बेघर होंगे यूपी के पूर्व सीएम,SC ने सरकारी बंगला खाली करने के आदेश दिए
नई दिल्ली, 7 मई: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लोकप्रहरी नामक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपना सरकारी बंगला खाली करना होगा।
अब तक मुफ्त में रह रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद मुश्किलें बढ़ गई है।सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व सीएम की यहां रिहायिशी को गैरकानूनी करार दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि जनता के सरकारी खजाने से कार्यकाल खत्म होने के बाद ये सुविधाएं दिए जाना उचित नहीं है।अब इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपना लखनऊ स्थित आधिकारिक बंगला खाली करके छोड़ना होगा।
इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए उक्त कानून को भी खारिज कर दिया है जिसके अंतर्गत कहा गया था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को राज्य सरकार ने परमानेंट रेजिडेंट यानि स्थायी आवास के रूप में सरकारी बंगला अलॉट किया था।
दरअसल, साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी आवास वापस कर दें और साथ ही राज्य सरकार को भी निर्देश दिए थे कि वे इन लोगों से सरकारी आवासों का किराया लें।
जिसके बाद अखिलेश सरकार ने एक कानून बनाया था और इसके अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों मुलायम सिंह यादव, मायावती, राजनाथ सिंह,एनडी तिवारी और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को सरकारी बंगला प्रदान किया था।
लोकप्रहरी नामक एनजीओ ने इस कानून के खिलाफ एक याचिका दाखिल की थी और सु्प्रीम कोर्ट ने इसी याचिका पर अब फैसला सुनाया है कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करना होगा।
अब देश की सुप्रीम अदालत के फैसले की गाज इन सभी पर गिरेगी और अगर राज्य या केंद्र सरकार कोई नया दांव-पेंच नहीं खेलती तो जल्द ही इन सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास छोड़ना होगा।