कर्नाटक पर ऐतिहासिक फैसला, यह बीजेपी की हार,कानून ने अपना काम किया : कांग्रेस
नई दिल्ली,18 मई : कर्नाटक पर ऐतिहासिक फैसला, यह बीजेपी की हार,कानून ने अपना काम किया : कांग्रेस l
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश की सराहना की है, जिसमें येदियुरप्पा को शनिवार शाम चार बजे कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह पार्टी के उस रुख को सही साबित करता है कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने असंवैधानिक रूप से काम किया था।
राहुल ने कहा कि भाजपा की चाल को सर्वोच्च न्यायालय ने नाकाम कर दिया है और पार्टी अब धन-बल के अधार पर सरकार बनाने की कोशिश करेगी।
राहुल ने ट्वीट कर कहा, “आज का सर्वोच्च न्यायालय का आदेश हमारे रुख को सही साबित करता है कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने असंवैधानिक रूप से काम किया। भाजपा की यह चाल कि वह बिना संख्या के सरकार का गठन कर लेगी, इसे सर्वोच्च न्यायालय ने नाकाम कर दिया है।”
उन्होंने कहा, “भाजपा के इस कदम को कानूनी रूप से रोक दिया गया। अब वे धन-बल का प्रयोग करेंगे।”
भाजपा के विधायक दल के नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने गुरुवार को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 104 सीटें जीती है, लेकिन वह बहुमत के लिए जरूरी 112 सीटों में से आठ सीट दूर हैं, जबकि कांग्रेस ने 78 और जेडीएस ने 37 सीटें जीती हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ अधिवक्ता और नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सर्वोच्च न्यायालय के कर्नाटक विधानसभा में शनिवार चार बजे बहुमत साबित करने के फैसले को ऐतिहासिक बताया।
उन्होंने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, “यह एक ऐतिहासिक अंतरिम आदेश है क्योंकि अदालत ने 36 घंटे से भी कम समय में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश दिया है।”
सर्वोच्च न्यायालय ने एंग्लो-इंडियन सदस्य के नामांकन पर रोक लगा दी है क्योंकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि राज्य विधानसभा में एक एंग्लो-इंडियन सदस्य को नामित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
अदालत ने पुलिस महानिदेशक को नव निर्वाचित सांसदों की सुरक्षा की निगरानी निजी तौर करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा,”यह स्पष्ट है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के पत्रों में खुलासा नहीं किया गया है कि उन्होंने किस आधार पर दावा किया कि वह सरकार बनाएंगे।
उनके पास राज्य में सरकार बनाने का कोई आधार नहीं था।”
–आईएएनएस