पुलवामा आतंकी हमले की पहली बरसी पर शहीद जवानों की याद में बने स्मारक का उद्धाटन आज
बीते वर्ष 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे

श्रीनगर:Pulwama terror attack one year memorial inaugurated today for martyr- इतिहास के पन्नों में पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama terror attack) को एक काले दिन के रूप में याद किया जाता है।देश आज पिछले वर्ष हुए पुलवामा आत्मघाती आतंकी हमले की पहली बरसी नम आंखों से मना रहा (Pulwama terror attack one year) है और इस हमले में शहीद हुए जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है।
Tearful homage for Pulwama Martyr 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
14th february#PulwamaNahinBhulenge pic.twitter.com/uetAmmGKYI— satyaban karmi (@satyaban_karmi) February 13, 2020
#PulwamaAttack #PulwamaNahinBhulenge #Pulwama where 40 brave #CRPF soldiers were martyred on Feb 14, 2019… remembering them on this day #Respect …salute to the soldiers. Jai Hind pic.twitter.com/WNoizU1ddx
— Neelabh Banerjee (@NeelabhToons) February 13, 2020
बीते वर्ष 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
#PulwamaNahinBhulenge
One of the most terrific attack in the history of IndiaIn that attack my room mate also lost her Uncle,still I can see the pain . still those pics give goosebumps.
I salute to the brave hearts who lost their lives in saving us.
Jai Hind🇮🇳 pic.twitter.com/KS3Ji9zsTs— 🍁🦋𝕻𝖗𝖆𝖙𝖎𝖛𝖆🦋🍁 (@Prativa_MM) February 13, 2020
पूरे देश को गम और गुस्से से भर देने वाले इस दर्दनाक हादसे को आज एक साल पूरा हो गया है और इस दुखदायी दिन पर शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों की याद में एक स्मारक बनाया गया है,जिसका शुक्रवार 14 फरवरी 2020 को लेथपुरा कैंप में उद्धाटन किया (memorial inaugurated today for martyr) जाएगा।
गौरतलब है कि गुरुवार को सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने स्मारक स्थल का दौरा किया था और कहा था कि, “यह उन बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देने का तरीका है जिन्होंने हमले में अपनी जान गंवाई।”
शहीदों की स्मृति में बने इस स्मारक में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के नामों के साथ ही उनकी फोटोज भी (Pulwama terror attack one year memorial inaugurated today for martyr) होंगी।
साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force) का ध्येय वाक्य “सेवा और निष्ठा” भी होगा।
पुलवामा हमले के बाद जवानों को ले जाने वाले वाहनों को बुलेट-प्रूफ बनाने की प्रक्रिया को तेज किया गया और सड़कों पर बंकर जैसे वाहन देखे जाने लगे।
यह स्मारक (Pulwama terror attack one year memorial inaugurated today for martyr) उस स्थान के पास सीआरपीएफ कैंप के अंदर बनाया गया है जहां जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी अदील अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी कार सुरक्षा बलों के काफिले से टकरा दी थी।
इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मियों की मौत हो गई थी।
इस हमले के लगभग सभी साजिशकर्ताओं को मार गिराया गया है और जैश-ए-मोहम्मद का स्वयंभू प्रमुख कारी यासिर भी बीते महीने मारा गया है।
Never Forgot
We will never forgive .
ॐ शांति ।
1 year of #PulwamaAttack #Pulwamamartyrs #pulwamanahinbhulege pic.twitter.com/y98ykwbi3u— Avi dubey (@avi_dubey1) February 13, 2020
जब पुलवामा हमले से दहल गया था पूरा देश:
(Pulwama terror attack one year memorial inaugurated today for martyr)
गौरतलब है कि बीते वर्ष 14 फरवरी को जम्मू एवं कश्मीर (Jammu and Kashmir) में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमलवार ने पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की बस से टकरा दी थी और उसमें विस्फोट कर दिया था।
इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के कम से कम 42 जवान शहीद हुए थे। पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने इस नृशंस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी और आत्मघाती हमलावर का एक वीडियो जारी किया था जिसे हमले से पहले शूट किया गया था।
हमलावर की पहचान कमांडर आदिल अहमद दार के रूप में हुई थी।
यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में हुआ था।
पुलिस सूत्रों ने बताया था कि एसयूवी चला रहे जैश के आत्मघाती हमलावर ने अपरान्ह करीब सवा तीन बजे अपने वाहन से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मारी, जिससे बहरा कर देने वाला विस्फोट हुआ।
घटना उस वक्त की है, जब 78 वाहनों के काफिले में 2,547 सीआरपीएफ जवान जम्मू के ट्रांजिट शिविर से श्रीनगर की ओर जा रहे थे।
हमला इतना जबरदस्त था कि सीआरपीएफ बस के परखच्चे उड़ गए। इस बस में 40 जवान सवार थे। एक रिपोर्ट में कहा गया कि एसयूवी 200 किलो विस्फोटक से भरी हुई थी, जिसमें आरडीएक्स भी था।
सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा था कि आतंकियों द्वारा मुख्य रूप से निशाना बनाई गई बस पूरी तरह से तबाह हो गई और अन्य सीआरपीएफ वाहनों को आंशिक नुकसान पहुंचा है।
तब पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था कि, “इस पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि बस में कोई जीवित बचा होगा।”
जम्मू एवं कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा था कि यह एक आत्मघाती हमला है। बाद में अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की।
खुद को जेईएम (JeM) का प्रवक्ता बताने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस को दिए एक बयान में कहा था कि यह संगठन द्वारा किया गया एक फिदायीन हमला था।
सभी घायलों को श्रीनगर शहर के बादामीबाग छावनी स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई गई थी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम दलों के नेताओं व समाज के अन्य लोगों ने इस बर्बर घटना की कड़ी निंदा की थी।
पीएम मोदी ने कहा था कि, “यह हमला..घृणित है। मैं इस कायरतापूर्ण हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। हमारे बहादुर सुरक्षा कर्मियों का त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा। पूरा देश बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा है।”
तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि, “आज (गुरुवार) हुआ नृशंस हमला..बहुत ही दुखदायी और परेशान कर देने वाला है। मैं राष्ट्र की सेवा में अपनी जिंदगी का त्याग करने वाले प्रत्येक सीआरपीएफ जवान को नमन करता हूं।”
श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर सभी प्रकार के यातायात को रोक दिया गया था। वरिष्ठ पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारी विस्फोट बाद विश्लेषण के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए थे।
अधिकारियों ने कहा था कि एक बार में इतनी बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों के स्थानांतरित होने के पीछे खराब मौसम के कारण पिछले दो दिनों से श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग का बंद होना था। काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे निकला था।
Pulwama terror attack one year memorial inaugurated today for martyr
(इनपुट एजेंसी से भी)