कोलकाता, 4 मार्च : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को बहुमत मिलने पर शनिवार को कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से त्रिपुरा में गठबंधन के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को नजरअंदाज करने की भूल की। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि त्रिपुरा में भाजपा की जीत नहीं, बल्कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की हार हुई है। उन्होंने दावा किया भाजपा को 2019 के आम चुनाव में करारी हार मिलेगी।
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “त्रिपुरा में यह भाजपा की जीत नहीं है, बल्कि माकपा की हार है। उसे अंहकार, अनैतिकता और पूरी तरह घुटने टेक देने के कारण यह हार देखने को मिली है। उन्होंने (भाजपा) त्रिपुरा में पानी की तरह पैसा बहाया, ईवीएम के साथ गड़बड़ी की और बाहर से हजारों लोगों को लाकर चुनाव के दौरान केंद्रीय बल का उपयोग अपने पक्ष में किया, लेकिन माकपा चुप रही।”
ममता ने कहा, “मैंने राहुल गांधी से त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस और वहां की छोटी पार्टियों से गठबंधन करने का आग्रह किया था। लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी। अगर गठबंधन हो जाता तो भाजपा को रोका जा सकता था।”
उन्होंने कहा कि अगर माकपा ने भाजपा के धनबल और बाहुबल के आगे घुटने नहीं टेके होते तो तस्वीर कुछ अलग होती।
ममता बनर्जी का यह बयान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ओर से कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सरकार बनाने का दावा किए जाने के बाद आया है।
शाह ने कहा है कि भाजपा का स्वर्ण युग कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सरकार बनाने के साथ शुरू होगा और यह तय है कि भाजपा इन तीनों राज्यों में आने वाले दिनों में सरकार बनाएगी।
–आईएएनएस