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राज्‍यसभा में हंगामें पर 8 सांसद निलंबित,संसद में धरने पर बैठा विपक्ष

अपने सांसदों के निलंबन से विपक्षी दल बेहद आक्रामक हो गए हैं। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि ऐसी कार्यवाही सरकार की ‘‘निरंकुश मानसिकता’’ दर्शाती है...

नई दिल्‍ली: 8 MPs Suspended in Rajya Sabha-opposition protest- राज्यसभा में भारी हंगामें के बीच उपसभापति ने नए कृषि बिल 2020(Farm Bills 2020 passed in RS)को पारित कर दिया और इस पर विपक्ष ने भारी हंगामा किया।

राज्यसभा में हुए हंगामे के खिलाफ सोमवार को सदन में सभापति वैंकेया नायडू ने कड़ी कार्रवाई की और हंगामा करने वाले विपक्ष के 8 सांसदों को बाकी सत्र के लिए निलंबित कर दिया।

सोमवार को संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधर ने रविवार को हंगामा करने वाले 8 सांसदों को संसद के बाकी सत्र के लिए निलंबन(8 MPs Suspended in Rajya Sabha) का प्रस्ताव पेश किया और इसे ध्वनिमत से पारित किया गया।

इस प्रस्ताव के कारण राज्यसभा में विपक्ष के जिन आठ सासंदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया है उनमें-तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन (Derek O’Brien) और डोला सेन, कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, आप के संजय सिंह (Sanjay Singh), माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल हैं।

निलंबन के बाद भी यह सांसद सदन के बाहर नहीं गए और हंगामा होता रहा। इसके पश्चात कई बार सदन की कार्रवाई को स्थिगित करना पड़ा और फिर अंत में मंगलवार तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया।

विपक्ष के आठ सांसदों ने निलंबन पर अपनी-अपनी पार्टी सदस्यों के साथ संसद के परिसर(Parliament premises) में गांधी प्रतिमा पर धरना (opposition protest) दिया।

निलंबित सांसदों ने इसे सभापति की एकतरफा कार्रवाई करार दिया और लोकतंत्र की हत्या कहा। तो वहीं भाजपा ने विपक्ष सासंदों के व्यवहार को निंदनीय और अनुचित के साथ-साथ गुंडागर्दी करार दिया।

 

विपक्षी सांसदों ने क्यों किया हंगामा8 MPs Suspended in Rajya Sabha-opposition protest

रविवार को नए कृषि बिल 2020 के विरोध पर विपक्ष ने भारी हंगामा किया। विपक्ष का आरोप था कि उप सभापति ने बिना मत विभाजन के कृषि बिल को ध्वनिमत से पास करा दिया।

इतना ही नहीं,उपसभापति ने संसद के नियमों की अनदेखी करके सदन की कार्यवाही का समय सभी की सहमति लिए बिना अपने हिसाब से बढ़ा दिया।

संसद में संविधान का गला घोंटा जा रहा है। ऐसा आरोप विपक्ष की ओर से रणदीप सुरजेवाला ने लगाया है।

न्होंने बताया कि राज्यसभा टीवी (Rajya Sabha TV)और ऑडियो को बंद करना, मार्शलों को बुलाकर सांसदों को बाहर निकालना क्या सांसदीय प्रणाली है?

अपने सांसदों के निलंबन से विपक्षी दल बेहद आक्रामक हो गए हैं। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि ऐसी कार्यवाही सरकार की ‘‘निरंकुश मानसिकता’’ दर्शाती है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी की मुखिया ममता बनर्जी ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि वह संसद और सड़क दोनों जगह ‘‘फासीवादी’’ सरकार से लड़ेंगी।

राज्यसभा में टीएमसी के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर रॉय ने उच्च सदन चलाने के तरीके पर सवाल उठाया। रॉय ने यह भी कहा कि ‘‘लोकतंत्र के इस मंदिर’’ में इस कार्यवाही की सभी खेमों को निंदा करनी चाहिए।

 

नीतीश कुमार ने सरकार का बचाव किया

 

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “राज्यसभा में रविवार को जो कुछ भी हुआ वह बहुत गलत, निंदनीय है।” उन्‍होंने कहा कि अपनी बात रखने का एक तरीका होता है। और संसद से पास हुए कृषि विधेयक तो कृषि क्षेत्र के हित में हैं। राज्‍य के डिप्‍टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि “राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ विपक्ष की ओर से अमर्यादित बर्ताव किया गया, बिहार के लोग इसका जवाब देंगे।”

 

एम वेंकैया नायडू ने सांसदों के आचरण पर दुख जताया

सोमवार सुबह जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सांसदों को आईना दिखाने की कोशिश की।

उन्‍होंने कहा, “एक दिन पहले उच्च सदन में कुछ विपक्षी सदस्यों का आचरण दुखद, अस्वीकार्य और निंदनीय है।” नायडू ने उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

उन्‍होंने कहा कि ‘सदस्यों ने COVID-19 संबंधी सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया। इसके अलावा उन्होंने उपसभापति हरिवंश के साथ बदसलूकी की।

माइक उखाड़े गए और नियमों की पुस्तिका फेंकी गई। उनके साथ अमर्यादित आचरण किया गया।’

 

सभापति के कहने पर भी सांसद बाहर नहीं गए

सभापति ने निलंबित किए गए बाकी सदस्यों को बार बार सदन से बाहर जाने को कहा। लेकिन सदस्य सदन से बाहर नहीं गए और सदन में हंगामा जारी रहा। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बार बार बाधित हुई। आसन ने कई बार निलंबित सदस्यों को सदन से बाहर जाने को कहा। इन अपीलों का कोई असर नहीं हुआ। सदन की कार्यवाही चार बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब 12.05 बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

(इनपुट एजेंसी से भी)

8 MPs Suspended in Rajya Sabha-opposition protest

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Varsa

वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

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