Delhi violence: कोर्ट में चला कपिल मिश्रा का वीडियो, भड़काऊ भाषण देने वालों पर FIR दर्ज हो: हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम देश में एक बार फिर से 1984 जैसे हालात नहीं होने देंगे
नई दिल्ली:Delhi High Court on Delhi violence FIR should be lodged against hate speech- दिल्ली हिंसा पर हाईकोर्ट ने सख्ती बरतते हुए बुधवार को दिल्ली पुलिस का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि भड़काऊ भाषणों (hate speech) पर तुरंत FIR दर्ज हो। एफआईआर (FIR) दर्ज नहीं होगी तो जांच आगे कैसे बढ़ेगी?
Delhi violence matter in Delhi High Court: High Court directs to set up helplines for immediate help for victims, private ambulances to be provided for safe passage of victims. Court also directs set up of shelters for rehabilitation along with basic facilities. https://t.co/Z08ji92G32
— ANI (@ANI) February 26, 2020
दिल्ली हाईकोर्ट ने कोर्ट रूम में भाजपा नेता कपिल मिश्रा का भड़काऊ भाषण वाला वीडियो देखा और उसके साथ ही तीन अन्य भाजपा नेताओं प्रवेश वर्मा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और अभय वर्मा के भी दिल्ली चुनावों में दिए गए भड़काऊ भाषणों वाले वीडियो देखें गए
Delhi violence matter in Delhi High Court: The court adjourns the matter for tomorrow and states that the authorities must go strictly by the mandate of the law. https://t.co/2ExFwnbXXa
— ANI (@ANI) February 26, 2020
और कहा कि हम सिर्फ 3-4 क्लिप तक सीमित नहीं है, बल्कि हर भड़काऊ भाषण वाली क्लिप पर एफआईआर दर्ज (Delhi High Court on Delhi violence FIR should be lodged against hate speech) हो।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दूसरी ओर के भी वीडियो है,अभी उनकी भी समीक्षा की जानी है।
Delhi violence matter in Delhi High Court: On the plea of deployment of Army in the violence-affected areas, court says 'We don't want to enter into the question of deployment of Army. We should focus on the issue of registration of FIR right now.' pic.twitter.com/bW9ar6ZzdQ
— ANI (@ANI) February 26, 2020
इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को फटकार लगाते हुए कहा कि हर भड़काऊ भाषण पर एफआईआर अब तक दर्ज हो जानी चाहिए (Delhi High Court on Delhi violence FIR should be lodged against hate speech) थी।
नेता लोग भड़काऊ भाषण देते रहे और पुलिस ने अभी तक किसी के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के लिए एफआईआर तक दर्ज नहीं की।
हाईकोर्ट ने तुषार मेहता से कहा कि वे पुलिस आयुक्त को भाजपा के तीन नेताओं द्वारा सीएए हिंसा (CAA protest) के बारे में कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के संबंध में एफआईआर दर्ज करने की सलाह (Delhi High Court on Delhi violence FIR should be lodged against hate speech) दें।
Delhi violence matter in Delhi HC: Justice Muralidhar says we are surprised at the conduct of the police. HC also asks SG to advise the police commissioner on the registration of an FIR against the BJP leaders who made hate speeches; Hearing to held 2:30pm again https://t.co/b2Ho1bXYhw
— ANI (@ANI) February 26, 2020
हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) में पुलिस और सरकार के रूख पर खासी नाराजगी जताई है और तुषार मेहता से कहा है कि आप पुलिस कमिश्नर को बता दें कि हम भड़काऊ भाषणों पर एफआईआर दर्ज न होने से नाराज है।
15 दिसंबर (जामिया हिंसा की शुरूआत) से 25 फरवरी (दिल्ली दंगों का चरम) का वक्त आ गया। आप लोग किस बात का इंतजार कर रहे है?
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HighCourt) के जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की पीठ बुधवार को संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर उत्तरपूर्वी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों पर एफआईआर करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी दिल्ली की जनता से शांति की अपील की है। दूसरी ओर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने दिल्ली हिंसा को साजिश बताते हुए गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के इस्तीफे की मांग की है।
Delhi High Court on Delhi violence FIR should be lodged against hate speech
कपिल मिश्रा का वीडियो कोर्ट में चलाया गया
हाईकोर्ट ने दिल्ली में साम्प्रदायिक दंगों (Delhi riots 2020) के लिए कहा कि दिल्ली जल रही है और पुलिस व सरकार का रवैया निराशाजनक है। बाहर के हालात बहुत ज्यादा खराब है।
हाईकोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) राजेश देव से पूछा कि क्या उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा के कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण का वीडियो क्लिप देखा है?
इस पर तुषार मेहता ने कहा कि वह टेलीविजन नहीं देखते हैं और वे क्लिप उन्होंने नहीं देखीं हैं।
राजेश देव ने कहा कि उन्होंने भाजपा नेता अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के वीडियो देखे हैं लेकिन कपिल मिश्रा का वीडियो नहीं देखा है।
पुलिस अधिकारी के बयान पर जस्टिस मुरलीधर ने टिप्पणी की, ‘‘दिल्ली पुलिस की दशा पर मुझे वाकई में हैरानी है।’’
उन्होंने कोर्ट के कर्मचारियों से कोर्ट रूम में ही कपिल मिश्रा का वीडियो क्लिप चलाने को कहा।
संभवत: पहली बार ठसाठस भरे कोर्ट रूम में जब वहां जमा लोग शोर मचाने लगे तो पीठ ने कहा कि शिष्टता से पेश आएं अन्यथा कार्यवाही बंद कक्ष में की जाएगी।
दिल्ली साम्प्रदायिक हिंसा पर सुनवाई की शुरुआत में पुलिस आयुक्त का प्रतिनिधित्व करने के मुद्दे पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा के मध्य तीखी बहस भी हुई।
मेहरा ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार की शक्तियों के मुद्दे का निपटारा सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ कर चुकी है और हर किसी को देश के कानून का पालन करना चाहिए.
तुषार मेहता ने कहा कि मामले में भारत संघ भी एक पक्षकार है और उन्हें पेश होने का निर्देश उपराज्यपाल ने दिया है।
मेहता ने कहा, ‘‘यहां अशोभनीय माहौल मत बनाईये। मैं किसी रैली को संबोधित नहीं कर रहा. मैं मुवक्किल की ओर से पेश हुआ हूं।’’
हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम देश में एक बार फिर से 1984 (1984 riots) जैसे हालात नहीं होने देंगे।
Delhi violence matter in Delhi High Court: Delhi High Court inquires about the name of the officer who was seen in BJP leader Kapil Mishra's video clip.
— ANI (@ANI) February 26, 2020
दिल्ली हाई कोर्ट ने कपिल मिश्रा के साथ वीडियो क्लिप (Kapil Mishra video) में दिख रहे पुलिस अधिकारी का नाम भी पूछा है।
दिल्ली हाईकोर्ट कल भी इस मामले पर सुनवाई करेगा।
Delhi High Court on Delhi violence FIR should be lodged against hate speech
(इनुपट एजेंसी से भी)