भाजपा के घोषणापत्र में ‘मैं ही मैं’ ये ‘झांसा पत्र’ ‘झूठ का गुब्बारा’ है: कांग्रेस

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया, 'मोदी जी का मूल मंत्र 'झांसे से फांसो' है। इन जनता पर भरोसा कैसे करे? यह घोषणा पत्र नहीं 'झांसा पत्र' है।'

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नयी दिल्ली,9अप्रैल:Congress called BJP Sankalp Patra 2019 ‘Jhansa Patra’ ‘Jhut ka gubbara’- कांग्रेस ने भाजपा के घोषणापत्र को झांसा पत्र करार दिया है। इसे झूठ का गुब्बारा कहते हुए कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा के संकल्प पत्र में जनता नहीं बल्कि ‘मैं ही मैं हूं है।

कांग्रेस ने सोमवार को जारी हुए भाजपा के संकल्प पत्र ( Sankalp Patra) को झूठ का गुब्बारा‘ (Jhut ka gubbara) करार देते हुए दावा किया है कि अब इनके हथकंडे चलने वाले नहीं हैं क्योंकि देश की जनता इन्हें पहचान चुकी है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि अब यह झूठ बनाम न्याय (Jhut vs NYAY) का चुनाव है।

पटेल ने संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस के घोषणा पत्र में जनता है और भाजपा के घोषणापत्र में मैं ही मैं हूँ‘(I,my,me myself)  है। उनका घोषणा पत्र झूठ का गुब्बारा (Jhut ka gubbara) है। झूठ बनाम न्याय है।

उन्होंने कहा, ‘इनको माफीनामा जारी करना चाहिए था क्योंकि इन्होंने पांच साल में कोई काम नहीं किया। ये जो वादा करते हैं उसे कभी नहीं निभाते। देश की जनता इनको अच्छी तरह पहचान गयी है। असल में इनको अपने काम का हिसाब देना चाहिए।’

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया, ‘मोदी जी का मूल मंत्र ‘झांसे से फांसो’ है। इन जनता पर भरोसा कैसे करे? यह घोषणा पत्र नहीं ‘झांसा पत्र’ है।’

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, इस बार फिर झांसा पत्र तैयार, हो जाओ जाने के लिए तैयार, झोला उठा के चलने हो को जाओ तैयार।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने सोमवार को ‘संकल्प पत्र’ के नाम से अपना घोषणापत्र जारी किया। इसमें भाजपा ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर देने के साथ आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेन्स’ की प्रतिबद्धता दोहराई है। इसके साथ ही 60 साल की उम्र के बाद किसानों और छोटे दुकानदारों को पेंशन देने सहित कई एलान किए हैं।

(इनपुट एजेंसी से भी)

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Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।