कांग्रेस का घोषणापत्र संपादक की नजर से …
editor opinion on congress manifesto, blog on ghoshnapatra
नई दिल्ली, 2 अप्रैल (समयधारा) : कांग्रेस ने आज अपना घोषणापत्र जारी कर दिया l इस घोषणापत्र की महत्वपूर्ण बातें यह है l
अब एक संपादक की नजर से अगर इस घोषणापत्र को देखूं तो यह एक नजर में भारत के देशवासियों के लिए बहुत ही लाभदायक-दूरदर्शी है l
इस मैनिफेस्टो को कांग्रेस ने जन आवाज का नाम दिया है l
इस घोषणापत्र को अगर कांग्रेस सत्ता में आती है और बराबर लागु करती है l
तो इससे अच्छी बात देश के लिए कुछ नहीं होगी l
पर अगर कांग्रेस के इतिहास को देखा जाएँ तो घोषणापत्र पर एक्का-दुक्का वादों को छोड़
आज तक वह अपने घोषणापत्र पर अमल नहीं कर पायी है l यहाँ मैं आपको एक बात और जरुर बता देना चाहता हूँ की
देश में कोई भी पार्टी अपने चुनावी घोषणापत्र को 100 प्रतिशत अमल में आज तक नहीं लायी है l
जब उनसे उनके घोषणापत्र के बारे में बात की जाती है तो या तो वो उस सवाल से कन्नी काट जाते है l
या सवाल को इस कदर उलझा देते है कि आप खुद उलझ जातें है या फिर सवाल पर और सवालों की बौझार कर देते है l
ज्यादा जोर देने पर वह कहते है की अभी तो चुनाव जीता है देखियें हम अमल में लाते है या नहीं l न जाने कई बहानेl
पर इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा की यह हमारी टैग लाइन है की “हम निभाएंगे” इस टैग लाइन से
यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है की वह अपने घोषणापत्र में किये गए सभी वादे निभाएंगे l
जानते है इस मैनिफेस्टो की मुख्य बातें क्या है…?
न्याय – रोजगार – शिक्षा – स्वास्थ्य – बजट l
अब न्याय के तहत वह हर साल गरीब परिवार के खाते में 72000 रुपये सालाना डालने की बात कर रहे है l
रोजगार के मामले में 3 साल तक किसी भी नए काम के लिए किसी भी सरकारी परमिशन की जरूरत नहीं होगी l
जीडीपी का 6% शिक्षा के लिए दिए जाएगा l किसानों के लिए रेलवे की तरह एक अलग बजट होगा l
इन तमाम वादों सहित राहुल गांधी ने अन्य कई वादें जनता से अपने घोषणापत्र में कहें l
अब इन वादों को अमली जामा कब पहनाया जाएगा..? कैसे पहनाया जाएगा..? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा l
पर घोषणापत्र के जरियें कांग्रेस ने चुनावी पीच पर पंजा जड़ दिया है l
अब इससे वह चुनाव जीते या न जीते यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा l
पर कांग्रेस ने घोषणापत्र के जरिये अपनी नई चुनावी पारी की शुरुआत कर दी l
अब आप सोच रहे होंगे की मैं यहाँ नई चुनावीपारी क्यों कह रहा हूँ l क्योंकि घोषणापत्र से देश को आजतक कुछ भी हासिल नहीं हुआ l
अगर देश को कुछ मिला है तो बस वादें-घोषणायें l जिसे आज तक अमली जाना नहीं पहनाया जा सका l
किसी ने 15 लाख खाते में डालने की बात कह ठगा l तो किसीने गरीबी हटाने की बात कर ठगा l ठग तो हम हर जगह गए l
अब कांग्रेस के इस नए युवा नेता जो अनुभवी तो नहीं है पर अनुभव की फ़ौज के साथ आत्मविश्वास के साथ
नए भारत के निर्माण की बात कर रहे है l चलो कोई तो देश के लिए सोच रहा है l आपके लिए और हमारे लिए सोच रहा है l
हम निभाएंगे इस वादे को निभाने की बात तो कर रहा है l
क्या घोषणापत्र से देश के हालात बदलेंगे l क्या सच में किसी भी पार्टी का घोषणापत्र,
भारत का भविष्य बदलने की ताकत रखता है l देश को चलाने के लिए हकीकत की जरुरत होती है l
न की घोषणाओं की पर सपने देखना जरुरी है l जब तक सपने देखेंगे नहीं तो राह कैसे मिलेगी l मंजील का चुनाव जरुरी है l
पर मंजील पर जाने के लिए रास्ते सही चुनना जरुरी है l जैसे किसी से भी स्टेशन से अगर आपको अपनी मंजिल वाले स्टेशन पर जाना है
तो आपको सही ट्रेन का चुनाव करना होगा l कुल मिलाकार यह कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र काफी अच्छा है l इसे मैं 10 में से 7 नंबर देता हूँ l
editor opinion on congress manifesto, blog on ghoshnapatra