Baby के बाद…क्या आपको भी होती है अतरंग संबंधो को लेकर समस्या..? तो जरुर पढ़े यह खबर

बच्चे के जन्म के बाद अतरंग संबंधो को लेकर महिला और पुरुषो की प्रतिक्रिया

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after baby birth – Male feelings and female feelings

माँ अपने आप में एक पूर्ण शब्द होता है। कहते है बच्चे को जन्म देने के बाद माँ का दूसरा जन्म होता है। 

बच्चे के जन्म के साथ ही सभी रिश्ते नए हो जाते है। बच्चे के जन्म के साथ एक माँ के साथ-साथ एक पिता का भी जन्म होता है।

आपने आज तक ज्यादातर लोगो को एहि कहते सुना होगा कि बच्चे के जन्म के बाद माँ को कई अलग -अलग परिस्तिथियों से गुजरना पड़ता हैं

और कुछ  महियलाये पोस्ट प्रेगनेंसी डिप्रेशन में चली जाती है  लेकिन ये आधा सच हैं। बच्चे के जन्म के बाद पिता की भी जिम्मेवारी बराबर को होती है

और उन्हें भी पोस्ट पार्टम दौर से गुजरना पड़ता हैं। ऐसे में जरुरी है दोनों पक्ष एक दूसरे को संभाले और एक दूसरे की जरुरत का ध्यान रखें।

हम सभी जानते हैं कि गर्भावस्था के बाद एक महिला का शरीर बहुत सारे बदलावों से गुजरता है

और उसके हार्मोन में बदलाव ‘सेक्स’ में रुचि कम कर देते है। हम सभी इस बात को समझते हैं नौर यह थोड़ा मुश्किल भी होता है। 

इसी के विपरीत पुरुषो में कुछ बदलाब तो नहीं आते लेकिन सेक्स  उनकी रूचि बढ जाती है और उन्हें सेक्स के लिए ज्यादा उतेज़ना महसूस होती हैं।

after baby birth – Male feelings and female feelings

ऐसे में जरुरी होता हैं पुरुषो का महिला की इच्छाओ का सम्मान करना और बदले में महिलाओ को पुरुषो की उतेज़ना को समझाना। 

एक दूसरे के साथ मिलकर और एक दूसरे की भावना को समझकर दोनों पक्ष खुश रहे सकते है।

बच्चे के जन्म के बाद सेक्स को लेकर सुझाव  –

  1. बच्चे के जन्म के बाद सेक्स को लेकर ज्यादा उतावलापन ना दिखाएँ। शुरुआत में केवल आपसी प्यार को जगाने और अंतरंगता बनाने का प्रयास करें।
  2. शुरुआत में जल्दी में संभोग करने का प्रयास ना करें
  3. अगर आपको किसी भी प्रकार की पीड़ा या असहजता हो रहो है तो कुछ समय के लिए रुक जाएँ
  4. स्तनपान करवाने के दौरान योनि का सूखा रहना काफी आम है इसलिए किसी क्रीम या चिकनाई युक्त जैली लगाने से आपको मदद मिल सकती है।

after baby birth – Male feelings and female feelings

Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।