मणिपुर : 86 प्रतिशत मतदान,34 मतदान केन्द्रों पर 10 मार्च को पुनः मतदान

इम्फाल, 9 मार्च :  मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को दूसरे एवं अंतिम चरण में 86 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। सख्त सुरक्षा बंदोबस्त के बीच पुरुष एवं महिला मतदाताओं ने इस पूर्वोत्तर राज्य में जमकर लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व में हिस्सा लिया। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में छह जिलों के 22 विधासभा सीटों- थौबल, उखरूल, चंदेल, तामेंगलोंग, कामजोंग और सेनापति- पर हुआ मतदान अमूमन शांतिपूर्ण रहा, हालांकि कुछ छिटपुट हिंसा की घटनाएं भी हुईं।

सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से पहले से ही मतदान केंद्रों के बाहर लोग इकट्ठा होने लगे थे।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. के. देवांगन के मुताबिक, “शाम पांच बजे तक 86 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।”

इससे पहले चार मार्च को राज्य की 38 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के पहले चरण में 86.5 फीसदी मतदान हुआ था।

चंदेल जिले के मंत्री पंत मतदान केंद्र पर दो उग्रवादी घुसे और ईवीएम नष्ट कर दिया। कुछ महिला मतदाताओं ने उन्हें काबू किया और प्रशासन को सौंप दिया। कुछ शरारती तत्वों ने इसी जिले के के.थेल मतदान केंद्र पर भी उत्पात मचाया।

थौबल जिले के वांगजिंग तेंथा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में झड़प हुई। पुलिस को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ीं।

उखरुल जिले में कुछ मतदाताओं के विरोध के बाद मतदान कुछ समय के लिए रोक दिया गया। हालांकि, पुलिस अधिकारी शांति बहाल करने में कामयाब रहे।

तामेंगलोंग जिले में ईवीएम मशीनों में तकनीकी खराबी की वजह से मतदान प्रक्रिया कुछ घंटे की देरी से शुरू हुई।

कामजोंग जिले में भारत-म्यांमार सीमा पर मंगलवार को हुए दोहरे विस्फोट के बाद सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। इस विस्फोट में घायल हुए एक मतदान अधिकारी की बुधवार को मौत हो गई। मंगलवार को ही कामजोंग जिले में ही एक अन्य जगह पर हुए बम विस्फोट में असम राइफल्स के दो जवान घायल हो गए। जिले में हालांकि बुधवार को किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

अधिकारियों ने कहा कि सीमावर्ती कस्बे मोरेह में भी मतदान शांतिपूर्ण तरीके से जारी है।

दूसरे चरण के तहत 1,151 मतदान केंद्रों पर 7.59 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए पंजीकृत हैं। इस चरण में 98 उम्मीदवार हैं, जिनमें से चार महिलाएं हैं।

सभी की नजर थौबल विधानसभा सीट पर है, जहां से मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी चुनाव लड़ रहे हैं।

इसी सीट से मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं पीपुल्स रिसर्जेजेंस एंड जस्टिस अलायंस (पीआरएजेए) की उम्मीदवार इरोम शर्मिला और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लीतानथेम बसंता सिंह उम्मीदवार हैं।

शर्मिला ने राज्य से सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम, 1958 (अफ्सपा) हटाने को लेकर अपना 16 वर्षो का अनशन पिछले साल समाप्त करते हुए राजनीति में प्रवेश किया था और कहा था कि वह संवैधानिक माध्यम से इस कानून को राज्य से हटवाएंगी।

नुंगबा निर्वाचन क्षेत्र भी चर्चा में है, जहां से उपमुख्यमंत्री गइखंगम दौड़ में हैं।

मुख्यमंत्री ने इस चुनावों को राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर जनमत संग्रह बताया है।

इबोबी ने कहा, “मैं अभी कोई बयान नहीं देना चाहता। हमें नतीजों का इंतजार करना चाहिए, लेकिन लोगों ने सभी मुद्दों पर विचार करने के बाद मतदान किया होगा।”

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवांगन ने उन 34 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान के आदेश दिए हैं, जहां चार मार्च को पहले चरण में वोट पड़े थे। पुनर्मतदान 10 मार्च को होगा।

–आईएएनएस

Priyanka Jain: