MSMEs को 20 हजार करोड़ का राहत पैकेज,जानें कैबिनेट बैठक के सभी अहम फैसले
रेहड़ी लगाने वालों के लिए भी क्रेडिट स्कीम को मंजूरी दी गई है। सरकार ने इस योजना को 'प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि' योजना नाम दिया है...
नई दिल्ली: Union Cabinet meeting decision for MSMEs-farmers highlights- देश में कोरोना महामारी को देखते हुए पीएम मोदी (PM Modi) ने सोमवार को अपनी अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) की। इसमें MSMEs और किसानों (Farmers) क लिए कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
The turnover limit for medium enterprises has been further amended to Rs 250 crore and investment limit has been raised to Rs 50 crore: Union Minister Prakash Javadekar on Union Cabinet decisions pic.twitter.com/XzQEwe6Uty
— ANI (@ANI) June 1, 2020
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में शामिल रहे केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर, नितिन गड़करी और नरेंद्र सिंह तोमर नए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कैबिनेट के फैसलों की जानकारी साझा की।
चलिए डालते है केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों पर एक नज़र:
Union Cabinet meeting decision for MSMEs-farmers highlights:
-इस मीटिंग में प्रकाश जावड़ेकर ने आत्मनिर्भर भारत बनाने पर कैबिनेट की बैठक में जोर रहा है। रेहड़ी-पटरी वालों के लिए योजना पर फैसला हुआ है।
-रेहड़ी लगाने वालों के लिए भी क्रेडिट स्कीम को मंजूरी दी गई है। सरकार ने इस योजना को ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि’ योजना नाम दिया है।
-शहरी आवास मंत्रालय ने विशेष सूक्ष्म ऋण योजना शुरू की है। इसके जरिए छोटी दुकानें चलाने वाले या रेहड़ी पटरी पर दुकान लगाने वाले लोन ले सकते हैं।
-यह योजना लंबे समय तक रहेगी। इसका लाभ 50 लाख से ज्यादा दुकानदारों को मिलेगा।
-इसे एक साल के भीतर मासिक किस्त में लौटा सकते हैं। वक्त पर पैसा लौटाने वालों को 7 फीसदी ब्याज सब्सिडी के तौर पर खाते में जमा कर दिया जाएगा।
-इसमें किसी प्रकार की पेनाल्टी का प्रावधान नहीं है।
Cabinet has approved modalities & road map for implementing two packages for MSMEs. Rs 20,000 crore package for distressed MSMEs and Rs 50,000 crore equity infusion through Fund of Funds: Nitin Gadkari pic.twitter.com/nZNxdw2M3a
— ANI (@ANI) June 1, 2020
-MSME की परिभाषा (MSME Definition) बदल दी गई है। कैबिनेट ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की बदली परिभाषा पर मुहर लगाते हुए अब 1 करोड़ रुपए निवेश और 5 करोड़ रुपए के कारोबार को सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में लिस्ट कर दिया है।
-10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ का टर्नओवर वाला कारोबार लघु और 20 करोड़ रुपए का निवेश 250 करोड़ रुपए के कारोबार को मध्यम उद्योग की श्रेणी में रखा जाएगा।
-उन्होंने कहा कि 2006 के MSMEs एक्ट को 14 साल बाद संशोधित किया गया है। इससे तकरीबन 2 लाख कंपनियों को लाभ होगा।
-MSME भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि MSME को लोन देने की योजना बनाई गई है ताकि उन्हें पर्याप्त फंड मिल सकें।
-संकट में फंसी MSMEs के लिए 20 हजार करोड़ के राहत पैकेज का एलान किया गया है। अब MSMEs अर्थात छोटे, मंझोले, मध्यम वर्ग के व्यवसाय वाली कंपनियां अब शेयर बाजार में में लिस्ट हो सकेंगी और पैसा जुटा सकेंगी।
-50 हजार करोड़ के इक्विटी निवेश (Equity Scheme for MSME) को अनुमति दी गई है।
-उन्होंने कहा कि MSME में नई नौकरियां आएंगी।
-MSMEs और किसानों को ब्याज की छूट और अदायगी में मोहलत दी गई है।
-देश भर में 6 करोड़ से ज्यादा MSMEs हैं।
Union Cabinet meeting decision for MSMEs-farmers highlights
प्रकाश जावड़ेकर और नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि आज किसानों के लिए बड़े फैसले लिए गए हैं।
Minimum support prices (MSP) for 14 kharif crops increased by 50- 83%, to provide relief to the farmers: Union Minister Narendra Tomar pic.twitter.com/9tnuG0c0WY
— ANI (@ANI) June 1, 2020
-किसान जहां चाहे वहां फसल बेच सकेंगे।
-किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य कुल लागत का डेढ़ गुना रखा जाएगा।
-साथ ही सरकार ने खरीफ की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 से 83% तक बढ़ा दिया है।
MSP rate for Paddy now at Rs 1868 per quintal, Jowar-Rs 2620/quintal, Bajra-Rs 2150/quintal, and 50% increase in Ragi, Moong, Groundnut, Soyabean, Til and Cotton, for the year 2020-21: Union Minister Narendra Tomar pic.twitter.com/9kcXSb0EVN
— ANI (@ANI) June 1, 2020
14 खरीफ फसलों पर लागत का 50 से 83 फीसदी तक ज्यादा दाम उपलब्ध होगा।
-इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि कैबिनेट के फैसले से देश के करोड़ों किसानों को फायदा होगा।
-केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार गरीबों को लेकर संवेदनशील है।
Union Cabinet meeting decision for MSMEs-farmers highlights