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6 महीने तक EMI ना चुकाने की छूट कही आप पर भारी न पड़ जाए..!

क्या EMI न चुकाने की छूट आपके फायदे में है? जानिए सब कुछ

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नई दिल्ली (समयधारा) :  देश भर में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है l

ऐसे में देश भर में लॉकडाउन 4 भी लग गया हैl अर्थव्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है l 

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लोन मोरटोरियम छूट को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है।

पहले यह सुविधा 31 मई तक मिल रही है जो अब बढ़कर 31 अगस्त हो गई है। इस सुविधा का मतलब है कि अगर आपका बैंक राजी हैl

तो अगले 6 महीने तक लोन EMI की किश्त ना चुकाने पर भी आपको डिफॉल्टर नहीं माना जाएगा।

लेकिन पिछली बार की तरह इसबार भी शर्त वही है कि,

अगर आपका बैंक मोरटोरियम की छूट देने पर सहमति जताता है तभी आपको इसका फायदा मिलेगा।

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RBI ने साफ कहा है कि बैंकों को मोरटोरियम देने का अधिकार दिया जा रहा है। बैंक इसका फायदा आपको देंगे या नहीं..

यह उनपर भी निर्भर करेगा। पैसाबाजार डॉटकॉम के CEO और को-फाउंडर नवीन कुकरेजा ने कहा,

“लोन मोराटोरियम में बढ़ोतरी उन लोगों को लाभ पहुंचाएगी जो इनकम कम होने के कारण लोन की EMI देने में असमर्थ हैं।

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मोराटोरियम चुनने पर कर्जदारों के क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और ना ही उन्हें कोई शुल्क देना होगा।”
मार्च तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक, लोन बुक में 25-71 फीसदी तक हिस्सेदारी रखने वाले ग्राहकों ने मोरटोरियम का फायदा लिया है।
रिटेल सेगमेंट के अलावा जिन सेगमेंट में लोन मोरटोरियम का फायदा सबसे ज्यादा लिया गया है उनमें कृषि लोन,
माइक्रो-क्रेडिट, कमर्शियल व्हीकल लोन और क्रेडिट कार्ड्स जैसे दूसरे अनसिक्योर्ड लोन हैं।

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हालांकि इसमें मुश्किल यह है कि लोन मोरटोरियम की अवधि खत्म हो जाने पर आपको एकसाथ 6 महीने की EMI

और उस पर लगने वाला ब्याज चुकाना होगा। यानी 6 महीने के बाद एकमुश्त बड़ी रकम देनी पड़ सकती है।

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मोरटोरियम में सिर्फ यह छूट मिली है कि छह महीने तक किश्त ना चुकाने पर कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी।

लेकिन छह महीने की किश्त और ब्याज एकसाथ चुकाना आपके लिए और मुश्किल हो सकता है।

कुकरेजा ने कहा, हालांकि मोराटोरियम पीरियड के दौरान आपकी बकाया लोन राशि पर ब्याज लगता रहेगा।

इस से आपका कुल ब्याज भुगतान बढ़ जाएगा। इसलिए जो लोग अपना लोन भुगतान करने में आर्थिक तौर पर समर्थ हैं,

उन्हें भुगतान जारी रखना चाहिए। याद रखें कि मोराटोरियम पीरियड के दौरान लगने वाला ब्याज ज़्यादा हो सकता है,

विशेषतौर पर बड़ी लोन राशि के मामले में, जैसे होम लोन, संपत्ति के बदले लोन

क्योंकि इनकी बकाया लोन राशि ज़्यादा होगी और भुगतान अवधि लंबी।

मान लीजिए आपने 6 महीने छूट का फायदा लेकर EMI नहीं चुकाई लेकिन 6 महीने के बाद एकमुश्त इतनी रकम नहीं चुका पाए तो?

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तब मोरटोरियम का फायदा भी नहीं होगा और आप डिफॉल्टर की लिस्ट में आ जाएंगे।

हालात अभी बुरे हैं और आगे और बुरे हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप अभी EMI चुकाने की हालत में हैं तो देर करने के बजाय तुरंत पेमेंट करना सही फैसला है।

अगर आपको कहीं से बड़ी रकम मिलने की उम्मीद नहीं है तो किश्त टालना गलत फैसला है।

हां, अगर नौकरी नहीं है और किश्त चुकाने से बजट बिगड़ सकता है तो ही इस लोन मोरटोरियम का फायदा ले सकते हैं।

कुकरेजा ने कहा, “क्रेडिट कार्डधारकों को अपने क्रेडिट कार्ड बिल पर मोराटोरियम चुनने से बचना चाहिए।

क्रेडिट कार्ड बिल पर लगने वाली ब्याज दर 24% से 49% प्रतिवर्ष के बीच होती है। सभी क्रेडिट विकल्पों में से सबसे ज़्यादा।

इस तरह, क्रेडिट कार्ड बिल पर तीन महीनों का मोराटोरियम पीरियड चुनने पर अंत में बकाया बिल में 6% से 12% अतिरिक्त राशि जुड़ जाएगी।”

(इनपुट मनीकंट्रोल हिंदी से)

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Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।

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