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नई दिल्ली (समयधारा) : इस समय कोरोना ने पूरे विश्वभर में आतंक मचा रखा है, वही भारत में भी यह कोई कम कहर नहीं ढा रहा हैl
हालात यह है कि भारत में 21 दिन का लॉक डाउन है l पर इस लॉकडाउन के बीच नई दिल्ली के निजामुद्दीन से एक बड़ी बुरी खबर आई है l
दिल्ली के निजामुद्दीन में 1300 से 1500 लोग मरकज़ (Markaz) धार्मिक समारोह के लिए जमा हुए थे।
इनमें से कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। यहां मरकज़ के लिए जो लोग आए थे वो तबलीगी जमाज (Tablighi Jamaat) के थे।
खबर लिखे जाने तक ऑफिसियल 24 लोगों में कोरोना होने की खबर है बाकी लोगों की जाचं जारी है l10 लोगों की मौत भी हो चुकी हैl
इन पर FIR भी दर्ज हो चुकी है l इस मरकज में शामिल होने के लिए देश विदेश से करीब 1500 लोग इसमें शामिल बताएं जा रहे है l
पर सबसे बड़ा सवाल है की यह मरकज क्या है और यह तबलीगी जमात क्या है?
चलियें सबसे पहले हम आपको बताते है तबलीगी जमात के बारें में :
तबलीगी का मतलब है अल्लाह की बातों का प्रचार-प्रसार करना। जमात का मतलब होता है समूह।
यानी ईश्वर की कही बातों का प्रचार प्रसार करने वाले समूह को तबलीगी जमात कहते हैं। ये लोग इस्लाम को मानते हैं।
माना जाता है कि दुनिया भर में इस जमात के करीब 15 करोड़ सदस्य हैं। अब यह लोग निजामुद्दीन मई क्या कर रहे थे l
यह लोग वहां मरकज के लिए इकट्ठा हुए थे l अब आप सोच रहे होंगे की यह मरकज क्या है l
मरकज़ (Markaz) का मतलब होता है मीटिंग। nizamuddin corona-updates what-is-tablighi-jamaat-markaz
यानी देश भर के 1300 से 1500 लोग निजामुद्दीन में मरकज़ यानी किसी सभा या बैठक के लिए आए थे।
इतिहास काफी पुराना है भारत में तबलीगी जमात (Tablighi jamaat) की शुरुआत 1927 में मुहम्मद इलियास अल- कांधलवी ने की थी।
भारत में यह हरियाणा के नूंह जिले से शुरू हुआ था। इस जमात के 6 उसूल हैं जिनपर ये चलते हैं।
ये हैं कलिमा, सलात, इल्म, इकराम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत और दावत-ओ-तबलीग।
दिल्ली के निजामुद्दीन में इस जमात का हेडक्वार्टर है।nizamuddin corona-updates what-is-tablighi-jamaat-markaz
इस जमात की शुरुआत भले ही 1927 में हुई थी लेकिन इसे अपने पहले मरकज़ या बैठक में करीब 14 साल का वक्त लगा।
1941 में 25,000 लोगों के साथ इस जमात के पहले मरकज़ की शुरुआत हुई। दुनियाभर के देश में हर साल इसका आयोजन होता है।
तबलीगी जमात का सबसे बड़ा जलसा बांग्लादेश में आयोजित होता है। वैसे भारत और पाकिस्तान में भी इसका सालाना जलसा होता है।
दिल्ली में कोरोना (Coronavirus) का कोहराम सोमवार को उस वक्त ज्यादा मच गया जब पता चला कि निजामुद्दीन (Nizamuddin) में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के धार्मिक कार्यक्रम मरकज (Markaz) में भाग लेने गए 10 लोगों की कोरोनावायरस से संक्रमण के चलते मौत हो गई।
कोरोना से मरने वाले ज्यादातर लोग तेलंगाना से है। इस कार्यक्रम में शिरकत करने तकरीबन 2000 लोग आएं थे। इनमें से 500 के करीब विदेशी लोग थे, जिनमें से तकरीबन 300 वापस जा चुके थे और 200 के करीब निजामुद्दीन के मरकज में ही थे।
तबलीगी जमात के कार्यक्रम से भाग लेकर जो लोग अपने-अपने घर लौटे, उनमें सबसे पहले तेलंगाना (Telangana) के 6 लोगों की कोरोना पॉजिटिव होने के कारण मौत हो गई थी।
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इस खबर के बाद दिल्ली में कोरोना का कहर और बरपने का अंदेशा हो गया है। निजामुद्दीन के मरकज में भाग लेकर वापस लौटे लोग अंडमान, कश्मीर, यूपी और तेलंगाना भी गए थे। इनमें से तेलंगाना में सबसे पहले मरकज से लौटे 6 लोगों की मौत हो गई है।
इसके अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक और जम्मू कश्मीर से भी एक-एक मरकज में शामिल व्यक्ति की मौत की खबर है।
इसके अतिरिक्त अंडमान में भी कोरोनावायरस के 10 पॉजिटिव केस सामने आने से भी हड़कंप मचा हुआ है। इन सभी ने दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात के सेंटर (मरकज) कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।
अंडमान के 9 संक्रमित इन्हीं में से है और 10 वीं संक्रमित महिला है जोकि इन्हीं लोगों में से ही एक कोरोना मरीज की पत्नी है।
पूछताछ करने पर सभी कोरोना पॉजिटिव ने इस बात को पुलिस को बताया कि वे निजामुद्दीन स्थित मरकज में भाग लेने गए थे।
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खबर है कि तेलंगाना सरकार ने तबलीगी जमात से लौटे 194 लोगों की पहचान कर ली है। जमात में भाग लेकर लौटे बाकी लोगों की पहचान करने के आदेश यूपी,अंडमान,कश्मीर,दिल्ली,तेलंगाना आदि में दे दिए गए है।
दिल्ली (Delhi) की केजरीवाल सरकार ने जमात के एक मौलाना के खिलाफ लॉकडाउन में इतनी बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर लापरवाही बरतने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए है।
सूत्रों से पता चला है कि तबलीगी जमात के इस धार्मिक कार्यक्रम में तकरीबन 1900 से 2000 लोगों ने भाग लिया था, जिनमें देश के अलग-अलग हिस्सों के अतिरिक्त कई विदेशी नागरिक भी सम्मिलित थे।
इस कार्यक्रम में शामिल एक विदेशी नागरिक की मौत हो गई है और अन्य 19 विदेशी नागरिकों में भी कोरोनावायरस की पुष्टि हुई है।
देश की राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन (Nizamuddin) इलाके में मरकज (Markaz )तबलीगी जमात मुख्यालय में एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
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क्या है तबलीगी जमात? what is Tablighi Jamaat?
इस्लाम के प्रचार और प्रसार के लिए तबलीगी जमात का सेंटर दिल्ली के निजामुद्दीन में है। यहां इस्लाम (Islam) के प्रचार व प्रसार के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से लोग आते है।
इस धार्मिक कार्यक्रम को मरकज कहा जाता है। कार्यक्रम पूरा होने के बाद यह सभी लोग विभिन्न समूहों में देश के अलग-अलग शहरों,कस्बों और इलाकों में इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए जाते है।
इन लोगों को इलाकों की चिट दी जाती है, इसमें मस्जिद का ब्यौरा लिखा होता है। जमात के कार्यक्रम में शामिल लोग इन्हीं मस्जिदों में ठहरते है।
रविवार को तबलीगी जमात के सेंटर से दिल्ली के LNJP अस्पताल में 34 लोगों को जांच के लिए लाया गया था और ये सभी कोरोना संक्रमण के संदिग्ध बताए जा रहे हैं।
इसमें एक 64 साल के व्यक्ति की मौत हो गई है जोकि तमिलनाडु का रहने वाला था।जमात के कार्यक्रम में शामिल 200 से ज्यादा लोगों में कोरोना के संक्रमण की आशंका से हड़कंप मचा हुआ है।
सोमवार को तेलंगाना के सीएम ने भी सरकार को सूचित किया कि तबलीगी जमात से लौटे 6 लोग कोरोना पॉजिटिव थे और उनकी मौत हो गई है। बाकी लोगों की तलाश की जा रही है।
मरकज में शामिल 200 के करीब लोगों को कोरोना संदिग्ध बताया जा रहा है, कोरोना संक्रमण की संभावना के बाद यहां मौजूद 163 लोगों को दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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जमात के सेंटर को सैनेटाइज करने के आदेश दे दिए गए है और सेंटर को खाली करवा लिया गया है।
सरकार ने इस इलाके में रहने वाले लोगों को भी दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में जांच के लिए भर्ती कराया है।
दिल्ली में सोमवार को सबसे ज्यादा करोना पॉजिटिवों (Corona) केस 25 सामने आए, जिनमें से 19 का संबंध इसी कार्यक्रम से था।
COVID19: 10 corona positive people died who returned Nizamuddin Markaz in Delhi
दिल्ली के लोकनायक अस्पताल की ओर से कहा गया है कि उनके यहां कोरोना संक्रमित 174 मरीज भर्ती हैं, जिसमें से 163 निजामुद्दीन इलाके से ही आए हैं।
रविवार को 85 मरीज आए जबकि 34 को सोमवार को भर्ती कराया गया। दिल्ली में इतनी बढ़ी संख्या में पहली बार कोरोना पॉजिटिव लोगों का पता चला है।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मरकज के एक मौलाना के खिलाफ केज दर्ज करने का आदेश दिया है। लॉकडाउन (Lockdown) के समय लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में इतना बड़ा धार्मिक आयोजन करने के लिए इन लोगों ने कोई अनुमति भी नहीं ली थी, जबकि तबलीगी जमात के प्रमुख का कहना है कि हमने सरकार के आदेश जो जहां है, वहीं रहें का पालन किया है।
तेलंगाना सहित दिल्ली सरकार ने भी उन सभी लोगों की पहचान करने को कहा है कि जो इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे,
उन सभी से अपनी जांच अस्पताल में करवाने की अपील की है और लोगों को सावधान रहने को कहा है जो इनके संपर्क में आएं थे।
सरकार ने कहा है कि मरकज में शामिल सभी लोग तुरंत इसकी जानकारी अधिकारियों को दें।
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राज्य सरकार इन सभी लोगों का टेस्ट और इलाज फ्री में कराएगी। साथ ही अगर किसी को भी इनकी जानकारी है तो उसे सरकार और अधिकारियों को फौरन इसकी सूचना देनी चाहिए।
गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित हुए धार्मिक कार्यक्रम मरकज के सभी लोगों को कोरोना संदिग्ध होने के कारण दिल्ली पुलिस डीटीसी बसों में बरकर COVID-19 के चेकअप के लिए एलएनजेपी सहित विभिन्न अस्पतालों में लेकर गई है।
इस धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगों में से कई कोविड- 19 पॉजिटिव निकल रहे हैं।
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(इनपुट एजेंसी से भी )