संपादक की नजर से बीजेपी का घोषणापत्र-वादों का नया जुमला या हकीकत का संकल्प..?
Editor Opinion on BJP Sankalp Patra-Manifesto of 2019
नई दिल्ली, 8 अप्रैल (समयधारा) : आज फिर एक और घोषणापत्र जारी हो गया l
यह घोषणापत्र देश की मौजूदा सरकार मोदी सरकार का घोषणापत्र है l
इस घोषणा पत्र पर भी हमारी नजर रही और समयधारा की नजर से इस घोषणापत्र का विश्लेषण किया गया l
कांग्रेस के घोषणापत्र की तरह ही हम बीजेपी के घोषणापत्र में भी कई वादे किये गए है l
इन महत्वपूर्ण वादों में बीजेपी ने किसानो-छोटे उद्योमियों-महिलाओं-स्वास्थ्य सेवाओं-
इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणायें की l
इन घोषणाओं में एक बार फिर देशवासियों को बड़े-बड़े वादों का सपना दिखाया गया है l वादों का नया जूमला या हकीकत का संकल्प..?
यह जूमला अगर सच हुआ तो देश की इकोनॉमिक्स देश तरक्की की राह पर चल देगा l पर ऐसा होगा तब ना l
गुड गवर्नर्स – का वादा करने वाली मोदी सरकार के इस घोषणापत्र की विश्वनीयता पर सवाल तो उठेगा l
पर कुल मिलाकार मोदी सरकार ने बीजेपी सरकार ने अपने घोषणापत्र में कई महत्वपूर्ण वादे किये है l
और उनपर उन्हें खरा भी उतरना है l कितना खरे उतरेंगे कितने नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा l
बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में विभिन्न वादें किया है और वह संकल्प कर रही है कि वह उन्हें जरुर पूरा करेगी l
वही उन्होंने एक बार फिर मोदी सरकार का नारा भी बुलंद किया है l पर क्या बीजेपी ने अपने घोषणापत्र को लाने में देर नहीं कर दी l
देश के पहले चरण का चुनाव महज तीन दिन दूर है और बीजेपी अपना घोषणापत्र अब ला रही है l आखिर इतनी देरी क्यों ..?
क्या मोदी सरकार के पास कुछ बचा ही नहीं है देशवासियों को देने के लिए l
आखिर इस घोषणापत्र को लाने की देरी बीजेपी के लिए भारी तो नहीं पड़ेगी l अभी मोदी अपनी चुनावी रैली में व्यस्त है l
मोदी-शाह की जोड़ी ने भाजपा का घोषणापत्र जारी किया l सरकार चलना और वादा करना दोनों एक दूसरे के विपरीत है l
वादें-वादें होते है l उन्हें पूरा करना कब करना कहाँ करना यह तो भविष्य के गर्त में छुपा है l
इसीलिए बीजेपी हो या कोई भी पार्टी वादे करने से पीछे नहीं हटती l
कहते है राजनीति में हर पार्टी के पास अपने-अपने मुद्दों-वादों का संदूक होता है और इस संदूक से वह उन्हें चुनाव के दौरान निकलते है
यह इनके ब्रह्मास्त्र होते है l इनका उपयोग वह सबसे अंत में करते है l आज तक सियासत में इन ब्रह्मास्त्र का वार कभी खाली नहीं गया है l
शायद यही वजह है की देश की जनता हर बार इन जुमलों के झासे में आ जाती है और ठगी जाती है l
अगर भाजपा के इतिहास को देखा जाएँ तो घोषणापत्र पर एक्का-दुक्का वादों को छोड़
आज तक वह अपने घोषणापत्र पर अमल नहीं कर पायी है l यहाँ मैं आपको एक बात और जरुर बता देना चाहता हूँ की
देश में कोई भी पार्टी अपने चुनावी घोषणापत्र को 100 प्रतिशत अमल में आज तक नहीं लायी है l
जब उनसे उनके घोषणापत्र के बारे में बात की जाती है तो या तो वो उस सवाल से कन्नी काट जाते है l
या सवाल को इस कदर उलझा देते है कि आप खुद उलझ जातें है या फिर सवाल पर और सवालों की बौझार कर देते है l
ज्यादा जोर देने पर वह कहते है की अभी तो चुनाव जीता है देखियें हम अमल में लाते है या नहीं l न जाने कई बहानेl
पर मोदी ने अपने संकल्प पत्र में इस संकल्प पत्र को निभाने का वादा किया है l
गौरतलब है कि, चुनावी मौसम में कांग्रेस-राजद आदि पार्टियों ने अपने चुनावी घोषणापत्र जारी किये l
जहां एक और कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में विभिन्न तरह के वादें किये थे और घोषणापत्र को हम निभाएंगे नाम दिया था l
अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने न्याय के तहत गरीबों को 72000 रुपये सालाना देने की बात की है l
अब चुनावी मौसम में तो यह सब होना ही है l हर पार्टी तरह-तरह के वादें करती है l
पर हकीकत कुछ और ही होती है l वादों का दौर जारी है और घोषणापत्र जारी करने का दौर भी चालू है l
समय-समय पर विभिन्न पार्टियों ने अपने घोषणापत्र जारी किये है और उन घोषणापत्र का क्या हश्र हुआ है
यह तो पूरा भारत जानता है l अब जनता को बेवकूफ बनाना कठिन है l
चलियें देखतें है की एक तरफ हम निभाएंगे और दूसरी तरफ संकल्प में से कौन बाजी मारेगा l
जनता इस बार किस पर विश्वास करेंगी l पक्ष-विपक्ष के बीच जनता को क्या एक बार फिर वादों के जुमलों से खुश किया जाएगा ..?
या फिर सच में इन घोषणापत्रों से हमारा देश का कुछ भला भी होगा l
(समयधारा-नीरज जैन)
Editor Opinion on BJP Sankalp Patra-Manifesto of 2019