नई दिल्ली, 31 मार्च: केन्या की एक छात्रा के साथ मारपीट की घटना से इनकार करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि केन्या के अधिकारियों का मानना है कि उनके देश की जिस छात्रा ने ग्रेटर नोएडा में अपने साथ मारपीट का जो आरोप लगाया है, वह सही नहीं है। पुलिस ने भी महिला के दावे पर सवाल उठाते हुए ऐसी किसी घटना के न होने की बात कही थी। अधिकारी ने पुलिस के बयान की ही पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आज (गुरुवार) सुबह केन्या के राजनयिकों के साथ एक बैठक हुई।”
उन्होंने कहा, “हमें यह बताया गया है कि केन्याई अधिकारियों की यह समझ बनी है कि उनके देश की जिस छात्रा ने मारपीट का जो आरोप लगाया है, वह वास्तविकता से मेल नहीं खा रहा है।”
केन्या की छात्रा मारिया बुरेंडी ने आरोप लगाया था कि एक दोस्त से मिलने के बाद लौटते वक्त नॉलेज पार्क स्थित अलस्टोनिया अपार्टमेंट के निकट सुबह 4.30 बजे के आसपास उसे ओला कैब से खींचा गया और पीटा गया।
छात्रा ने आरोप लगाया था कि 10-12 लोगों ने उसे कई थप्पड़ मारे और उसके पेट पर लात से वार किया गया।
ग्रेटर नोएडा में पुलिस अधिकारियों ने हमारे सहयोगी चैनल से कहा कि ‘इस तरह की कोई घटना नहीं घटी’ और शायद अवसाद के कारण छात्रा ने ‘गलय बयान’ दे दिया।
पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह ने हमारे सहयोगी चैनल से कहा कि यह ‘झूठा मामला’ मामला है।
उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला विदेशी से जुड़ा है और इसमें भारत तथा केन्या का विदेश कार्यालय शामिल है, इसलिए ‘हम प्राथमिकी को रद्द करने के लिए सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।’
सुजाता सिंह ने कहा कि भारत में अफ्रीकी छात्र संगठन के अध्यक्ष ने उनसे कहा है कि ‘अवसाद के कारण वह झूठ बोल’ सकती है।
सर्किल ऑफिसर अभिनंदन सिंह ने कहा कि महिला पारिवारिक समस्या के कारण अवसादग्रस्त है और कथित तौर पर घटना वाली रात उसका उसके दोस्त के साथ झगड़ा हुआ था।
अभिनंदन सिंह ने हमारे सहयोगी चैनल से कहा, “उसने एक झूठी कहानी गढ़ी और मामले को नाइजीरियाई छात्रों पर हुए हालिया हमलों से जोड़ने का प्रयास किया।”
–आईएएनएस