BSNL को केंद्र का निर्देश-4G अपग्रेड के लिए न करें चीनी उपकरणों का प्रयोग
टेलीकॉम मिनिस्ट्री ने प्राइवेट कंपनियों को भी हिदायत दी है कि वे भी चीनी कंपनियों के द्वारा बनाएं गए उपकरणों पर अपनी निर्भरता कम करें...
telecom dept instruct BSNL don’t use Chinese equipment for 4G Upgrade
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बीएसएनएल को निर्देश दिया है कि 4जी उपकरणों को अपग्रेड करने के लिए चीन के सामान का उपयोग नहीं किया जाए।
टेलीकॉम मंत्रालय ने यह फैसला लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद लिया है। इस खूनी झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए है।
चीन की इस गुस्ताखी पर देश में गुस्से का माहौल है। जगह-जगह से चीन के सामानों के बहिष्कार की मांग भी उठ रही है।
ऐसे में केंद्र सरकार ने अपनी अधिकृत सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल(BSNL)से कहा है कि सुरक्षा कारणों के चलते चीनी सामान का इस्तेमाल न करें।
telecom dept instruct BSNL don’t use Chinese equipment for 4G Upgrade
दूर संचार विभाग ने BSNL को चीनी कंपनियों की उपयोगिता को कम करने का निर्देश दिया है। उन्होंने आगे कहा है कि अगर कोई टेंडर है तो उस पर भी नए सिरे से विचार किया जाए।
इतना ही नहीं, टेलीकॉम मिनिस्ट्री (Telecom dept) ने प्राइवेट कंपनियों को भी हिदायत दी है कि वे भी चीनी कंपनियों के द्वारा बनाएं गए उपकरणों पर अपनी निर्भरता कम करें।
सूत्रों के अनुसार, चीनी कंपनियों के उपकरणों की नेटवर्क सुरक्षा हमेशा संदिग्ध होती है।गौरतलब है कि देश में भारती एयरटेल (Bharti Airtel)और वोडाफोन-आइडिया(Vodafone-idea)सरीखी टेलीकॉम कंपनियां
अपने मौजूदा नेटवर्क में Huawei के साथ काम कर रही हैं, जबकि जेडटीई (ZTE) सरकारी बीएसएनएल (BSNL) के साथ काम करती है।
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आर्थिक मोर्चे पर चीन को सबक सिखाना है जरूरी
जानकारों के अनुसार सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि चीन को अब आर्थिक मोर्चे पर सबक सिखाया जा सकें। लद्दाख में भारतीय सैनिकों की शहादत से देशभर में गुस्से का माहौल है और जनता चीन से बदले की बात कर रही है।
लद्दाख(Ladakh) में हिंसक झड़प के बाद सरकार विपक्ष के सवालों के निशाने पर भी है।
ऐसे में केंद्र ने चीन (China) पर एक कूटनीतिक दबाव बनाने के लिए बीएसएनएल के 4जी अपग्रेड में चीनी उपकरणों के उपयोग न करने की बात कही है और टेंडर पर भी नए सिरे से विचार करने को कहा है।
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सोमवार को 15 जून की रात लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प (indo-china tension) हो गई,जिसमें भारत के एक कर्नल सहित 19 जवान शहीद हो गए।
20 जवानों की शहादत से देशभर में चीन के खिलाफ गुस्सा है।
पीएम मोदी ने 15 जून की हिंसक घटना के लिए 17 जून को मुख्यमंत्रियों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शहीदों को मौन नमन किया।
इसके बाद दूर संचार विभाग की ओर से BSNL को चीनी उपकरणों के इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए गए और साथ ही निजी नेटवर्क प्रदाताओं को भी चीनी उपकरणों पर निर्भरता कम करने की सलाह दी गई है।
वर्ष 2012 में अमेरिकी सांसदों की एक कमेटी ने चीनी की कंपनियों के द्वारा बनाए गए दूरसंचार नेटवर्क से साइबर जासूसी के खतरों को चेताया था।
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उस टाइम यह सुझाव दिया गया था कि अमेरिकी कंपनियों को Huawei और जेडटीई के साथ बिजनेस करने पर दोबारा से विचार करना चाहिए।हालांकि बाद में चीनी कंपनियों ने इस प्रकार के आरोपों का खंडन किया था।
फिर 2 वर्ष बाद संसद को सूचित किया गया कि चीनी चीनी कंपनी Huawei ने कथित तौर पर बीएसएनएल नेटवर्क (BSNL) को हैक कर लिया है और सरकार इस मामले की जांच कर रही है।
बीएसएनएल (BSNL) के रिवाइवल पैकेज का हिस्सा 4G अपग्रेड किया जाना है। इस वर्ष के आरंभ में केंद्र और BSNL के बीच खींचतान रही।
चूंकि केंद्र उसे देसी कंपनियों के उपकरणों के इस्तेमाल करने पर जोर दे रही थी जबकि बीएसएनएल बाकी नेटवर्क कंपनियों की तरह मल्टीनेशनल कंपनियों के उपकरण प्रयोग करना चाहती थी।
गौरतलब है कि इस वर्ष फरवरी में जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत यात्रा पर आएं थे तो मुकेश अंबानी ने उन्हें आश्वस्त किया था कि रियांस जियो के नेक्स्ट 5G नेटवर्क में एक भी चीनी नेटवर्क हिस्सा नहीं होगा।
अंबानी ने ट्रंप (Trump) को बताया था कि रिलायंस जियो (Reliance Jio) विश्व का इकलौता नेटवर्क है जो चीनी उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करता है।
Jio के पास अपने 4G और 5G नेटवर्क दोनों के लिए नेटवर्किंग पार्टनर के रूप में साउथ कोरिया का सैमसंग (Samsung) है।
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