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Farmers Protest: 35 दिन बाद किसानों की 2 मांगे मानी सरकार,जानें अहम बातें

किसान नेता कलवंत सिंह संधू ने बताया कि सरकार और किसान यूनियनों के बीच अगले दौर की बैठक 4 जनवरी को होगी....

Farmers Protest: Govt accepts two demands of farmers

नई दिल्ली: बीते 35 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर खून जमा देने वाली ठंड में अपने भविष्य से भयभीत देश के अन्नदातों का किसान आंदोलन (Farmers Protest) आखिरकार रंग ला ही रहा है।

किसानों के साथ बुधवार को हुई छठे दौर की बातचीत के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानकारी दी कि उन्होंने किसानों की दो मांगों को मान (Govt accepts two demands of farmers)लिया है।

किसानों द्वारा प्रस्तावित बिजली कानून और पराली जलाने से संबंधित मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है,लेकिन तीनों नए कृषि कानूनों(New farm laws) को रद्द न करने को लेकर सरकार अब भी अपने रुख पर कायम है और किसान संगठन अब भी इन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने पर अड़े है।

अगले दौर की बातचीत अब 4 जनवरी को होगी।

Farmers Protest: Govt accepts two demands of farmers

दिल्ली की सीमाओं पर पंजाब,हरियाणा, उत्तर प्रदेश और देश के अन्य राज्यों से जुटे हजारों किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे है।

किसान संगठनों की मांग है कि केंद्र के तीनों कृषि बिल किसान विरोधी है और सरकार इन्हे तुरंत वापस लें।लेकिन सरकार भी अपने रुख पर अड़ी है कि वह तीनों कृषि बिल वापस नहीं लेगी बल्कि किसानों से वार्ता करके बिलों में संशोधन कर सकती है।

अब तक छह चरणों की बातचीत हो चुकी है और बुधवार को छठे दौर की बातचीत में भी कृषि कानूनों को वापस लेने को लेकर सरकार ने कुछ नहीं कहा,लेकिन किसानों की पराली जलाने और बिजली कानून वाली दो मांगों को स्वीकार कर लिया।

वहीं किसान नेता कलवंत सिंह संधू ने बताया कि सरकार और किसान यूनियनों के बीच अगले दौर की बैठक चार जनवरी को होगी।किसान नेता ने कहा कि आज (बुधवार) की बैठक मुख्य रूप से बिजली और पराली जलाने के मुद्दे पर केंद्रित रही।

अगली बैठक में एमएसपी गारंटी और तीन कृषि कानूनों पर बात होगी. इससे पहले कि सरकार ने किसानों के साथ बैठक में कहा कि तीनों कृषि कानूनों से जुड़ी मांगों और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक समिति बनाई जा सकती है।

सरकार ने बैठक में कानूनों से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी और कहा कि कानून बनाने और वापस लेने की एक लंबी प्रक्रिया है।

Farmers Protest: Govt accepts two demands of farmers

 

सरकार और किसानों के बीच छठे चरण की बातचीक की मुख्य बातें:

Farmers Protest: Govt accepts two demands of farmers-highlights

1.बीते 35 दिनों से किसान केंद्रीयतीन नए कृषि कानूनों(Farm laws) को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे है।

बुधवार को दोनों पक्षों के बीच छठे चरण की वार्ता हुई। बातचीत पूरी होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों पक्षों के बीच दो मुद्दों पर सहमति बन गई है।

उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों में प्रस्तावित बिजली कानून, पराली जलाने से संबंधित मुद्दों पर सहमति बनी है।

2.किसान नेता कलवंत सिंह संधू ने बताया कि सरकार और किसान यूनियनों के बीच अगले दौर की बैठक 4 जनवरी को होगी। उन्होंने कहा कि आज की बैठक मुख्य रूप से बिजली और पराली जलाने के मुद्दे पर केंद्रित रही. अगली बैठक में एमएसपी गारंटी और तीन कृषि कानूनों पर बात होगी।

3.किसानों ने एक द‍िन पहले ही यह स्पष्ट कर द‍िया था कि वह कानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर ही सरकार से वार्ता करेंगे। अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार ने किसानों के साथ बैठक में कहा कि तीन कृषि कानूनों से जुड़ी मांगों और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक समिति बनाई जा सकती है।

सरकार ने बैठक में कानूनों से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी और कहा कि कानून बनाने और वापस लेने की एक लंबी प्रक्रिया है।

Farmers Protest: Govt accepts two demands of farmers

4.किसान संगठनों और भारत सरकार के बीच बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में होने वाली बातचीत से ठीक पहले किसान नेताओं ने कृषि सचिव को चिट्ठी लिख कर साफ़ कर दिया था कि उनके लिए बैठक का मुख्य एजेंडा 3 नए कृषि सुधार कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करना और MSP पर खरीद की क़ानूनी गारंटी की मांग होगी।

5.इससे पहले कृषि कानूनों पर एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों के संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच छठे दौर की वार्ता बुधवार दोपहर शुरू हुई।

6.केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश यहां विज्ञान भवन में 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे हैं. कुछ दिनों के अंतराल के बाद दोनों पक्षों के बीच छठे दौर की वार्ता आरंभ हुई है। पिछली बैठक पांच दिसंबर को हुई थी।

7.आंदोलन कर रहे किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं कि केवल तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया और एमएसपी पर कानूनी गारंटी प्रदान करने समेत अन्य मुद्दों पर ही चर्चा होगी।

8.केंद्र ने सितंबर में लागू तीनों नए कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने के लिए ‘‘खुले मन” से ‘‘तार्किक समाधान” तक पहुंचने के लिए यूनियनों को 30 दिसंबर को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था।

Farmers Protest: Govt accepts two demands of farmers

9.छठे दौर की वार्ता नौ दिसंबर को ही होने वाली थी लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूनियन के कुछ नेताओं के बीच बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकलने पर बैठक रद्द कर दी गयी थी।

शाह से मुलाकात के बाद सरकार ने किसान संगठनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें नए कानून में सात-आठ संशोधन करने और एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने की बात कही थी। सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से इनकार कर दिया था।

10.सरकार ने कहा है कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधार होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को आशंका है कि नए कानूनों से एमएसपी और मंडी की व्यवस्था ‘कमजोर’ होगी और किसान बड़े कारोबारी घरानों पर आश्रित हो जाएंगे।

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(इनपुट एजेंसी से भी)

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shweta sharma

श्वेता शर्मा एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। लेकिन अब अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। श्वेता शर्मा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

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