यौन शोषण के आरोपी गायत्री प्रजापति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट व लुकआउट नोटिस; पासपोर्ट रद्द

लखनऊ, 5 मार्च: यौन शोषण के आरोप में फंसे उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति सहित सात लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। फरार चल रहे मंत्री प्रजापति सहित सभी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है। साथ ही लुकआउट नोटिस जारी कर सभी एक्जिट प्वाइंट पर निगरानी बढ़ा दी गई। यही नहीं प्रजापति के विदेश भागने की आशंका के मद्देनजर उनका पासपोर्ट भी चार हफ्ते के लिए रद्द कर दिया गया है। 

गायत्री के खिलाफ लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में सामूहिक दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता का बयान भी दर्ज किया गया। मंत्री प्रजापित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लखनऊ और अमेठी में उनके घरों में दबिश दे चुकी है। लेकिन गायत्री सहित सभी आरोपियों के मोबाइल फोन बंद हैं और वे सब अंडरग्राउंड हो गए हैं। 

एक पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, शुक्रवार रात ही गायत्री प्रजापति के लिए लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया था। उनका पासपोर्ट भी चार सप्ताह के लिए रद्द घोषित किया जा चुका है। उनकी गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट मिल चुका है। अब उनको जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

गौरतलब है कि 18 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रजापति सहित सात लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास, धमकी, पॉक्सो एक्ट सहित आइपीसी की अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।

महिला ने तहरीर में कहा कि तीन वर्ष पूर्व वह गायत्री प्रसाद प्रजापति से खनन की जमीन के पट्टे के लिए उनके पांच गौतमपल्ली मंत्री आवास पर मिली थी, जहां उन्होंने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर दिया, जिससे महिला बेहोश हो गई और गायत्री सहित सात लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया। 

महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग दुष्कर्म के प्रयास करने का मामला भी दर्ज कराया था। महिला के आरोप पर मंत्री गायत्री प्रजापति के अलावा विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश, आशीष गुप्ता, अशोक तिवारी और पिंटू सिंह पर मुकदमा दर्ज किया गया था। 

–आईएएनएस

Varsa: वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।