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Samaydhara Exclusive: साउथ MCD में भ्रष्टाचार का बोलबाला,अवैध निर्माण की शिकायतकर्ता के खिलाफ ही नोटिस निकाला

दक्षिण दिल्ली नगर-निगम (SDMC)में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है। दक्षिण दिल्ली स्थित कालकाजी डीडीए जनता फ्लैट(Kalka Ji DDA Janta Flats)में अवैध निर्माण की शिकायत करने वाली पीड़िता के खिलाफ बैक डेट (31 मार्च 2023)का नोटिस 21अप्रैल 2023 को उनकी दीवार पर चिपका दिया।

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नई दिल्ली(समयधारा डेस्क):एमसीडी(MCD)भले ही कितने वादे-दावे करें कि भ्रष्टाचार(Corruption)पर उनकी जीरो टोलरेंस है या फिर राज्य और केंद्र सरकार जनता के बीच कितना ही डींगे हांके की कोई भी एमसीडी अधिकारी प्रताड़ित करें या फिर कोई अवैध निर्माण(illegal Construction)करें,तो तुरंत एमसीडी 311, डीडीए 311 और कंट्रोल रूम में शिकायत करें,तुरंत एमसीडी इसपर संज्ञान लेगी।

लेकिन जमीनी हकीकत बेहद भयावह और बदसूरत है।जिसकी खुलासा इस केस के माध्यम से हो रहा है।

दक्षिण दिल्ली नगर-निगम (SDMC)में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है। दक्षिण दिल्ली स्थित कालकाजी डीडीए जनता फ्लैट(Kalka Ji DDA Janta Flats)में अवैध निर्माण की शिकायत करने वाली पीड़िता के खिलाफ बैक डेट (31 मार्च 2023)का नोटिस 21अप्रैल 2023 को उनकी दीवार पर चिपका दिया।

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दक्षिण दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार

पीड़िता ने अपने पड़ोसी के अवैध निर्माण की शिकायत एमसीडी,साउथ जोन,ग्रीन पार्क के अधिकारियों से की थी,लेकिन अधिकारियों ने पहले उन्हें डराया-धमकाया और फिर बजाएं आरोपी परिवार के खिलाफ कोई एक्शन लेने के शिकायतकर्ता के घर पर ही बैक डेट का नोटिस चस्पा कर(Corruption-in-South-MCD-notice-issued-only-against-the-complainant-of-illegal-construction)दिया। 

आपको बता दें कि साउथ एमसीडी,ग्रीन पार्क(Green Park)के बिल्डिंग-1 के अधिकारियों ने शिकायतकर्ता को उनके तीन दशक पुराने निर्माण के लिए बैक डेट में नोटिस चस्पा किया है।

शिकायकर्ता का कहना है कि अधिकारियों ने यह हरकत उनके पड़ोसी के अवैध निर्माण(illegal/Unauthorised Construction)के खिलाफ शिकायत करने,खुद के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने,उन्हें डराने-धमकाने और अवैध निर्माण करने वाले आरोपी परिवार को बचाने के लिए किया(Corruption-in-MCD-South-Zone-notice-issued-only-against-the-complainant-of-illegal-construction)है।

चूंकि साउथ एमसीडी(MCD Officials)के इन अधिकारियों ने अवैध निर्माण कर्ता से रिश्वत ली है,जिसका खुलासा खुद आरोपियों ने किया है। इसका वीडियो भी शिकायतकर्ता के पास है।

 

 

 

जानें क्या है पूरा मामला?

कालकाजी डीडीए जनता फ्लैट,ए- 32 निवासी रिंकू(बदला हुआ नाम) ने उनके बगल वाले पड़ोसी ए-30,कालकाजी डीडीए जनता फ्लैट द्वारा छत पर अवैध निर्माण के खिलाफ शिकायत की थी,जिसकी एवज में ग्रीन पार्क स्थित एमसीडी अधिकारियों ने आरोपी परिवार के खिलाफ एक्शन लेने की जगह पीड़िता को प्रताड़ित करते हुए उनके तीन दशक पुराने घर के लिए नोटिस चस्पा कर दिया।

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आपको बता दें कि कालकाजी डीडीए जनता फ्लैट सिंगल स्टोरी है और यहां पर छत पर निर्माण के लिए किसी का भी अपने प्रभावित अलॉटी और एमसीडी(MCD)व डीडीए(DDA) से अनुमति लेना कानूनी रूप से अनिवार्य है।

सिंगल स्टोरी बिल्डिंग में सभी के सेकेंड फ्लोर अवैध रूप से बने है,जिन्हें अब बने हुए दो-तीन दशक हो चुके है।

लेकिन यहां रहने वाले काफी लोग धड़ल्ले से छत पर अवैध निर्माण अपने पड़ोसी को बिना बताएं या उसकी गैरहाजिरी में एमसीडी,डीडीए के लोकल अधिकारियों की मिलीभगत से कर रहे है।

जब पीड़िता के साथ भी यही किया गया तो उसने सिस्टम में विश्वास दिखाते हुए निरंतर शिकायत दर्ज कराई लेकिन कार्रवाई उसके खिलाफ ही(Corruption-in-MCD-South-Zone-notice-issued-only-against-the-complainant-of-illegal-construction)हुई। 

पीड़िता ने 4 फरवरी 2023 से लेकर 10 अप्रैल 2023 तक लगातार अपने पड़ोसी के मनमाने अवैध निर्माण की शिकायत क्रमश: मेल,एमसीडी 311,डीडीए 311,लोकल पुलिस और एमसीडी कंट्रोल रूम और ग्रीन पार्क की डिप्टी कमिश्नर को भी की थी। 

लेकिन इन सब विभागों के कुछ लोकल भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत के कारण उनके पड़ोसी परिवार ए-30 ने झूठ बोलकर न केवल छत पर अवैध निर्माण को संपन्न किया, बल्कि सीवेज और पानी के अन्य पाइप तोड़कर ए-32 की प्रॉपर्टी भी डैमेज कर दी।

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तोड़ा गया सीवेज पाइप,ए-32 के कमरों में सीलन

अपनी शिकायत में रिंकू(बदला हुआ नाम) ने लिखा है कि वह 25 सालों से कालकाजी डीडीए जनता फ्लैट ए- 32 में अपनी माता संग रह रही है,जिनकी दो साल पूर्व ही मृत्यु हुई है। अवैध निर्माण के दौरान वह बहुत बुरी तरह बीमार थी और बहुत दर्द में थी।

उनके अकेलेपन की स्थिति का लाभ उठाकर बगल में रहने वाले ए-30 परिवार ने झूठ बोलकर छत पर न सिर्फ अवैध निर्माण किया बल्कि उनकी धूप और ताजी हवा पाने के मौलिक अधिकार को बाधित करते हुए, उनकी प्रॉपर्टी को भी नष्ट कर दिया।

रिंकू ने बताया कि ए-30 परिवार महज दो साल पहले वर्ष 2021 में उनके बगल में रहने आया है।

लेकिन जिस दिन से यह परिवार यहां रहने आया है,उनकी लगातार रिंकू के घर पर बुरी नजर रही है और वह हमेशा से किसी न किसी बहाने उनकी जगह को हड़पने की कोशिश करते रहे है।

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बीते वर्ष 2022 में भी ए-30 ने छत के सीवेज पाइप को आधा तोड़ दिया था और पूछने पर कहा था कि तेज बारिश और हवा के कारण यह पाइप टूट गया है। रिंकू के पास बीते वर्ष टूटे पाइप की फोटो भी है।

पीड़िता  तभी से सतर्क थी,इसलिए उनके पड़ोसी बीते वर्ष अपने अवैध निर्माण में कामयाब न हो सकें। 

ए-32 की पीड़िता ने समयधारा को बताया कि आदत से मजबूर लालची,आपराधिक मानसिकता वाले कालकाजी डीडीए फ्लैट ए-30 ने छत के कॉमन एरिया पर 2 दिसंबर 2022 को एमसीडी चुनाव आचार संहिता के समय सीलन का काम करवाने का झूठ बोलकर एमसीडी, डीडीए व प्रभावित अलॉटी ए-32 की अनुमति के बिना अवैध निर्माण शुरू कराया।

इस समय तक पीड़िता को बताया गया था कि केवल मरम्मत का काम करवाना है, चूंकि आरोपी परिवार ए-30 के कमरों में सीलन आ रही है।

A-32 में रहने वाली पीड़िता बताती है कि इस समय वह बहुत बीमार चल रही थी और उनकी बीमार अवस्था का लाभ उठाकर ही पड़ोसी परिवार ए-30 ने छत पर बिना बताएं अवैध निर्माण कर डाला। 

इसके बाद जब पीड़िता ने छत पर जाकर देखा तो पता चला कि ए-30 परिवार ने छत के कॉमन एरिया पर एक बहुत ऊंची और लंबी सी दीवार चुनवा दी,जिससे पीड़िता की धूप और ताजी हवा आगे से पूरी तरह ब्लॉक हो गई।

इस बात पर जब पीड़िता ने ए-30 परिवार से पूछा कि आपने तो सिर्फ सीलन का काम करवाना था,फिर यह इतनी ऊंची दीवार किसलिए चुनवाई है और वह भी मुझे बिना बताएं।

क्या आप छत पर कमरे डलवा रहे है?

ऐसे में ए-30 परिवार के बेटे विक्की(बदला हुआ नाम) और बेटी तनु(बदला हुआ नाम) ने फिर से झूठ बोलते हुए कहा कि नहीं ऐसा कोई इरादा नहीं है और यह सिर्फ ऐसे ही है।

इस पर पीड़िता ने कहा कि मेरी तरफ आपने इतनी ऊंची दीवार सिर्फ ऐसे ही नहीं चुनवाई है। आप इसे अभी के अभी हटाएं वर्ना मैं पुलिस और एमसीडी में कंप्लेंट कर रही हूं।

तब ए-30 परिवार ने पीड़िता का विश्वास जीतने के लिए थोड़ी सी दीवार तोड़ दी और माफी मांगते हुए कहा कि छत पर कमरे डलवाने का उनका कोई इरादा नहीं है और उन्हें नहीं पता था कि छत पर काम करवाने के लिए अपने पड़ोसी से पूछना होता है।

इसलिए प्लीज आप कंप्लेंट मत कीजिए। हम हटा रहे है।

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लेकिन पीड़िता रिंकू(बदला हुआ नाम) ए-30 परिवार के इरादे भांप चुकी थी।

इसलिए उन्होंने ए-30 परिवार के इस अवैध निर्माण की फोटोज औऱ वीडियोज निकाल लिए थे,जिन्हें पीड़िता ने अपनी कंप्लेंट के साथ अटैच भी किया है।

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कालकाजी डीडीए फ्लैट अवैध निर्माण

पीड़िता का डर सही साबित हुआ और ए-30 परिवार ने अपनी आपराधिक मानसिकता को दिखाते हुए न केवल झूठ बोलकर छत पर तीसरी और चौथी मंजिल बना ली, बल्कि छत के कॉमन एरिया पर लगे सीवेज पाइप को भी पीड़िता को बिना बताएं और एमसीडी व डीडीए की अनुमति के बिना तोड़कर ए-32 की ही छत पर फेंक दिया।

जिसके चलते ए-32 के सेकेंड फ्लोर के बेडरूम और बाथरूम में बुरी तरह से सीलन आ गई।

ए-30 परिवार ने न केवल मनमाने तरीके से ए-32 की छत पर लगे सीवेज पाइप को निकाल फेंका,बल्कि उन्हें इस बारे में 15 से 20 दिन तक कुछ बताया ही नहीं।

जब उनके(A-32)के बेडरूम और बाथरूम में सीलन आने लगी,तो पीड़िता ने छत पर जाकर देखा कि A-30 परिवार ने छत के कॉमन एरिया से न केवल सीवेज पाइप निकाल दिया है, बल्कि उसे तोड़कर ए-32 की ही छत पर फेंक दिया है।

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ए-30 ने ए-32 की छत पर पूरी तरह गंदगी फैलाकर रखी है।

जिसके चलते उनका बेडरूम और बाथरूम बुरी तरह सीलन से खराब हो गया और साथ ही उनकी छत की टाइलें तोड़ दी गई है।

पूरी छत पर मलबे और पाइप के टुकड़े बिखरे पड़े है।

जिसे देखकर पीड़िता रिंकू की ए-30 परिवार से बहसबाजी भी हुई और उन्होंने ए-30 परिवार को स्पष्ट रूप से कहा कि आपने फिर से झूठ बोलकर धोखा दिया और दीवार हटाने का वादा करके और ज्यादा ऊंचे तीसरे-चौथे फ्लोर बना लिए,जोकि मेरे घर और मेरे लिए खतरनाक है।अब मैं आपकी कंप्लेंट करके ही रहूंगी।

इस पर ए-30 परिवार की बेटी तनु (बदला हुआ नाम) और बेटे विक्की(बदला हुआ नाम) ने पीड़िता रिंकू से कहा कि “सच बोलकर काम कौन करवाता है और सब करते है इसलिए हमने भी किया”

पीड़िता ने साफ कहा कि “दुनिया में क्या होता है इससे उन्हें मतलब नहीं वह अपने घर की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है,जिसे आप लोगों ने नष्ट कर दिया है।”

पीड़िता रिंकू(बदला हुआ नाम)ने ए-30 के बेटे विक्की और बेटी तनु को वॉर्निंग दी कि उनके अवैध निर्माण और झूठ के खिलाफ एमसीडी और डीडीए में कंप्लेंट कर दी गई है।

इसलिए बेहतर होगा कि वह अब उनकी छत पर बिना अनुमति के न आएं।

लेकिन ए-30 परिवार पीड़िता रिंकू की गैरहाजिरी में मना करने के बावजूद भी उनकी छत पर आता रहा और अवैध निर्माण को पूरा करता रहा। 

इतना ही नहीं, ए-30 परिवार ने अहंकार में चूर होकर कहा कि जो करना है कर लो।हमने सब पता कर लिया है। अधिकारियों को सीट से उठाने मे ही 30 हजार से 40 हजार लग जाते है। कुछ नहीं होने वाला,चूंकि अब हम निर्माण कर चुके है।

इसके बाद अगले दिन ही पीड़िता के घर के बाहर से किसी बाइकर ने उनका पीछा किया,जिसकी शिकायत उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर,एमसीडी,डीडीए,महिला आयोग और दिल्ली के मुख्यमंत्री को मेल डालकर 4 फरवरी 2023 को की,जिसमें उन्होंने अवैध निर्माण के कारण उनकी जान को खतरा बताया।

पीड़िता का कहना है कि वह 25 साल से कालकाजी डीडीए फ्लैट में रह रही है और आजतक ऐसा नहीं हुआ कि उनके घर के नीचे से किसी ने बाइक पर उनका पीछा किया हो।

लेकिन जैसे ही उन्होंने ए-30 परिवार को कंप्लेंट करने की धमकी दी,उसके अगले दिन से ही न केवल एक बाइकर ने उनका पीछा किया,बल्कि छत पर से भी अजीब-अजीब सी आवाजें आने लग गई।

वह समझ गई कि ए-30 परिवार एक आपराधिक मानसिकता वाला परिवार है जोकि उन्हें अकेला समझकर डराने-धमकाने की कोशिश कर रहा है।

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-तब पीड़िता रिंकू ने अपनी बीमार अवस्था में ही 4 फरवरी 2023 को एमसीडी,डीडीए,दिल्ली पुलिस,महिला आयोग और दिल्ली के मुख्यमंत्री को मेल डाली,जिसमें महिला आयोग ने उनकी मेल का जवाब दिया और आगे की कार्रवाई का रास्ता दिखाया।

-इसके बाद, ए-32 की पीड़िता ने सभी फोटोज के साथ MCD 311 पर ए-30 के अवैध निर्माण के खिलाफ शिकायत 10 फरवरी 2023 को की। लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया।

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एमसीडी 311,कंट्रोल रूम और एमसीडी ऑफिसर को व्हाट्सएप के माध्यम से अवैध निर्माण की शिकायत की गई

-इसके बाद उन्होंने DDA 311 पर भी 28 फरवरी 2023 को कंप्लेंट की लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया।

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दक्षिण दिल्ली नगर निगम में कालकाजी डीडीए फ्लैट अवैध निर्माण की शिकायतें

-फिर 14 फरवरी 2023 को कालकाजी पुलिस स्टेशन में अवैध निर्माण के कारण जान का खतरा बताते हुए शिकायत की,लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया।

-फिर महिला आयोग की प्रतिनिधि के साथ कालकाजी पुलिस स्टेशन जाकर पीड़िता ने लिखित में फिर से शिकायत 22 फरवरी 2023 को की,जिस पर असाइन ऑफिसर ने कहा कि यह मैटर एमसीडी और डीडीए का है। बाकी हम आरोपी परिवार को बुलाकर समझा देंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया।

-इसके बाद 22 फरवरी 2023 को ए-32 की पीड़िता ने फिर से कंप्लेंट एमसीडी कंट्रोल रूम में की,जहां उन्हें कंप्लेंट नंबर-2243 मिला।

-कंट्रोल रूम में भी अवैध निर्माण की शिकायत करने के बावजूद कुछ नहीं किया गया,फिर कई रिमाइंडर डलवाने के बाद कंट्रोल रूम से ए-30 के अवैध निर्माण की शिकायत के जांच कर्ता अधिकारी का नाम पता चला।

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-ए-30 के अवैध निर्माण के जांच साउथ जोन,ग्रीन पार्क स्थित एमसीडी बिल्डिंग-1 के अधिकारी प्रत्युष कुमार सिंह को असाइन हुई। प्रत्युष कुमार सिंह को कॉल करने पर उन्होंने ए-30 के अवैध निर्माण को जांचने का आश्वासन दिया लेकिन कई बार कॉल करने पर भी वह नहीं आएं।

-इसके बाद जब पीड़िता ने खुद को मीडिया पर्सन बताते हुए कहा कि वह आखिरी बार जानना चाहती है कि वह ए-30 के अवैध निर्माण को जांचने आ रहे है या नहीं। तब प्रत्युष कुमार सिंह अपने एक सहकर्मी के साथ 3 मार्च 2023 को ए-32 पीड़िता के घर आएं और अपनी आंखों से पीड़िता की छत की दुर्दशा और ए-30 का अवैध निर्माण देखा। 

-प्रत्युष कुमार सिंह ने पीड़िता को झूठा आश्वासन दिया कि वह ए-30 परिवार को कहेंगे कि वह अपना अवैध निर्माण जितना जल्दी हो सके खुद हटा लें अन्यथा प्रशासन कार्रवाई करेगा। इसका वीडियो पीड़िता के पास है।

-लेकिन एमसीडी अधिकारी प्रत्युष कुमार सिंह ने इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि पीड़िता के फोन्स भी उठाने बंद कर दिए।

-इसके बाद पीड़िता अपनी तबियत में सुधार महसूस करते हुए 21 मार्च 2023 को व्यक्तिगत रूप से प्रत्युष कुमार सिंह के ग्रीन पार्क स्थित ऑफिस में मिलने गई और सामने बैठकर पूछा कि आखिर वह कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे है।यहां प्रत्युष कुमार सिंह ने उनसे कहा कि उन्हें लगा यह मामला दोनों पक्षों ने आपस में बात करके सुलझा लिया है और अगर मैंने उनके खिलाफ कार्रवाई की तो मुझे आपके खिलाफ भी कार्रवाई करनी होगी।

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-तब पीड़िता ने कहा कि अवैध निर्माण A-30 ने किया है तो मेरे खिलाफ क्यों कार्रवाई होगी। इसपर प्रत्यूष कुमार सिंह ने कहा कि यह एमसीडी का नियम है।चूंकि आप लोग सिंगल स्टोरी में रहते है लेकिन सेकेंड फ्लोर अवैध रूप से बने है।तब रिंकू ने कहा कि सेकेंड फ्लोर तो आरोपी परिवार सहित पूरे ए,बी,सी,डी सभी के बने है तो आप सभी के खिलाफ कार्रवाई करें और अगर आपको लगता है कि ए-30 के अवैध निर्माण के खिलाफ एक्शन लेने के लिए आपको मुझे भी नोटिस देना होगा,तो ठीक है दीजिए मैं जवाब जरूर दूंगी।

-तब एमसीडी अधिकारी प्रत्यूष कुमार सिंह ने कहा कि आपकी परेशानी क्या है और आप इस कंप्लेंट को वापिस क्यों नहीं ले लेती। वर्ना मुझे आपके खिलाफ भी कार्रवाई करनी पड़ेगी और दोनों ओर से नोटिस-नोटिस चलेगा। यही नियम है।

-प्रत्यूष कुमार सिंह की इस धमकी से पीड़िता नहीं डरी और कहा कि आप ए-30 के अवैध निर्माण के खिलाफ एक्शन लीजिए। मैं आपराधिक मानसिकता वाले पड़ोसी के साथ नहीं रह सकती और अपनी जान खतरे में नहीं डाल सकती।

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यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अवैध निर्माण को कानूनी रूप से बचाने के लिए सभी गैरकानूनी तरीकों को साउथ एमसीडी के अधिकारी अंजाम दे रहे है।

अवैध निर्माणों को हरी झंडी देते हुए जिन नियम कायदों को तांक पर रखा जाता है। उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए इन लोगों को सभी नियम-कायदे याद आने लगते है। इससे भी आप समझ सकते है कि दाल कितनी काली है।

पीड़िता का कहना है कि एमसीडी के भ्रष्ट अधिकारियों और उनके पड़ोसी को किसने हक दिया कि वह उनकी छत पर बिना उनकी अनुमति के आएं और अवैध निर्माण करते जाएं। बात सिर्फ अवैध निर्माण की नहीं बल्कि उनकी सुरक्षा और उनके मौलिक अधिकारों की है,जिसकी धज्जियां बीते तीन वर्षों से उड़ाई जा रही है।

-तब प्रत्यूष कुमार सिंह ने कहा कि ठीक है मैं उनसे बात करता हूं और आप मुझे 22 मार्च मैसेज करके पूछ लेना कि क्या एक्शन हुआ है।

लेकिन एमसीडी अधिकारी ने फिर से अपना गैर-जिम्मेदाराना रवैया दिखाते हुए- पीड़िता रिंकू के मैसेजेस के कोई जवाब नहीं दिए और फिर से उनके कॉल उठाने बंद कर दिए।

-कहीं से कोई भी सुनवाई न होता देख पीड़िता ने ए-30 द्वारा छत पर अवैध निर्माण और प्रापर्टी डैमेज की शिकायत 23 मार्च 2023 को एलजी लिसनिंग पोस्ट पर की।जिसका शिकायत क्रमांक-2023005540 है। लेकिन यहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

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-इसके बाद पीड़िता 10 अप्रैल 2023 को फिर से ग्रीन पार्क स्थित एमसीडी ऑफिस गई और डिप्टी कमिश्नर से मिलकर उन्हें न केवल  लोकल साउथ एमसीडी अधिकारियों के भ्रष्टाचार की सारी बात बताई बल्कि अपनी शिकायत की एक कॉपी सबूतों के साथ उन्हें सौंपी। जिसपर डिप्टी कमिश्नर ने स्टेट्स रिपोर्ट संबंधित अधिकारी से तीन दिन में मांगी थी। 

-इसके बाद 10 अप्रैल 2023 को ही दोपहर 2 बजे के करीब MCD 311 पर प्रत्यूष कुमार सिंह पीड़िता की शिकायत के जांच कर्ता के रूप में असाइन हो गए।

-ध्यान दें कि अभी तक एमसीडी 311 पर पर आएं दिन अलग-अलग इंजीनियरों को असाइन किया जा रहा था,जिससे शिकायतकर्ता परेशान रहे।

-इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होता देख शिकायतकर्ता 20 अप्रैल 2023 को ग्रीन पार्क एमसीडी ऑफिस में प्रत्युष कुमार सिंह से स्टेट्स रिपोर्ट लेने गई। लेकिन वह उन्हें देखकर ऑफिस से निकल गए।

-फिर पीड़िता प्रत्युष कुमार सिंह के सीनियर अधिकारी ग्रीन पार्क,बिल्डिंग-1 के विकास गुप्ता से मिली और उन्हें सारी बात बताई।

-विकास गुप्ता ने प्रत्यूष कुमार सिंह को कॉल करके सारी बात जानी और अचानाक से पीड़िता को ही धमकाने लगे कि असल में तुम्हारा सेकेंड फ्लोर बुक हुआ है। तुम स्टेट्स रिपोर्ट कैसे मांग सकती हो।

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-तब पीड़िता ने पूछा कि मेरा 30-35 साल पुराना सेकेंड फ्लोर आपने किस आधार पर बुक किया है? तब विकास गुप्ता ने कहा कि हम अवैध निर्माण को कभी भी बुक कर सकते है,फिर चाहे वह कितने ही साल पुराना क्यों न हो।

-तब पीड़िता ने कहा कि अगर ऐसा है तो पूरी कॉलोनी का सेकेंड फ्लोर अवैध है। आपने उनका सेकेंड फ्लोर क्यों नहीं बुक किया।मैंने अवैध निर्माण की शिकायत की तो आप मेरे खिलाफ ही एक्शन लेने की बात कर रहे है। बहुत स्मार्ट तरीका निकाला है आप लोगों ने अवैध निर्माण करने वालों को बचाने का।

-तब विकास गुप्ता ने बदतमीजी करते हुए ऊंची आवाज में कहा कि हमें जो करना है कर लेंगे। मुझे स्टेट्स रिपोर्ट जहां देनी है वहां दे दूंगा। इस बातचीत का भी वीडियो पीड़िता के पास है।

फिर इसके बाद प्रत्यूष कुमार सिंह और विकास गुप्ता ने अवैध निर्माण करने वाले आरोपी परिवार ए-30 के खिलाफ कार्रवाई न करते हुए शिकायकर्ता ए-32 की रिंकू से बदला लेते हुए 31 मार्च 2023 की बैक डेट पर उनकी तीन दशक पुरानी इमारत को लेकर DMC Act 1957 के तहत एक शो-कॉज नोटिस उनकी दीवार पर 21 अप्रैल 2023 को चिपका दिया।

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जरूरी सवाल

-यहां ध्यान दें कि पहला,दूसरा नोटिस स्पीड पोस्ट या कूरियर से क्यों नहीं भेजा गया?

 

-अवैध निर्माण करने वाले आरोपी परिवार ए-30 को बचाने के लिए ‘बिना किसी फायदे’ के सारे नियम-कायदों को एमसीडी अधिकारियों ने तांक पर क्यों रख दिया?

-जब 10 अप्रैल को डिप्टी कमिश्नर ने प्रत्यूष कुमार सिंह से इस केस की स्टेट्स रिपोर्ट तीन दिन में सब्मिट करने को कहा तो प्रत्यूष कुमार सिंह 31 मार्च की डेट पर पीड़िता को नोटिस MCD के किस कानून के आधार पर चस्पा कर सकते है? चूंकि 10 अप्रैल तक तो उन्होंने कोई एक्शन ही नहीं लिया था,जिसपर  डिप्टी कमिश्नर ने उनसे स्टेट्स रिपोर्ट मांगी थी।

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डिप्टी कमिश्नर को दी गई शिकायत की रिसिविंग प्रति

 

-MCD का वो कौनसा कानून है जो कहता है कि अवैध निर्माण की शिकायतें लगातार मिलने पर बैठे रहो लेकिन जब कोई शिकायत करें तो उसके खिलाफ ही केस बना दो और सारे फर्जी नियम-कायदों की दुहाई देते फिरो?

 

-अप्रैल महीने की 21 अप्रैल 2023 को 31 मार्च का नोटिस चस्पा करके क्या एमसीडी अधिकारियों ने अपने भ्रष्ट आचरण की पोल खुद नहीं खोल दी?

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-22 अप्रैल 2023 ईद और फिर रविवार की छुट्टी होने से शिकायकर्ता ने इस नोटिस का जवाब सभी फैक्ट्स के साथ 25 अप्रैल 2023 को हाथ से लिखकर और स्पीड पोस्ट दोनों माध्यम से दे दिया।

-शिकायतकर्ता का कहना है कि वह 21 अप्रैल 2023 को भी एमसीडी ऑफिस डिप्टी कमिश्नर से मिलने गई थी, लेकिन उनके चपरासी ने कहा कि मैडम ने कहा है कि दोबारा से कंप्लेंट कॉपी लेकर आओं।

-पीड़िता ने कहा कि कंप्लेंट तो पहले से ही रजिस्टर हो गई थी और उसका फाइल नंबर भी मैंने लिखकर आपको दे दिया है। मैडम को बताइये कि मुझे बिल्डिंग डिपार्टमेंट-1 के अधिकारी स्टेट्स रिपोर्ट नहीं दे रहे। 

-तब डिप्टी कमिश्नर,ग्रीन पार्क के चपरासी ने कहा कि मैडम मैं क्या कहूं। मुझे जो कहा गया है मैं आपको बता रहा हूं।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अवैध निर्माण की शिकायत पर फाइल बनने के बाद स्टेट्स रिपोर्ट देने के लिए शिकायकर्ता को फिर से कंप्लेंट निकवाने के लिए इसलिए कहा गया ताकि डिप्टी कमिश्नर से मिलने का समय खत्म हो जाएं और हुआ भी यही।

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यानि कुल मिलाकर कहा जाएं तो केंद्र,राज्य सरकार और एमसीडी चाहे कितनी ही बड़ी-बड़ी बातें करें कि भ्रष्टाचार पर उनकी जीरो टॉलरेंस है लेकिन असलियत तो यह है कि सिस्टम में अधिकतर अधिकारी नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त है।जिसकी बानगी इस केस में दिख रही है।

इसलिए अवैध निर्माणों को लोकल भ्रष्ट एमसीडी-डीडीए अधिकारियों की मिलीभगत के साथ नियम-कायदों को तांक पर रखकर बनाया जा रहा है और इनके खिलाफ आवाज उठाने वाली रिंकू जैसी पीड़िताओं को झूठे नियम-कायदों में फंसाकर गैरकानूनी तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है।

लेकिन ए-32 की रिंकू ने अपने लिए न्याय की लड़ाई अभी भी जारी रखी है और उन्होंने कहा है कि साउथ एमसीडी के भ्रष्ट अधिकारी और ए-30 जैसे आपराधिक मानसिकता वाले पड़ोसियों के अवैध निर्माण और हरकतों के आगे वह घुटने नहीं टेकेंगी और न्याय मिलने तक सिस्टम का हर दरवाजा खटखटाएंगी। ताकि उनकी तरह और लोग इतना प्रताड़ित न हो।

आज दिल्ली में हर दूसरा सीधा इंसान अवैध निर्माण करने वालों से दुखी और भ्रष्ट अधिकारियों से प्रताड़ित है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें और भ्रष्ट सिस्टम की कलई खोलने में योगदान दें।

इस केस में आगे जो भी डेवलपमेंट होंगे वह हम आपको आगे बताते रहेंगे।

 

 

 

 

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Reena Arya

रीना आर्य www.samaydhara.com की फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ है। रीना आर्य ने पत्रकारिता के महज 6-7 साल के भीतर ही अपने काम के दम पर न केवल बड़े-बड़े ब्रांड्स में अपनी पहचान बनाई बल्कि तमाम चुनौतियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए समयधारा.कॉम की नींंव रखी। हर मुद्दे पर अपनी ज्वलंत और बेबाक राय रखने वाली रीना आर्य एक पत्रकार, कंटेंट राइटर,एंकर और एडिटर की भूमिका निभा चुकी है।

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