इन 7 राज्यों में अभी तक टिड्डी अपनी चपेट में ले चुका है। सूत्रों की माने तो करोड़ों की संख्या में टिड्डी दल भारत में प्रवेश कर चुका है।
जिससे लाखों एकड़ खेतों की फसल चौपट हो सकती है।
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सबसे बड़ा सवाल टिड्डियों का दल आखिर भारत में आया कहा से …
टिड्डियों का दल ईस्ट अफ्रीका के सींग (अफ्रीका का सींग, पूर्वी अफ्रीका का एक प्रायद्वीप है जो अरब सागर में सैकड़ों किलोमीटर तक फैला है और अदन की खाड़ी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। मैप में यह सींग के समान लगता है इसी लिए इसे यह नाम दिया गया है।) से होते हुए यमन तक पहुंचा।
इसके तुरंत बाद यह टिड्डी दल ईरान और पकिस्तान में प्रवेश कर गए, पाकिस्तान के रास्ते से भारत में इन्होने प्रवेश किया है।
पाकिस्तान में कपास की कई हेक्टेयर खेती को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। जून 2019 में ईरान से पाकिस्तान टिड्डियों का दल पहुंचा था।
यहां पर इस दल ने गेहूं, कपास और मक्का जैसी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
ऐसा नहीं है की टिड्डीयों का हमला भारत में पहली बार हो रहा है l हर साल लाखों-करोड़ों की संख्या में जून महीने में आते है l
और भारत में इस समय गर्मियों की फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
लेकिन इस बार टिड्डियों का दल अप्रैल महीने में ही भारत में प्रवेश कर गया।
जानकारों का मानना है कि बरसात शुरू होने तक ये भारत में आते रहेंगे। अब बात आती है इससे होने वाले नुकसान की l
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टिड्डी दल फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते है।
भारत में अब तक अलग-अलग राज्यों में टिड्डियों के हमले से करीब सवा लाख एकड़ खेती को नुकसान पहुंच चुका है।
करीब 8 करोड़ टिड्डियां भारत में प्रवेश कर चुकी हैं। यह 35 हजार लोगों के हिस्से का अनाज खा सकता है।
इन टिड्डी दलों से भारत में करोड़ों रुपये की फसल भारी नुकसान पहुंच सकता है।