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मन की बात : लद्दाख से लेकर CYCLONE तक, कोरोना से लेकर किसानों तक, जानियें मन की बात की सभी बातें

प्रधान मंत्री मोदी ने मन की बात में कहा कि ये साल कब बितेगा? अब लोगों में एक आम प्रश्न बन गया है। लोग यह चाहते हैं कि जल्द से जल्द ये साल बीत जाए। पीएम मोदी ने कहा कि मुश्किलें आती हैं संकट आते हैं....

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नई दिल्ली (समयधारा) : प्रधान मंत्री मोदी जी आज एक बार फिर देशवासियों से रूबरू हो रहे है अपने रेडियो प्रोग्राम मन की बात के द्वारा l

आज प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि ये साल कब बितेगा? अब लोगों में एक आम प्रश्न बन गया है।

लोग यह चाहते हैं कि जल्द से जल्द ये साल बीत जाए। पीएम मोदी ने कहा कि मुश्किलें आती हैं संकट आते हैं

लेकिन सवाल यही है कि क्या इन आपदाओं की वजह से हमें साल 2020 को खराब मान लेना चाहिए? मेरे प्यारे देश वासियों बिलकुल नहीं।

एक साल में एक चुनौती आए या पचास चुनौतियां। नंबर कम ज्यादा हो जाने से वो साल खराब नहीं हो जाता।

एक साल में एक चुनौती आए या पचास चुनौतियां। नंबर कम ज्यादा हो जाने से वो साल खराब नहीं हो जाता।
एक साल में एक चुनौती आए या पचास चुनौतियां। नंबर कम ज्यादा हो जाने से वो साल खराब नहीं हो जाता।

चीन से विवाद के मामले में पीएम मोदी ने कहा कि लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है।

पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नतमस्तक है।

1,00,00,00(करोड़) के पार कोरोना संक्रमित,भारत में भी आंकड़ा 5.28 लाख के पार 

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अपने वीर -सपूतों के बलिदान पर उनके परिजनों में जो गर्व की भावना है देश के लिए जो जज़्बा है, यही तो देश की ताकत है।

लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नतमस्तक है। अपने वीर -सपूतों के बलिदान पर उनके परिजनों में जो गर्व की भावना है देश के लिए जो जज़्बा है, यही तो देश की ताकत है।
लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है।
पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नतमस्तक है।
अपने वीर -सपूतों के बलिदान पर उनके परिजनों में जो गर्व की भावना है देश के लिए जो जज़्बा है, यही तो देश की ताकत है।

 

6-7 महीना पहले, ये हम कहां जानते थे कि कोरोना जैसा संकट आएगा और इसके खिलाफ ये लड़ाई लंबी चलेगी।

ये संकट तो बना ही हुआ है, ऊपर से देश में नई चुनौतियां सामने आ रही हैं।

कुछ दिन पहले देश में Cyclone Amphan आया तो पश्चिम में Cyclone Nisarg आया।

हमारे देश के कई राज्य टिड्डी दलों से परेशआन है। कुछ जगह तो भूकंप भी आ रहे हैं।

इस बीच हमारे पड़ोसी देश जो कर रहे हैं, उन चुनौतियों से भी देश निपट रहा है।

भारत ने हमेशा संकटों को, सफलता की सीढ़ियों में बदला है। लिहाजा हमें ऐसी भावनाओं के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है।

130 करोड़ आबादी वाला देश इसी साल नए कीर्तिमान बनाएगा। देश नए लक्ष्य को हासिल करेगा। नई उड़ान भरेगा, नई ऊंचाइयों को छुएगा।

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कृषि सेक्टर में बहुत सारी चीजें दशकों से लॉकडाउन में फंसी थी। इस सेक्टर को भी अब अनलॉक कर दिया गया है।

इससे जहां एक तरफ किसानों को अपनी फसल कहीं भी किसी को भी बेचने की आजादी मिली है। वहीं दूसरी तरफ उन्हें अधिक लोन मिलना सुनिश्चित हुआ है l 

कृषि सेक्टर में बहुत सारी चीजें दशकों से लॉकडाउन में फंसी थी। इस सेक्टर को भी अब अनलॉक कर दिया गया है। इससे जहां एक तरफ किसानों को अपनी फसल कहीं भी किसी को भी बेचने की आजादी मिली है। वहीं दूसरी तरफ उन्हें अधिक लोन मिलना सुनिश्चित हुआ है l 
कृषि सेक्टर में बहुत सारी चीजें दशकों से लॉकडाउन में फंसी थी। इस सेक्टर को भी अब अनलॉक कर दिया गया है। इससे जहां एक तरफ किसानों को अपनी फसल कहीं भी किसी को भी बेचने की आजादी मिली है। वहीं दूसरी तरफ उन्हें अधिक लोन मिलना सुनिश्चित हुआ है l

भारत का इतिहास ही आपदाओं और चुनौतियों पर जीत हासिल कर और ज्यादा निखरकर निकलने का कर रहा है।

भारत के पास जब भी संकट आया है, भारत हमेशा उन चुनौतियों से निपटकर बेहतर तरीके से बाहर आया है।  

भारत का इतिहास ही आपदाओं और चुनौतियों पर जीत हासिल कर और ज्यादा निखरकर निकलने का कर रहा है। भारत के पास जब भी संकट आया है, भारत हमेशा उन चुनौतियों से निपटकर बेहतर तरीके से बाहर आया है।  
भारत का इतिहास ही आपदाओं और चुनौतियों पर जीत हासिल कर और ज्यादा निखरकर निकलने का कर रहा है। भारत के पास जब भी संकट आया है, भारत हमेशा उन चुनौतियों से निपटकर बेहतर तरीके से बाहर आया है।

 

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Varsa

वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

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