बेंगलुरू,18 मई : Live ब्रेकिंग कर्नाटक सरकार गठन पर कोर्ट का फैसला – 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट हो l
कांग्रेस की तरफ से सिंघवी, बीजेपी की रताफ से रोहतगी कोर्ट में मौजूद l
बीजेपी की तरफ से रोहतगी ने येदियुरप्पा की चिट्ठी सौपीं l
अच्छा होगा बहुमत का फैसला शनिवार को हो जाए l
24 घंटे में फ्लोर टेस्ट हो यह सुझाव दिया हा कोर्ट ने इस पर अब तक फैसला नहीं आया है l
इससे पहले,
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने से इनकार करने के कुछ ही घंटों बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नता बी.एस. येदियुरप्पा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
राज्यपाल वजुभाई वाला ने कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच सुबह 9 बजे उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के विरोध में प्रदर्शन किया और राज्यपाल के निर्णय को ‘असंवैधानिक’ बताया।
राज्य कांग्रेस प्रभारी जी. परमेश्वरा ने यहां पत्रकारों से कहा, “संवैधानिक रूप से हमें (जेडी-एस और कांग्रेस को) सरकार बनाना का मौका मिलना चाहिए, क्योंकि हमारे पास विधानसभा में बहुमत है। भाजपा को सरकार बनाने के लिए राज्यपाल द्वारा आमंत्रित करना संविधान के खिलाफ है।”
इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने संबंधी कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की संयुक्त याचिका को खारिज कर दिया।
देर रात हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा कि येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण मामले के अंतिम नतीजे के अधीन है और इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे होगी।
न्यायाधीश ए.के.सीकरी के नेतृत्व में पीठ ने उस पत्र को पेश करने को कहा, जिसे येदियुरप्पा ने बुधवार को राज्यपाल को लिखते हुए उन्हें सूचित किया था कि कर्नाटक में भाजपा के विधायक दल के नेता के रूप में उनका चुनाव किया गया है।
वाला ने बुधवार रात येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और सदन में बहुमत साबित करने के लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया।
कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में 104 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन वह बहुमत के 112 के आंकड़े से आठ सीट दूर है। वहीं कांग्रेस ने 78 सीटे जीतीं जबकि जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने 37 सीटें जीती। इन दोनों ने अपने पास विधायकों की पर्याप्त संख्या के आधार पर सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
येदियुरप्पा आठवीं बार शिकारीपुरा से चुनाव जीते हैं। उन्होंने तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ घंटो बाद ही उन्होंने कहा कि वह बहुमत हासिल करने और पांच वर्ष तक सत्ता में रहने को लेकर आश्वस्त हैं।
येदियुरप्पा ने मीडिया से कहा, “मैं राज्य के लोगों खासकर किसानों और गरीबों के प्रति आभारी हूं जिन्होंने मुझे समर्थन दिया। लोग मेरे साथ हैं और मैं आश्वस्त हूं कि मुझे बहुमत हासिल होगा और अगले पांच वर्षो तक सत्ता में रहूंगा।”
राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर पद्भार संभालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का आभार जताते हुए उन्होंने कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) पर गठबंधन बनाकर जनता के जनादेश को चुराने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस और जेडीएस ने लोगों द्वारा भाजपा को चुनने के बावजूद अपवित्र गठबंधन बनाया।”
उन्होंने कहा, “जेडीएस के और कांग्रेस के कई ऐसे विधायक हैं, जो जानते हैं कि भाजपा सरकार बनाएगी और मुझे भरोसा है कि वे लोग हमारी सरकार को वोट देंगे।”
कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, पार्टी के महासचिव के.सी वेणुगोपाल और पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
सिद्धारमैया ने पत्रकारों से कहा, “येदियुरप्पा को सबसे पहले सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए सूची पेश करने की जरूरत है।”
जेडी-एस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवगौड़ा ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया और उनके बेटे व जेडी-एस के राज्य अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी ने मोदी सरकार पर लोकतंत्र के ‘विध्वंस’ का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने कहा कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए संविधान का बलिदान कर दिया। पार्टी ने कहा कि एक बार वजुभाई ने गुजरात में अपनी विधानसभा सीट का बलिदान मोदी के लिए किया था और अब मोदी के लिए संविधान और लोकतंत्र का बलिदान किया है।
कांग्रेस और जेडी-एस ने भाजपा द्वारा खरीद-फरोख्त से बचने के लिए अपने विधायकों को शहर के बाहरी इलाके में एक रिसार्ट में रखा है।
कुमारस्वामी ने पत्रकारों से कहा, “भाजपा के खरीद-फरोख्त से बचने के लिए हमें अपने विधायकों को सुरक्षित रखने की जरूरत है, इसलिए उन्हें शहर के बाहरी रिसॉर्ट में रखा गया है।”
–आईएएनएस