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NCP प्रमुख शरद पवार ने बेटी सुप्रिया सुले को चुना अपना उत्तराधिकारी,बताया अजित पवार को क्यों नहीं सौंपी कमान

जी हां, लंबे समय से चली आ रही जदोजहद पर आखिरकार शरद पवार ने शनिवार को विराम लगा दिया और अपनी पार्टी एनसीपी के उत्तराधिकारी(NCP successor Supriya Sule)की घोषणा कर दी। शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का एलान कर दिया है।

Sharad-Pawar-announces-Supriya-Sule-Praful-Patel-as-working-presidents-of-NCP

नई दिल्‍ली:राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(NCP)के प्रमुख शरद पवार(Sharad Pawar)ने अपनी राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी अपनी बेटी सुप्रिया सुले को चुन लिया(Sharad-Pawar-announces-Supriya-Sule-Praful-Patel-as-working-presidents-of-NCP)है।

जी हां, लंबे समय से चली आ रही जदोजहद पर आखिरकार शरद पवार ने शनिवार को विराम लगा दिया और अपनी पार्टी एनसीपी के उत्तराधिकारी(NCP successor Supriya Sule)की घोषणा कर दी।

Sharad Pawar announces Supriya Sule, Praful Patel as working presidents of NCP-clarification-for-Ajit-Pawar
सुप्रिया सुले, प्रफुल्ल पटेल

शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का एलान कर दिया (Sharad-Pawar-announces-Supriya-Sule-Praful-Patel-as-working-presidents-of-NCP)है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि शरद पवार ने कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अपने भतीजे अजित पवार(Ajit Pawar)का नहीं बल्कि बेटी सुप्रिया सुले का नाम आगे किया है।

सुप्रिया सुले(Supriya Sule)को इतनी अहम और बड़ी जिम्मेदारी देकर  शरद पवार ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके बाद एनसीपी(NCP)का सुप्रीमो कौन होगा और पार्टी अध्यक्ष पद पर कौन काबिज होगा।

अब सभी के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार(Ajit-Pawar) को एनसीपी की जिम्मेदारी क्यों नहीं(Sharad-Pawar-announces-Supriya-Sule-Praful-Patel-as-working-presidents-of-NCP-clarification-for-Ajit-Pawar)सौंपी।

तो इसका जवाब भी राजनीति के चाणक्य कहें जाने वाले शरद पवार(Sharad Pawar)ने दे दिया है।

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने आज कहा कि पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति का उनका फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए था कि राकांपा की नेतृत्व टीम के पास देश भर में पार्टी के मामलों को देखने के लिए पर्याप्त हाथ हों।

प्रफुल्ल पटेल(Praful Patel)और सुप्रिया सुले(Supriya Sule) को राकांपा का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने के बाद पवार ने आज संवाददाताओं से कहा, “देश में स्थिति ऐसी है कि सभी राज्यों की जिम्मेदारी केवल एक व्यक्ति को देना गलत होगा।”

यह पूछे जाने पर कि क्या पटेल और सुले को नियुक्त करने का निर्णय उनके भतीजे अजित पवार को बुरा नहीं लगेगा, राकांपा प्रमुख ने कहा कि उनका भतीजा पहले से ही बहुत सारी जिम्मेदारियां संभाल रहा है।

अजित पवार महाराष्ट्र विधानसभा(Maharashtra Assembly)में विपक्ष के नेता हैं।

आपको बता दें कि शरद पवार के मराठी में अपनी आत्मकथा के विमोचन के वक्त जब एनसीपी के अध्यक्ष(Sharad Pawar decides to resign NCP president post)का पद छोड़ने की बात कही थी और उसके बाद पार्टी में जो भूचाल आया था।

उसके बाद शनिवार को एनसीपी के 24वें स्थापना दिवस पर यह घोषणा कर उस बहस पर हमेशा के लिए पर्दा डाल दिया कि सुप्रिया सुले और अजित पवार में एनसीपी की बागडोर किसके हाथ में जाएगी।

अजित पवार को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है. मगर माना जाता है कि महाराष्ट्र एनसीपी(Maharashtra NCP) पर उनका दबदबा कायम रहेगा.

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हालांकि महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष अभी भी जयंत पाटिल हैं जो शरद पवार के बहुत ही करीबी हैं।

शरद पवार ने आज जो घोषणा की है उसमें सुप्रिया सुले को पंजाब और हरियाणा के साथ महाराष्ट्र का प्रभारी भी बनाया गया है यानि प्रभारी के तौर पर सुप्रिया सुले की एक नजर हमेशा अजित पवार पर(Sharad-Pawar-announces-Supriya-Sule-Praful-Patel-as-working-presidents-of-NCP)रहेगी।

यही नहीं सुप्रिया सुले को केन्द्रीय चुनाव समिति का भी अध्यक्ष बनाया गया है। इसका मतलब हुआ कि जब भी टिकट बांटे जाएंगे सुप्रिया की चलेगी और जब महाराष्ट्र में टिकट बांटने के लिए समिति बनाई जाएगी, उसका गठन भी वही करेगी यानि हर स्तर पर कार्यकारी अध्यक्ष का हाथ रहना जरूरी है।

  

 

 

ठाकरे ने बनाया था बीजेपी पर दबाव 
सुप्रिया सुले के लिए राजनीति नई नहीं है. 2006 में उप चुनाव में निर्विरोध चुने जाने के बाद वो राज्यसभा में आई थी तब बाला साहब ठाकरे ने उनके लिए बीजेपी(BJP)को अपना उम्मीदवार ना खड़ा करने के लिए दबाव बनाया था और सफल रहे थे। सुप्रिया लगातार तीसरी बार बारामती से सांसद हैं।

 

 

 

चुनौतियों का सामना करने का वक्‍त
अब सुप्रिया सुले के लिए चुनौतियों का सामना करने का वक्त आ गया है. शरद पवार(Sharad Pawar)की बढ़ती उम्र के बाद एनसीपी अब उनकी जिम्मेवारी होगी, जहां उन्हें महाराष्ट्र के अंदर कदम-कदम पर अजित पवार के साथ सामंजस्य बैठाना होगा, यही उनकी परीक्षा भी है क्योंकि बीएमसी(BMC)से लेकर लोकसभा और विधानसभा के तमाम चुनाव अगले साल तक होने हैं।

प्रफुल्ल पटेल, अनिल देशमुख, छगन भुजबल, जयंत पाटिल जैसे लोगों का साथ उनका काम आसान करेगा।

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हर राजनैतिक कदम पर होंगी निगाहें 
राष्ट्रीय राजनीति पर तो उनकी पकड़ है, लेकिन आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में भी अपने आप को मजबूत साबित करना या अपनी पकड़ दिखानी पड़ेगी, जिस सहज ढंग से सुप्रिया सुले खास जन से आम लोगों तक पहुंच जाती है और जो ट्रेनिंग उन्हें अपने पिता शरद पवार से मिली है सुप्रिया सुले यह काम भी बखूबी निभा सकती हैं, क्योंकि नई पीढ़ी के नेताओं खासकर उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray), राहुल गांधी(Rahul Gandhi), अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी(Jayant Chaudhary) से लेकर तेजस्वी यादव(Tejaswi Yadav) तक उनके हर राजनैतिक कदम पर निगाहें रखेंगे।

 

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(इनपुट एजेंसी से भी) 

 

 

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