
मुंबई, 9 मार्च : शिवसेना के वरिष्ठ नेता और प्रधानाचार्य रह चुके विश्वनाथ पी. महादेश्वर बुधवार को देश के सबसे बड़े बजट वाले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के महापौर चुन लिए गए। उन्होंने एकमात्र प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के विट्ठल लोकारे को हराया। महादेश्वर को 227 सदस्यों, जबकि विट्ठल को 31 पार्षदों का समर्थन मिला।
56 वर्षीय महादेश्वर बांद्रा वार्ड से तीन बार बीएमसी के पार्षद चुने जा चुके हैं।
महादेश्वर की नियुक्ति के साथ ही शिवसेना ने लगातार पांचवीं बार बीएमसी महापौर पद पर कब्जा बरकरार रखा है।
राजे संभाजी विद्यालय और सांताक्रूज (पूर्वी) में स्थित जूनियर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य महादेश्वर को महापौर पद के चुनाव में आसान जीत हासिल हुई, क्योंकि शिवसेना की राज्य सरकार में घटक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनके पक्ष में मतदान किया।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के सात पार्षदों ने मतदान नहीं किया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने चार दिन पहले ही घोषणा कर दी थी कि उनकी पार्टी महापौर के चुनाव से अलग रहेगी, जिसके कारण भाजपा को हराने का विपक्ष का साझा एजेंडा क्रियान्वित ही नहीं हो पाया।
मतदान के दौरान पूर्व महापौर स्नेहल आंबेकर, नगर निगम आयुक्त अजय मेहता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी और नेता उपस्थित थे।
मतदान से पहले बीएमसी मुख्यालय के बाहर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने नाच गाने के साथ अपनी ताकत का प्रदर्शन किया, लेकिन सदन के अंदर भाजपा के पार्षदों के ‘मोदी, मोदी’ के नारों से शिवसेना पार्षदों की आवाज दब गई।
महापौर पद के लिए होने वाले चुनाव से चार दिन पहले बीएमसी चुनाव में मात्र दो सीट के अंतर से दूसरे स्थान पर रही भाजपा ने खुद को महापौर के चुनाव से अलग कर लिया था। भाजपा ने कहा है कि वह बीएमसी में किसी भी तरह का पद नहीं लेगी।
पिछले महीने हुए बीएमसी चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जिसके खाते में 84 सीटें आई हैं, जबकि भाजपा को इससे मात्र दो सीटें कम यानी 82 सीटें मिली हैं।
कांग्रेस को 31, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 9, मनसे को 7, समाजवादी पार्टी (सपा) को 6, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमिन (एआईएमआईएम) को 2, अखिल भारतीय सेना को एक तथा निर्दलीयों ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की है।
–आईएएनएस