अन्ना का अनशन सातवें दिन खत्म, एक बार फिर मिला आश्वासन

अहमदनगर (महाराष्ट्र), 6 फरवरी :अन्ना का अनशन सातवें दिन खत्म, एक बार फिर मिला आश्वासन l

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ करीब छह घंटों तक चली

मैराथन बैठक के बाद मंगलवार शाम अपना सात दिनों का लंबा अनशन तोड़ दिया।

हजारे के रालेगण सिद्धि गांव में हुई इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री राधे मोहन सिंह भी शामिल हुए। 

इस बैठक के बाद फडणवीस ने हजारे से अनशन तोड़ने की गुजारिश की, जिसके बाद कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री के हाथ से एक ग्लास जूस पिया,

जिसके बाद वहां मौजूद गांव वाले और समर्थक खुशी में नारे लगाने लगे। 

इससे पहले फडणवीस और सिंह ने हजारे की तीन-सूत्री मांगों पर चर्चा की, जिसके लिए हजारे 30 जनवरी से भूख हड़ताल पर थे। 

इन मांगों में राष्ट्रीय स्तर पर लोकपाल लागू करना, सभी राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति

और एम. एस. स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करने की किसानों की मांग को पूरा करना शामिल है। 

इससे पहले हजारे ने सोमवार को आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी ने 2014 में सत्ता में आने के लिए उनका ‘उपयोग’ किया था,

जिसके बाद सरकार तुरंत हरकत में आई और 81 वर्षीय हजारे को खुश करने के उपाय में जुट गई। 

इस बयान के बाद फडणवीस मुंबई से मंगलवार दोपहर हजारे के गांव पहुंचे और उनके साथ

अंतिम वार्ता की और बाद में घोषणा की कि सभी मांगें मान ली गई हैं। 

फडणवीस ने कहा, “लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही शुरू की जाएगी।

लोकपाल सर्च कमेटी की बैठक 13 फरवरी को होगी, जैसा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस संबंध में आदेश दिया है।”

उन्होंने कहा कि जैसा कि हजारे ने मांग की है महाराष्ट्र में लोकायुक्त के लिए एक संयुक्त मसौदा समिति बनाई जाएगी,

जो नया विधेयक तैयार करेगी, और उसे इस महीने के अंत में विधानसभा के आगामी बजट सत्र में पेश किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त मसौदा समिति में सरकार के प्रतिनिधियों के अलावा हजारे द्वारा नामित प्रतिनिधि भी होंगे। 

उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट लागू करने की हजारे की मांग पर विचार किया जाएगा और आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 

आईएएनएस

Dharmesh Jain: धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।