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मोदी सरकार के 4 साल,’चुनाव पूर्व वादों’ की विफलता और ‘कुशासन’ के साथ ‘विश्वासघात दिवस’ के रूप में मनाएगी कांग्रेस

अगरतला, 24 मई | कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार की चौथी वर्षगांठ को ‘विश्वासघात दिवस’ के रूप में मनाएगी, जिसके तहत पार्टी शनिवार को भाजपा के ‘चुनाव पूर्व वादों’ की विफलता और ‘कुशासन’ के बारे में बताएगी।

पार्टी के एक नेता ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

त्रिपुरा कांग्रेस प्रमुख बीरजीत सिन्हा ने मीडिया से कहा, “कांग्रेस मोदी सरकार की चौथी वर्षगांठ को पूरे देश में विश्वासघात दिवस के रूप में मनाएगीl

जिसमें पार्टी के चुनाव-पूर्व वादे पूरे न किए जाने और भाजपा नीत गठबंधन सरकार के कुशासन के बारे में लोगों के बीच चर्चा की जाएगी।”

पार्टी के अन्य नेताओं के साथ सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने युवाओं को रोजगार देने के साथ चुनाव पूर्व किए अन्य वादों को भी नहीं निभाया।

उन्होंने कहा कि पार्टी ‘विश्वासघात दिवस’ के अंतर्गत शनिवार को पूरे देश के प्रत्येक जिले में प्रदर्शन और रैली करेगी और धरना देगी।

सिन्हा ने कहा, “भाजपा के सत्ता में आने के बाद चार साल से आम लोग काफी परेशानी में हैं। खासकर अल्पसंख्यक और दलित भय और हताशा के साथ दिन गुजार रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में बिना कानून व लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किए, भाजपा सरकार एकतरफा कार्रवाई कर कांग्रेस और इसके संगठन के विभिन्न कार्यालयों को ध्वस्त कर रही है।

सिन्हा ने कहा, “इनमें से कुछ कार्यालय 70 वर्ष तक पुराने हैं और हमारे पास इसके लिए उचित आधिकारिक दस्तावेज हैं। यहां तक कि पश्चिमी त्रिपुरा के जिलाधिकारी और कलेक्टर इमारत ढहाने के खिलाफ स्थानीय अदालतों के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं।”

अधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन ने 7 मई को मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस के कुछ कार्यालयों को इसलिए ढहा दिया, क्योंकि इनका निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया था।

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार ने बिना कोई पूर्व नोटिस दिए अनैतिक रूप से कुछ पार्टी कार्यालयों को ढहा दिया। ये लोग किस तरह की विध्वंसक राजनीति कर रहे हैं, अंदाजा लगाया जा सकता है। 

–आईएएनएस

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Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।

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