शायरी की किताब : किताबों मे बंद कर लो तुम अपनी ये जिंदगी.. क्यों की…..

खुली किताब के पन्ने अक्सर उड़ जाया करते .... : दिलवालों की शायरी

shayri-ki-kitab shayaris corona-shayari dilwalo-ki-shayaris

1) मेरी तन्हाई से अपनी यादों को समेट कर ले जाओ

ये काग़जकलम उन ज़ज्बातों को समेट कर ले जाओ

छोड़ दो मुझे अब यूँ ही तुम मेरे हाल पर अकेला

अपनी यादों से भरे वादों को समेट कर ले जाओ

2) खुद पुकारेगी मंज़िल तो ठहर जाएगें;
वरना मुसाफिर खुद्दार है, यूँ ही गुज़र जाएगें!

 3) किताबों मे बंद कर लो तुम अपनी ये जिंदगी..

क्यों की…..

खुली किताब के पन्ने अक्सर उड़ जाया करते है….

यह शायरीयां भी पढ़े : 

शायरी : मांगी हुई खुशियों से, किसका भला होता है, किस्मत में जो लिखा होता है…

शायरी : नफरतों में क्या रखा हैं .., मोहब्बत से जीना सीखो..,

दिल की बात : तेरा ख्याल भी हैं….क्या गजब….ना आए तो आफत….जो आ जाए तो कयामत…..

शायरी : जाने कौन सी शौहरत पर आदमी को नाज़ है….! जो खुद, आखरी सफर के लिए भी औरों का मोहताज़ है…!!

दिलवालों की शायरी : नजरअंदाजी शौक बडा़ था उनको हमने भी तोहफे में उनको..

मोहब्बत शायरी : ऐ मोहब्बत… तुम्हारे मुस्कुराने का असर मेरी सेहत

जिंदगी-शायरी : मिलो किसी से ऐसे कि ज़िन्दगी भर की पहचान बन जाये…..

शायरी : कल शीशा था, सब देख-देख कर जाते थे….

मोहब्बत-शायरी : कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको….   

जिंदगी शायरी : अपने वजूद पे इतना तो यकीन है हमें कि 

(इनपुट सोशल मीडिया से )

shayri-ki-kitab shayaris corona-shayari dilwalo-ki-shayaris

Vinod Jain: