शायरी : “कहाँ पर ,क्या ‘हारना’ है . ये ज़ज्बात ,जिसके अंदर है..

चाहे दुनियाँ ,फकीर समझे ,फिर भी,वो ही सिकंदर है. : शायरी की दुनिया

Share

shayri-ki-duniya sayri-hi-sayri latest-trending indian-shayari

(1) सूर्य अस्त होना इस बात का प्रतीक है कि..

अन्त भी खूबसूरत हो सकता है..!!

(2) आँखे आपकी हो
या मेरी हो
बस इतनी सी ख्वाहिश है
कभी नम न हो!!

(3)”कहाँ पर ,क्या ‘हारना’ है .
ये ज़ज्बात ,जिसके अंदर है..

चाहे दुनियाँ ,फकीर समझे ,फिर भी,वो ही सिकंदर है!.

(4) कदम कदम पर इम्तिहान रखती है..

ऐ जिंदगी तू मेरा कितना ध्यान रखती है..!!

(5)खुद से जीतने की जिद है मुझे,खुद को ही हराना है..

मैं भीड़ नहीं हूँ दुनिया की,मेरे अन्दर एक जमाना है..!!

यह शायरियां भी पढ़े : 

दिलवालों की शायरी : नजरअंदाजी शौक बडा़ था उनको हमने भी तोहफे में उनको..

मोहब्बत शायरी : ऐ मोहब्बत… तुम्हारे मुस्कुराने का असर मेरी सेहत

जिंदगी-शायरी : मिलो किसी से ऐसे कि ज़िन्दगी भर की पहचान बन जाये…..

शायरी : कल शीशा था, सब देख-देख कर जाते थे….

मोहब्बत-शायरी : कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको….

Vinod Jain