राधिका आप्टे बॉलीवुड के पुरुषों के बारे में बात करती हैं, जिन्हें वह ‘भगवान’ जितना शक्तिशाली बताती हैं, जिन पर कोई भी उंगली उठाने की हिम्मत नहीं कर सकता। इसके अलावा वह और कुछ नहीं बतातीं। उनके पास उत्पीड़न संबंधी कोई भी कहानी शेयर करने के लिए नहीं है।
सौभाग्य से, उषा जाधव खुलकर बोलने में नहीं डरीं। उन्होंने शांत होकर एक व्यक्ति के बारे में बताया, जो उन्हें पीटता था, कहीं भी, कभी भी छूता था और कपड़ों के अंदर अपना हाथ डालता था।
लेकिन वह आदमी कौन था? मैंने उषा से यह भी पूछा कि वह क्यों नहीं उस आदमी का नाम लेना चाहतीं, तो उन्होंने कहा, “क्योंकि यह सही नहीं होगा।”
सही किसके लिए नहीं होगा? क्या वैश्विक स्तर पर ‘मीटू’ अभियान का बॉलीवुड ने यही मतलब निकाला?
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री बालीवुड के ‘काले राज’ को उजागर करने में सफल नहीं होती है।
–आईएएनएस