स्वतंत्रता दिवस विशेष: एकजुट होकर करेंगे आपदाओं का समाधान

“चलो बहुत कर ली उदासियों की बातें आओ! आज अब कुछ और बातें करते हैं, जंग तो कोरोना से हमें खुद ही लड़नी,शिकस्त इसे देने की सब ठान ही लेते हैं!

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एकजुट होकर करेंगे आपदाओं का समाधान

लेखिका (ऋतु गुप्ता): Independence Day special

मेरी देश की मिट्टी में अलग सी सौंधी-सौंधी

महक आती है,

प्रकृति भी इसके शौर्य की सुना-सुना दास्तां

चहक जाती है!

पत्थर सा हृदय नहीं पर मजबूती इरादों में रग-रग

गवाही दे जाती है,

बलिदान का जुनून मिला विरासत में सोच-सोच धरा भी हर्षाती है!

हर साल की तरह पंद्रह अगस्त का इंतजार अबकी बार भी है लेकिन इस वर्ष जहाँ देश आजादी की 74 वीं वर्षगांठ मना रहा है, वहीं देश के लोग कोरोना काल से गुजर अपने को कैदी सा महसूस कर रहे हैं‌। 6 महीने बीतने को आये पर कोरोना काल खत्म ही नहीं हो पा रहा।

       हमारे सैनिक भाई वैसे ही प्रहरी बन सीमाओं पर तैनात हैं‌। सबने लॉकडाउन (Lockdown) में घरों में दिन बिताये पर वे देश की सुरक्षा में वहीं अडिग खड़े रहे‌‌।  पुलिस कर्मियों की भी और अधिक जिम्मेदारियां बढ़ गयीं‌। सब जब इस संकट की घड़ी में परिवार के साथ दिन बीता रहे थे‌।

ये नौजवान हमारी सुरक्षा में जरूरत के मुताबिक तैनात थे‌। हम उनके इस बलिदान को कैसे भूला सकते हैं जबकि पड़ोसी देशों से ऐसे समय भी उन्हें जूझना पड़ रहा है‌‌।

     15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ उस वक्त हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को हम शत-शत नमन करते हैं।हर साल की तरह लालकिले के प्राचीर से झंडा फहरा प्रधानमंत्री देश को संबोधित करेंगे लेकिन सब कुछ सोशल डिस्टेंसिंग के तहत होगा।

सभी सरकारी दफ्तरों, स्कूलों व कॉलेजों में भी झंडे फहराये जाते रहे हैं। अबकी बार ऑनलाइन सब कुछ होने जा रहा है।

आम आदमी आजादी के उन सुनहरे लम्हों को मीडिया के जरिए घर बैठे अनुभव करेगा। सामाजिक दूरी व मास्क से अब मानव मानो ढक चुका।

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‘मास्क बना‌ जरूरी परिधान, सामाजिक दूरी बनी हर समाधान।

कोरोना सीखा गया वो सबक,सीखा पाये न जो पंडित महान‌।।’

मास्क लगा कर इंसान अपने को कैदी सा अनुभव कर रहा है। मास्क और रोजमर्रा के जरूरी परिधानों में से एक जरूरी परिधान बन गया है‌।

स्कूलों में ऑनलाइन असेम्बलियां हो रही है। देश एक ओर इस महामारी से गुजर रहा है, दूसरी ओर आर्थिक हालात भी पहले से खराब हो चुके हैं‌।

चाहें पब्लिक सेक्टर हो या प्राइवेट कुटिर उद्योग हों या लघु उद्योग हर जगह बस आर्थिक नुकसान है‌।

जहाँ देश पहले से ही आर्थिक मंदियों से गुजर रहा था। कोरोना ने स्थिति और बिगाड़ दी‌‌। ऐसे में अपराधों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होने लगी है।

 हमारे सैनिक व पुलिस नौजवानों ने इस कोरोना काल से निपटने में भी अविस्मरणीय सहयोग दिया है।‌ ‌

हमें विश्वास है कि हमारे यह नौजवान जैसे दिन-रात देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।

वैसे ही हमारा फर्ज भी देश व समाज के प्रति यही बनता है कि इस संकट की घड़ी में सोशलडिस्टेंसिंग का ध्यान रख अपनी व पूरे समाज की रक्षा करें।

यह ‌हमारी जिम्मेदारी इसलिए भी अधिक बनती है कि इस महामारी को सब मिलकर ही हरा सकते हैं‌‌।

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 “बनाए रखिए सदैव सिलसिला-ए-हौंसला

    जिंदगी तो है सिलसिला-ए-हार-जीत,

लगन हो ऐसी टूट जाये भले ही साँसों की डोर

      पर चकोर न छोड़े चाँद संग प्रीत।”

पर आज हम सब मिलकर यह प्रतिज्ञा करते हैं कि हम‌ अपने देश ही नहीं संपूर्ण विश्व को इस महामारी व हर आपदा से एकजुट होकर ही बचाएगें।

हम प्रहरी बन अपने देश की व अपनी रक्षा का जिम्मा खुद उठायेंगे। हम निराश नहीं होंगे

अपने सैनिक व पुलिस नौजवानों के व अपने मनोबल को कभी न गिरने देखें।यही सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी शहीदों के प्रति व देश भक्ति भी‌

Independence Day special

 चलो बहुत कर ली उदासियों की बातें

आओ! आज अब कुछ और बातें करते हैं

जंग तो कोरोना से हमें खुद ही लड़नी

शिकस्त इसे देने की सब ठान ही लेते हैं!

जितना डरेंगे डरायेगा हर घड़ी, हर हाल

खुद की सुरक्षा का जिम्मा खुद ले लेते हैं

इसे खदेड़ने के लिए हर भरसक उपाय

कर इसके कूच का फरमान जारी करते हैं!

बहुत कर ली, सुन ली अंधियारे की दास्तां

मिलकर इक नये उजियारे की बात करते हैं

जब तक न होगा हर इंसान जागरूक हम

विजयी होने का झूठा दंभ नहीं भर सकते हैं!

इक छोटे से वायरस की क्या औकात हम तो

बड़ी से बड़ी जंग जीतने का हौंसला रखते हैं

हर निराशा को आशा में बदल खुशी की इक

नई लहर हृदय में उमड़ने का आगाज करते हैं!

चलो बहुत.….”

 

 

    जयहिंद!

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Radha Kashyap: