ है कभी भूलकर भी जो इंसान जिससे प्रेम करता है उसको नुकसान पहुंचाने की कल्पना भी नहीं कर सकता।

अगर ऐसा है तो सिर्फ ‘हासिल’ करने की ‘जिद’ मात्र होती है।

      आये दिन सुनने में आने लगा है कि फलां ने उस लड़की पर तेजाब फेंक दिया या गोली दाग दी क्यूंकि इकतरफा प्यार का मामला था।

लेकिन सच्चे प्यार में इंसान जान दे सकता है पर ले नहीं सकता‌‌।

लेकिन जब मेरे घर से थोड़ी सी दूरी पर जब यह कांड घटित‌ होता है तो लगने लगता है कि इस दुनिया में सब कुछ संभव है।

एक लड़का सत्ता के बल पर सालों से बचा आ रहा था, उसने आखिरकार इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे ही दिया।

हरियाणा (Haryana) के फरीदाबाद(Faridabad) स्थित बल्लभगढ़ थाना क्षेत्र में एक छात्रा की गोली मार कर हत्या कर दी गई। ये मामला एकतरफा प्यार का है।

Nikita Tomar murder case:

मेवात के रहने वाले तौसीफ (Tausif) नाम के युवक ने उसने छात्रा निकिता तोमर (Nikita Tomar) की हत्या की।

आरोपित अपने दोस्त के साथ कार में सवार होकर छात्रा के अपहरण के इरादे से आया था।

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आरोपित तौसीफ ने निकिता को गाड़ी में खींचने की कोशिश की लेकिन जब वो असफल रहा तो उसने गोली मार दी। यह पूरी घटना CCTV में भी कैद हो गई।

मृतका निकिता बीकॉम फाइनल ईयर की छात्रा थी और अग्रवाल कॉलेज में एग्जाम देने आई थी।

आरोपित तौसीफ ने निकिता को गाड़ी में खींचने की कोशिश की लेकिन जब वो असफल रहा तो उसने गोली मार दी। 

निकिता तोमर के पिता और उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी मूलचंद तोमर फरीदाबाद के सेक्टर-23 स्थित एक सोसाइटी में रहते हैं।

उन्होंने बताया कि तौसीफ 12वीं क्लास तक निकिता के साथ ही पढ़ता था। उसने कई बार दोस्ती के लिए दबाव भी बनाया था।

दोस्ती से इनकार किए जाने के कारण उसने 2018 में एक बार निकिता का अपहरण भी कर लिया था। हालाँकि, तब बदनामी के डर से परिजनों ने किसी तरह समझौता कर लिया था।

लड़की के भाई ने बताया कि निकिता सोमवार अक्टूबर 26, को 4 बजे वो जैसे ही परीक्षा देकर निकली, एक कार वहाँ आकर रुकी।

वहाँ तौसीफ ने निकिता को अपनी गाड़ी में खींचने  की कोशिश। लेकिन सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि जैसे ही उसने बचने की कोशिश की लड़के ने गोली दाग दी‌।

Nikita Tomar murder case:

वारदात के बाद छात्रा को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना के बाद वहाँ अफरातफरी मच गई।

एसीपी सिटी जयवीर राठी व क्राइम ब्रांच ने घटनास्थल का दौरा किया। आसपास की सीसीटीवी फुटेज से साफ- साफ हर मामला समझ आ रहा है।

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बल्लभगढ़(Ballabgarh shooting) के डीसीपी के मुताबिक, आरोपित तौसीफ को पुलिस ने गिरफ्तार(Tausif arrested) किया है। तौसीफ मेवात का रहने वाला है।

कल मथुरा रोड पर लोगों ने व कॉलेज के स्टूडेंट्स ने धरना दे जाम कर रखा था।

तौसीफ के दादा कबीर अहमद विधायक रह चुके हैं, जबकि चाचा खुर्शीद अहमद हरियाणा के पूर्व मंत्री रहे हैं।

वहीं, एक अन्य रिश्तेदार आफताब अहमद वर्तमान में कांग्रेस के नूंह (मेवात) विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में परिवहन मंत्री भी रहे हैं।

तौसीफ के चाचा जावेद अहमद ने भी 2019 में सोहना विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। यही वजह रही है कि यह लड़का बार-बार बचता रहा था।

राजनीतिक हस्तक्षेप से कानून की धज्जियां उड़ने लग जाती हैं‌। जिस परिवार की होनहार बेटी खो गई है दर्द उनसे पूछिए,वे उन लड़कों की सजा तुरंत एनकाउंटर या सजा-ए-मौत चाहते हैं।

15 साल तक इंतजार करना उनके बस की बात नहीं है‌।वैसे भी ऐसे गुनहगारों की बस एक ही सजा है ‌वह है- सजा-ए-मौत।

Nikita Tomar murder case

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