कर्मचारी और कंपनी को राहत,सरकार अगले 3 महीने तक EPF में खुद जमा करेगी PF

सरकार जून, जुलाई और अगस्त 2020 तक ईपीएफ (EPF) में कंपनी और कर्मचारी की ओर से पीएफ (PF) का कॉन्ट्रिब्यूशन करेगी....

Income Tax Return filling deadline has been extended till December 31 now

employees and employers EPF contributions pay by government till Aug 2020

नई दिल्ली: भले ही सरकार ने लॉकडाउन (Full Salary in Lockdown) के दौरान सैलरी के मुद्दे पर कर्मचारी और नियोक्ता के बीच पड़ने से पल्ला झाड़ लिया हो,लेकिन पीएफ (PF) के मुद्दे पर एक बड़ी राहत कर्मचारियों और कंपनी दोनों को दी गई है।

सरकार अगले तीन महीने तक एंप्लॉयेज प्रोविडेंट फंड (EPF) में कंपनी और कर्मचारी, दोनों की तरफ से PF खुद जमा करेगी।

दूसरे शब्दों में कहें तो सरकार जून, जुलाई और अगस्त 2020 तक ईपीएफ (EPF) में कंपनी और कर्मचारी की ओर से पीएफ (PF) का कॉन्ट्रिब्यूशन करेगी।

यह फैसला कैबिनेट ने अपनी 8 जुलाई की बैठक में किया है।

गौरतलब है कि पीआईबी (PIB) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के द्वारा इस बात की जानकारी दी गई है।

इस ट्वीट में कहा गया है कि, “कैबिनेट ने  इस बात पर सहमति जता दी है कि PMGKY या आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत अगले 3 महीने यानी जून से लेकर अगस्त 2020 तक 24 फीसदी PF का कॉन्ट्रिब्यूशन सरकार करेगी। इसमें से 12 फीसदी कंपनी और 12 फीसदी कर्मचारियों की तरफ से है।

मंत्रिमंडल के इस निर्णय से छोटा बिजनेस करने वाली कंपनियों को बड़ी राहत मिली है। चूंकि लॉकडाउन के कारण इनका धंधा मंदा हो गया है।

हालांकि इस छूट का फायदा केवल उन्हीं कंपनियों को मिलेगा जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हो और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम हो।

इसका फायदा संगठित क्षेत्र के 80 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 4 लाख से ज्यादा संस्थाओं को मिलेगा।

दरअसल, PF के वर्तमान नियमों के अनुसार, जिन कर्मचारियों का वेतन 15,000 रुपये से अधिक है, उनका EPF में मंथली कॉन्ट्रिब्यूशन देना अनिवार्य है।

इस EPF कॉन्ट्रिब्यूशन (EPF contributions) में 12 फीसदी कर्मचारी और 12 फीसदी कंपनी योगदान देती है।

 
employees and employers EPF contributions pay by government till Aug 2020

Dharmesh Jain: धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।