Ola-Uber can’t be able to charge more rent
नई दिल्ली: एप बेस्ड कैब(app based cab facility price set by govt)सेवा के मनमाने किराएं वसूलने पर अब सरकार ने ब्रेक लगा दिया है। इनमें ओला-ऊबर (Ola-Uber)प्रमुख है।
अक्सर पीक आवर्स में ओला(Ola cabs)-ऊबर(Uber)सरीखी एग्रीगेटर कंपनियां यात्रियों से कई गुना किराया वसूलती है।
इससे आम आदमी की जेब को बहुत नुकसान होता है। इसलिए सरकार ने अब इन पर लगाम कसने की मंशा बना ली है।
शुक्रवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा कैब एग्रीगेटर सेवाओं के लिए नई गाइडलाइंस जारी की गई।
मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2020 (Motor Vehicle Aggregators Guidelines 2020) के अनुसार, अब ‘एग्रीगेटर कंपनियों को अपने मूल किराये के 50 फीसदी तक न्यूनतम किराये और डेढ़ गुने तक अधिकतम किराया वसूलने की मंजूरी दी गई (Ola-Uber can’t be able to charge more rent)है।
दूसरे शब्दों में कहें तो, अब Ola-Uber सरीखी कैब (Cab) एग्रीगेटर कंपनियों के ऊपर मांग बढ़ने पर किराया बढ़ाने की एक सीमा लगा दी गई है।
अब ओला-ऊबर कैब कंपनियां अपने मूल किराये के डेढ़ गुने से ज्यादा किराया नहीं वसूल सकेंगी।
गौरतलब है कि सरकार का यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जनता लंबे समय से मांग कर रही थी कि कैब सर्विस देने वाली कंपनियों द्वारा ज्यादा किराया वसूलने की मनमानी पर लगाम लगाई जाए।
हालांकि यह पहली बार है कि जब देश में ओला-ऊबर सरीखी कैब या कार एग्रीगेटर्स को रेग्यूलेट करने के लिए गवर्नमेंट ने गाइडलाइंस जारी किए (Ola-Uber can’t be able to charge more rent now due to govt new guidelines)है।
डाटा की सुरक्षा के लिए बनाया नियम
एग्रीगेटर्स को डाटा लोकलाइजेशन सुनिश्चित करना होगा कि डाटा भारतीय सर्वर में न्यूनतम तीन महीने और अधिकतम चार महीने उस तारीख से स्टोर किया जाए, जिस दिन डाटा जेनरेट किया गया था।
भारत सरकार के कानून के अनुसार डाटा को सुलभ बनाना होगा लेकिन ग्राहकों के डाटा को यूजर्स की सहमति के बिना शेयर नहीं किया जाएगा।
कैब एग्रीगेटर्स को एक 24X7 कंट्रोल रूम स्थापित करना होगा और सभी ड्राइवरों को अनिवार्य रूप से हर समय कंट्रोल रूम से जुड़ा होना होगा।
एग्रीगेटर को बेस फेयर से 50फीसदी कम चार्ज करने की अनुमति
Ola-Uber can’t be able to charge more rent
नए नियमों के अनुसार, एग्रीगेटर को बेस फेयर से 50% कम चार्ज करने की अनुमति होगी।
वहीं, कैंसिलेशन फीस कुल किराये का दस फीसदी होगी, जोकि राइडर और ड्राइवर दोनों के लिए 100 रुपए से अधिक नहीं होगी।
ड्राइवर को अब ड्राइव करने पर 80 प्रतिशत किराया मिलेगा, जबकि कंपनी को 20 प्रतिशत किराया ही मिल सकेगा।
यात्रियों की सेफ्टी का रखा गया है ख्याल
मिनिस्ट्री ने अपने बयान में कहा है कि इससे पहले एग्रीगेटर का रेगुलेशन उपलब्ध नहीं था।
अब इस नियम को यात्रियों की सुरक्षा और ड्राइवर के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जिसे सभी राज्यों में लागू किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने एग्रीगेटर को रेगुलेट करने के लिए गाइडलाइन्स जारी (Motor Vehicle Aggregators Guidelines 2020) की है।
Ola-Uber can’t be able to charge more rent