
NavratriDay6 MaaKatyayani Puja-BeejMantra KathaAarti
🌸 दिन 6 – माँ कात्यायनी
1: माँ कात्यायनी का परिचय
“नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाती हैं माँ कात्यायनी। ऋषि कात्यायन के घर जन्म लेने के कारण इन्हें कात्यायनी कहा गया। यह रूप वीरता और पराक्रम का प्रतीक है। माँ सिंह पर सवार होती हैं और असुरों के संहार के लिए प्रसिद्ध हैं।”
2: माँ कात्यायनी की कथा
“कथा है कि असुर महिषासुर के आतंक से पृथ्वी त्रस्त हो गई थी। देवताओं के आग्रह पर माँ ने कात्यायनी रूप धारण किया और महिषासुर का वध कर संसार को भयमुक्त किया।”
3: माँ कात्यायनी का बीज मंत्र
“माँ कात्यायनी का बीज मंत्र है –
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः।
इस मंत्र का जाप करने से शत्रु पर विजय और इच्छाओं की पूर्ति होती है।”
4: माँ कात्यायनी की पूजा विधि
“छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा में लाल फूल चढ़ाएँ। शहद का भोग लगाएँ। दीप जलाकर मंत्र का जाप करें। इससे माँ प्रसन्न होकर हर कठिनाई दूर कर देती हैं।”
5: माँ कात्यायनी की आरती (संक्षिप्त अंश)
जय कात्यायनी माँ जय वीररानी।
सिंह वाहन, खड्ग धारी भवानी।।
महिषासुर मर्दिनी जग की त्राता।
भक्तों के जीवन की संकट हराता।।
सुख, समृद्धि और शक्ति देने वाली।
भक्तों के जीवन को सफल बनाती।।
जो तेरा ध्यान करे श्रद्धा से।
माँ उसकी हर मनोकामना पूरी करे।।
जय कात्यायनी माँ जय वीररानी।
सिंह वाहन, खड्ग धारी भवानी।।
“जय माँ कात्यायनी, जय सिंहवाहिनी।
इनकी आरती करने से जीवन में साहस और विजय प्राप्त होती है।”
6: छठे दिन का रंग – नारंगी का महत्व
“नवरात्रि के छठे दिन नारंगी रंग पहनना अत्यंत शुभ होता है। यह रंग उत्साह, साहस और विजय का प्रतीक है। यह माँ कात्यायनी की ऊर्जा का प्रतीक है।”
7: माँ कात्यायनी और कन्या पूजन का रहस्य
“माँ कात्यायनी की पूजा कन्याओं को विशेष प्रिय है। इसी कारण छठे दिन कन्या पूजन का महत्व है। कन्याओं को भोजन कराना माँ कात्यायनी को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ उपाय माना जाता है।”
8: माँ कात्यायनी से प्राप्त आशीर्वाद
“माँ कात्यायनी की उपासना से शत्रुओं पर विजय, आत्मविश्वास और संतान सुख प्राप्त होता है। विवाहित जीवन में सुख और अविवाहित कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है।”
9: माँ कात्यायनी की रोचक कथा
“मान्यता है कि ब्रज की गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने के लिए माँ कात्यायनी की आराधना की थी। तब से यह देवी विवाह योग्य कन्याओं की आराध्य मानी जाती हैं।”
10: माँ कात्यायनी से जुड़े विवाह संबंधी उपाय
“नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी को शहद का भोग लगाएँ और ‘ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि’ मंत्र का जाप करें। इससे विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं।”
NavratriDay6 MaaKatyayani Puja-BeejMantra KathaAarti
🌸 दिन 6 – माँ कात्यायनी
1️⃣ परिचय
“नवरात्रि के छठे दिन हम माँ कात्यायनी की पूजा करते हैं। ये देवी शक्ति और वीरता की प्रतीक हैं। माँ कात्यायनी सिंह पर सवार हैं और उनके हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं। ये भक्तों के जीवन में साहस, विजय और समृद्धि लाती हैं।”
2️⃣ कथा और पौराणिक महत्व
“कथा के अनुसार, माँ कात्यायनी ने महिषासुर का संहार कर संसार में धर्म की स्थापना की। जो भक्त श्रद्धा और भक्ति से उनकी पूजा करते हैं, उनके जीवन में संकट और भय नहीं आता और सभी कार्य सफल होते हैं।”
3️⃣ मंत्र और जाप विधि
बीज मंत्र:
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
जाप विधि:
- कम से कम 108 बार जाप करें।
- मंत्र जाप के समय लाल फूल और दीपक का उपयोग करें।
- मन में केवल माँ की भक्ति और श्रद्धा रखें।
4️⃣ पूजा और भोग विधि
- लाल फूल अर्पित करें।
- दीपक जलाएं और देवी के चित्र या मूर्ति के सामने रखें।
- भोग में हलवा, गुड़, दूध या मीठा रखें।
- पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा करें।
5️⃣ रंग और पहनावा
“छठे दिन का शुभ रंग नीला या गुलाबी है। ये रंग शक्ति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हैं।”
6️⃣ पूर्ण आरती (मंदिरों में गाई जाने वाली)
**जय कात्यायनी माता, जय भवानी।
सिंह वाहन, चार भुजाओं वाली।
त्रिशूल, गदा और शंख हाथ में।
भक्तों के जीवन से सभी दुख दूर करे।
जो कोई तेरा ध्यान करे,
उसके घर में सुख-शांति आये।
मनोकामना सभी पूर्ण हो जाएं।
भक्ति से जीवन सफल और मंगलमय हो।
आरती तेरी भक्त गाएं,
सभी संकट और भय दूर करें।
साहस, शक्ति, विजय और समृद्धि दें माँ।
जय कात्यायनी माता, जय भवानी।
भक्तों के जीवन में निडरता और साहस बढ़ाओ।
शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करो।
भक्ति भाव से शीश तुझे झुकाएं।
सदा कृपा दृष्टि बनाए रखना।
जय कात्यायनी माता, जय भवानी।
सिंह वाहन, चार भुजाओं वाली।
त्रिशूल, गदा और शंख हाथ में।
भक्तों के जीवन से सभी दुख दूर करे।
जय कात्यायनी माता, जय भवानी।”**
7️⃣ आशीर्वाद और उपाय
“जो भक्त पूरे श्रद्धा भाव से माँ कात्यायनी की पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में साहस, विजय, शक्ति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। नियमित पूजा और मंत्र जाप से घर में सुख-शांति बनी रहती है।”