जहरीली शराब के कहर से मरने वालों की संख्या बढ़कर 97 हुई, 215 लोग गिरफ्तार

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लखनऊ/देहरादून, 10 फरवरी : जहरीली शराब के कहर से मरने वालों की संख्या बढ़कर 97 हुई, 215 लोग गिरफ्तार l 

उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से हुए दो बड़े हादसों में

रविवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है।

इस मामले में उत्तर प्रदेश में अवैध शराब को लेकर पुलिस की कड़ी कार्रवाई में 215 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह इसमें एक ‘साजिश’ देखते हैं, जिसमें समाजवादी पार्टी संलिप्त हो सकती है।

साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बड़ी संख्या में मौतों के लिए

दोनों राज्यों की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराया।

योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं। 

उन्होंने कहा, “इस तरह की घटनाएं अतीत में भी हुईं है, जिसमें कई बार सपा के कार्यकर्ता शामिल रहे हैं। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में मरने वालों की संख्या 36 है, लेकिन मेरठ मेडिकल कॉलेज से 18 मौतों की सूचना है,

जिसमें से बहुतों को गुरुवार को जहरीली शराब सेवन के बाद लाया गया था।

मेरठ के पुलिस अधीक्षक रणविजय सिंह ने अस्पताल की मौतों की पुष्टि की है और कहा कि 14 अन्य का

अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत गंभीर है।

अस्पताल के एक चिकित्सक में आईएएनएस से कहा कि जहरीली शराब पीने के बाद लाए गए 22-24 लोगों में से 17-18 की मौत हो गई।

सहारनपुर के जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने आईएएनएस से कहा कि पोस्टमार्टम में 36 लोगों की जहरीली शराब के सेवन से मौत की पुष्टि हुई है।

कुशीनगर जिले में 11 लोगों की मौत हुई है। उत्तराखंड के रुड़की व हरिद्वार में भी 32 मौतें हुई हैं। 

सभी मृतक पड़ोसी पहाड़ी राज्य में गुरुवार को एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए

उत्तराखंड के रुड़की स्थित बालूपुर पहुंचे थे जिसके बाद उन्होंने जहरीली शराब का सेवन किया।

इन मौतों के बाद पुलिस कार्रवाई में उत्तर प्रदेश से 9,269 लीटर जबकि उत्तराखंड से 1,066 लीटर जहरीली शराब जब्त की गई। 

उत्तर प्रदेश में कुल 215 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 297 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।

उत्तराखंड में 49 मामले दर्ज किए गए हैं। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस त्रासदी की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं

और पुलिस और आबकारी विभाग के कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। 

पुलिस ने बांदा, गोरखपुर, हमीरपुर, चित्रकूट, बस्ती, देवबंद, महाराजगंज, मथुरा, बुलंदशहर,

गाजियाबाद व मेठक के कई जगहों पर छापेमारी की है।

पुलिस व आबकारी विभाग ने एटा जिले के नगला मध्य गांव में संयुक्त छापेमारी की।

एटा जिले में रविवार को 50 लीटर जहरीली शराब जब्त की गई है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

जहरीली शराब से हुई मौतों से आरोप लगाने का सिलसिला भी शुरू हो गया।

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने दोनों राज्यों की भाजपा सरकारों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया

और कहा कि भाजपा को त्रासदी के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

अखिलेश यादव ने कहा, “इन दोनों राज्यों में भाजपा सत्ता में है। अगर कोई जिम्मेदार है तो भाजपा है।”

उन्होंने राज्य सरकारों से शोक संतप्त परिवारों के लिए घोषित मुआवजा दो लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने को कहा।

बसपा सुप्रीमो मायावती भी मौतों को लेकर भाजपा सरकार पर बरसीं।

मायावती ने ट्वीट किया, “त्रासदी न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि दिल दहलाने वाली और शर्मनाक है।

ये घटनाएं संवेदनहीन व लापरवाह भाजपा सरकारों का परिणाम हैं।”

आईएएनएस

Priyanka Jain