Breaking News: कांग्रेस को बड़ा झटका- सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी विधायकों की लिस्ट मांगी, येदियुरप्पा तय समय पर लेंगे शपथ

Income Tax Return filling deadline has been extended till December 31 now

नई दिल्ली, 17 मई: सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी से समर्थन देने वाले विधायकों की लिस्ट मांगी है और साथ ही येदियुरप्पा के शपथ-ग्रहण समारोह पर कोई रोक नहीं लगाई है। शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे इस मामले की दोबारा सुनवाई होगी। 15 मई की चिट्टी जिसके लिए येदियुरप्पा ने दावा किया था कि उनके पास बहुमत है या उन्हें किस आधार पर सरकार बनाने का न्यौता दिया गया है, उसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि भारत सरकार शुक्रवार सुबह की सुनवाई में उसे पेश करें। येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण तो आज होगा लेकिन बहुमत साबित करने के लिए उन्हें जो 15 दिन का समय दिया गया है उसे कम किया जाएगा या नहीं इसका फैसला कल सुप्रीम कोर्ट येदियुरप्पा के समर्थक विधायकों की चिट्ठी देखने के बाद लेगा।

 

इससे पहले क्या और कैसे हुआ

सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। बीजेपी को इस मामले में बड़ी राहत मिली है। आज सुबह 9 बजे येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। कोर्ट ने कहा है कि वो राज्यपाल वजुभाई  के फैसले पर उंगली नहीं उठा सकते। राज्यपाल के विशेषाधिकार पर कोर्ट का दखल नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी को नोटिस जारी कर दिया है कि वे अपना पक्ष रखें कि वे बहुमत कैसे जुटाएंगे। इधर, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि एक बार अगर येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन गए तो सुप्रीम कोर्ट के लिए चीजें और मुश्किल हो जाएंगी। इसलिए पहले वे येदियुरप्पा से बहुमत वाली चिट्ठी की मांग करें और उसे देखने के बाद ही उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने की अनुमति दें। जब तक समर्थन चिट्ठी न देख लें तब तक येेदियुरप्पा के शपथ ग्रहण को टाल दें। सुप्रीम कोर्ट में अभी भी सुनवाई चल रही है और अंतिम फैसला आना बाकी है।सिघवी ने कहा है कि येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण के समय को शाम 4:30 बजे तक टाल दिया जाए।

 

इससे पहले,

नई  दिल्ली ,17 मई : सुप्रीम कोर्ट इस समय कांग्रेस की अपील पर सुनवाई कर रहा है।सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस इस बात पर घिर गई कि राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया है वो चिट्ठी कहां है। अगर आपके पास चिट्ठी नहीं है तो हम केस को सुनें ही क्यों। सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी से भी सवाल किया कि आपके पास विधायकों की सपोर्ट का लैटर कहां है? जब तक वो सपोर्ट लैटर हमें नहीं मिलेगा हम कैसे जान सकेंगे कि येदियुरप्पा कैसे अपना बहुमत साबित करने जा रहे है।

कांग्रेस ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की मांग की है और गवर्नर के फैसले पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है कि बिना बहुमत के गवर्नर कैसे बीजेपी को कर्नाटक में पहले सरकार बनाने का न्यौता दे सकते है। कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मांग की है कि येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह को दो दिन के लिए टाल दिया जाए और बीजेपी को गवर्नर ने जो 15 दिन का वक्त दिया है बहुमत जुटाने के लिए उसे कम किया जाए। इस पर केंद्र सरकार की ओर से वकील एजी वेणुगोपाल ने कहा कि 15 दिन का वक्त मिलने से आसमान नहीं टूट पड़ेगा। पंद्रह दिन का वक्त राज्यपाल का विशेषाधिकार है। जस्टिस सीकरी ने कहा कि आंकड़े बीजेपी के साथ नहीं है। तब एजी वेगुगोपाल ने कहा कि बहुमत साबित करने से सब सिद्ध हो जाएगा।

यह भी पढ़े:  Live कर्नाटक सरकार गठन: येदियुरप्पा शपथ ग्रहण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस, आधी रात में चल रही है सुनवाई

इससे पहले

कांग्रेस पार्टी कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले से खासी नाराज है कि उन्होंने बीजेपी को बतौर सबसे बड़ा दल मानकर कर्नाटक में सरकार बनाने का न्यौता पहले दे दिया जबकि कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन को मिलाकर सरकार बनाने का आंकड़ा जरूरी आकंड़े से कहीं ज्यादा बैठता है। इसी के खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की और इसी मुद्दे पर इस समय सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

दरअसल, येदियुरप्पा का गुरुवार की सुबह 9 बजे होने वाले शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है और इसी पर कांग्रेस-जेडीएस ने रोक लगाने की मांग की। कांग्रेस और जेडीएस कर्नाटक के राज्यपाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर भी गुहार लगाई है कि उन्होंने बीजेपी को 15 दिन का समय बहुमत जुटाने के लिए कैसे दे दिया।

अब बुधवार आधी रात 1:45 बजे से सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस मुद्दे पर सुनवाई कर रही है। कांग्रेस की ओर से पक्ष रखने का काम अभिषेक मनु सिंघवी कर रहे है और बीजेपी की ओर से पूर्व अटॉर्नी जरनल मुकुल रोहतगी के साथ-साथ सरकार की ओऱ से एएसजी तुषार मेहता इस समय कोर्ट में मौजूद है।

सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच कर्नाटक में सरकार गठन के मुद्दे की सुनवाई कर रही है। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही इस बात का पता चलेगा कि येदियुरप्पा सुबह शपथ ग्रहण कर पाएंगे या नहीं और कर्नाटक में बीजेपी एक बार फिर पांच साल बाद सरकार बना पाएंगी या नहीं।

यह भी पढ़े: चिट्ठी पर सुप्रीम कोर्ट में घिरी कांग्रेस- कोर्ट ने पूछा: राज्यपाल का वो लैटर कहां है जहां बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता मिला

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई कोर्ट रुम नंबर 6 में चल रही है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि बीजेपी के पास महज 104 विधायक है ऐसे में गवर्नर उन्हें कैसे पहले सरकार बनाने का न्यौता दे सकते है और येदियुरप्पा कैसे सुबह 9 बजे शपथ ग्रहण कर सकते है।

इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा है कि राज्यपाल के आदेश पर रोक नहीं लगाई जा सकती यानि वे कहना चाहते है कि येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाना सही नहीं है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस-जेडीएस के पास 117 विधायक है जबकि भाजपा के पास महज 104 विधायक है ऐसे में वे कर्नाटक में सरकार कैसे बना सकते है और राज्यपाल कैसे उन्हें पहले न्यौता दे सकते है जबकि गोवा और मणिपुर में बड़ा दल होने पर भी कांग्रेस को राज्यपाल ने पहले न्यौता नहीं दिया था।

इस पर मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि गोवा में कांग्रेस ने अपना पक्ष ही नहीं रखा था। दोनों केसों की तुलना ही नहीं हो सकती। सिंघवी के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारिया रिपोर्ट में बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में कर्नाटक में आई है। कांग्रेस-जेडीएस ने चुनाव के बाद गठबंधन बनाया। 

अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यपाल द्वारा बीजेपी को दिए 15 दिन के वक्त पर भी सवाल उठाएं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जस्टिस सीकरी ने कहा कि बीजेपी के बहुमत के दावे को भी परखना होगा।

कांग्रेस ने दलील दी कि बहुमत के दावे के सुबूत के बावजूद भी राज्यपाल ने कांग्रेस-जेडीएस को मौका नहीं दिया।मेघालय और गोवा में भी पोस्ट पोल अलायंस (चुनाव बाद गठबंधन) को मौका दिया गया फिर कर्नाटक में क्यों नहीं। सिंघवी ने कहा कि शपथग्रहण करने की क्यों जल्दी है।झारखंड में भी चुनाव बाद सरकार बनी।

कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल अपने विवेक से फैसला ले सकते है तो हम कैसे उनके फैसले पर उंगली उठा सकते है। सिंघवी ने कहा कि दिल्ली में भी आप और कांग्रेस की चुनाव बाद सरकार बनी और जम्मू-कश्मीर में भी पीडीपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार बनीं।

Priyanka Jain: