breaking_newsHome sliderदेशराज्यों की खबरें

मनोहर पर्रिकर बने गोवा के नए मुख्यमंत्री, बहुमत सिद्ध करने के लिए मिले 15 दिन

पणजी, 13 मार्च: गोवा के अगले मुख्यमंत्री की निर्वाचन प्रक्रिया में देर रात एक नए घटनाक्रम ने उस वक्त स्थिति और स्पष्ट कर दी जब राज्यपाल मृदुला सिंहा के सामने बीजेपी ने पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया और राज्यपाल ने मनोहर पर्रिकर को गोवा का अगला मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया। राज्यपाल ने मनोहर पर्रिकर को राज्य विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। मनोहर पर्रिकर संभवत: मंगलवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

जहां एक तरफ पर्रिकर ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की, वहीं दूसरी तरफ नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों और महासचिव दिग्विजय सिंह सहित वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं के साथ पार्टी विधायक दल का नेता तय करने के लिए एक होटल में घंटों चर्चा की।

पर्रिकर के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात के समय भाजपा के 13 विधायकों के साथ गोवा फारवर्ड पार्टी (तीन) और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (तीन) और निर्दलीय (तीन) विधायक भी थे, जिनकी कुल संख्या 21 होती है।

भाजपा ने बेनौलिम से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक चर्चिल अलेमाओ के समर्थन का भी दावा किया और कहा कि उनके समर्थन का पत्र भी जल्द ही राज्यपाल को भेज दिया जाएगा।

भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों ने रविवार को एक प्रस्ताव पारित किया और पर्रिकर को मुख्यमंत्री पद पर वापस लाने की मांग की। बैठक में पर्रिकर, गडकरी और कार्यवाहक मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर भी उपस्थित थे।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा गोवा में एक स्थिर सरकार बनाएगी। 

गडकरी ने कहा, “हम मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में एक स्थिर सरकार बनाएंगे। हमारे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समर्थन के लिए पार्टियों को बधाई दी है।”

उन्होंने यह भी कहा कि अन्य विधायकों के साथ रविवार तड़के एक बजे से ही चर्चा जारी है और अधिकांश मुद्दे और मतभेद सुलझा लिए गए हैं। 

गडकरी ने कहा, “हम लंबे समय के लिए मुद्दे स्पष्ट कर लेना चाहते हैं। सभी साथ मिलकर काम करेंगे।”

पर्रिकर शपथ ग्रहण करने से पहले इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि यद्यपि भाजपा सरकार गठन के लिए अनिवार्य 21 सीटें नहीं जीत पाई है, लेकिन गैर कांग्रेसी विधायकों के समर्थन से यह संख्या हासिल कर सकती है।

पर्रिकर ने कहा, “जनादेश के अनुसार हमें बहुमत नहीं मिला है, लेकिन इस समर्थन के साथ हम 21 का आंकड़ा जुटा सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “हमने राज्यपाल से मुलाकात की और हमें आमंत्रण मिलने की उम्मीद है। आमंत्रण मिलने के बाद हम सहयोगियों से परामर्श करेंगे और शपथ ग्रहण की तिथि तय करेंगे।”

इस बीच कांग्रेस अपना विधायक दल का नेता तय नहीं कर पाई है। जबकि रविवार शाम तक वह सरकार गठन का दावा पेश करने वाली थी। पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष लुइजिन्हों फलेरो के नाम का उनके सहयोगियों ने विरोध किया है, खास तौर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे और दिगंबर कामत ने। 

कांग्रेस ने शाम छह बजे राज्यपाल से मुलाकात का समय लिया था। लेकिन विधायक दल का नेता ही नहीं चुना जा सका। भाजपा सरकार गठन का दावा सोमवार को पेश करने वाली थी, लेकिन उसने रविवार देर शाम तक ही 21 विधायकों का समर्थन जुटा कर राज्यपाल से मुलाकात कर ली।

कांग्रेस ने इस कदम पर भाजपा पर हमला बोला। 

दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “भाजपा हमेशा नैतिक और चरित्रवान पार्टी होने का दावा करती है। क्या खरीद-फरोख्त.. निगमों, मंत्रालय के वादे किसी पार्टी की नैतिकता या चरित्र होता है, जैसे कि वे मिठाइयां बांट रहे हैं? हम भाजपा के किसी भी प्रयास की, यहां तक कि सरकार गठन का दावा पेश करने के बारे में सोचने की कड़ी निंदा करते हैं, खासतौर से मनोहर पर्रिकर की।”

–आईएएनएस

Show More

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button