Reliance-ONGC में आई तेज गिरावट, निवेशक क्या करें..?
अगले हफ्ते शेयर बाजार में क्या करें, कहाँ है निवेश के मौके जाने सब कुछ
windfall tax ka kya hoga reliance ongc par asar effect of windfall-tax on oil company
मुंबई (समयधारा) : कल शेयर बाजार में एक जलजला उठा जिसमे ऑइल(Oil) कंपनीज के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली l
एक समय निफ्टी लगभग 200 अंक नीचे गिरकर कारोबार करने लगी l
पर बाद में ऑइल कंपनियों को छोड़ अन्य सेक्टरों में तेजी के चलते बाजार में सुधार दिखा
और बैंकनिफ्टी ऊपर वही निफ्टी में मात्र 28 अंको की गिरावट दर्ज की गयी l
“सरकार ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के निर्यात पर अप्रत्याशित रूप से कर लगाया है।
जिसका पेट्रोलियम कंपनियों पर बड़ा असर दिखाई दिया है।
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अब निवेशकों के मन में सवाल उठ रहा होगा की Reliance-ONGC शेयरों में आई इस तेज गिरावट के बाद
इन शेयरों सहित ऑइल कंपनीज के शेयरों पर आगे क्या रुख करें l क्या इन्हें सेल कर दे या फिर रुके…?
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मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) का मानना है कि पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात से मिलने वाले
“असाधारण” मुनाफे पर अप्रत्याशित टैक्स (windfall tax) लगाने से ओएनजीसी (ONGC) को दिक्कत होगी।
जबकि इस टैक्स के लागू होने के बावजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) इसे बेहतर तरीके से मैनेज कर सकती है।”
गौरतलब है कि “बता दें कि सरकार ने इससे पहले पेट्रोल और जेट ईंधन के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर का टैक्स लगाया है।
वहीं डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर का टैक्स लगाया।
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इतना ही नहीं सरकार ने स्थानीय रूप से उत्पादित कच्चे तेल पर प्रति टन 23,250 रुपये का सेस यानी कि उपकर भी लगाने की घोषणा की।”
“इस तरह का अप्रत्याशित टैक्स लगाने के सरकार के फैसले के पीछे यह तर्क है कि कच्चे तेल के साथ-साथ तैयार प्रोडक्ट्स पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा कीमत मिलने के कारण तेल कंपनियां भारी मुनाफा कमा रही हैं।
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निर्यात करने पर ज्यादा भाव मिलने की वजह से ये घरेलू स्तर पर ईधन बेचने से कतराती हैं।
इसलिए कंपनियों के इस तरह की प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए टैक्स लगाए गए हैं।”
“इसके साथ ही सरकार ने कुछ निर्यात प्रतिबंध भी लगाए हैं।
इसमें कहा गया है कि निर्यातकों को निर्यात करते समय यह घोषित करना होगा कि
शिपिंग बिल में उल्लिखित वॉल्यूम के 50 प्रतिशत के बराबर पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की चालू वित्त वर्ष के दौरान घरेलू बाजार में आपूर्ति की गई है।
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हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे विशेष आर्थिक क्षेत्र (special economic zone (SEZ) में शामिल रिफाइनर पर ये शर्त लागू नहीं होती है।”
“Morgan Stanley ने कहा कि ओएनजीसी और ऑइल इंडिया ( Oil India (OIL) के घरेलू क्रूड प्रोडक्शन पर बढ़े हुए उपकर (higher cess) का निगेटिव असर हो सकता है।
इससे वित्त वर्ष 23 में ONGC की कमाई में 36 प्रतिशत और OIL की कमाई पर 24 प्रतिशत की कमी आ सकती है।”
(इनपुट मनीकण्ट्रोल से भी)