GST काउंसिल मीटिंग की सभी खबरें कौन-कौन से TAX में हुआ बदलाव
पेट्रोल-डीजल पर अभी भी GST नहीं होगा लागू, रेलवे पार्ट्स और लोकोमोटिव पर GST 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया.
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नई दिल्ली (समयधारा) : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लखनऊ में GST काउंसिल की 45वीं बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की अटकलों पर विराम लगा दिया।
उन्होंने कहा, “पेट्रोल और डीजल को अभी जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करने का यह सही समय नहीं है।
रेवेन्यू से जुड़े कई मुद्दों पर इसके लिए विचार करना होगा। बैठक के दौरान इन पर चर्चा नहीं हुई।”
वहीं पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्या ने बताया कि स्विगी(SWIGGY), जोमौटो (ZOMATO)
जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों पर टैक्स के मुद्दे को मंत्रियों के समूह (GoM) के पास विचार के लिए भेजा गया है।
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निर्मला सीतारमण ने कहा, “कुछ जीवन रक्षक दवाएं जो बहुत महंगी हैं, जो बच्चों के लिए ज़्यादा इस्तेमाल की जाती हैं।
ये कोरोना से संबंधित नहीं हैं। ऐसी ड्रग्स को जीएसटी से छूट दी गई है। इसपर अब जीएसटी नहीं लगेगा।
Zologensma (जोलगेन्स्मा) और Viltetso (विल्टेप्सो) ऐसी ही 2 महत्वपूर्ण दवाए हैं।”
वित्त मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि कोरोना के इलाज से जुड़ी जिन दवाओं पर जीसएटी दर
30 सितंबर तक के लिए घटाई गई थी, उसे बढ़ाकर अब 31 दिसंबर कर दिया गया है।
जीएसटी दर में यह कटौती सिर्फ रेमिडेसिवियर जैसी दवाओं के लिए है। इसमें मेडिकल उपकरण शामिल नही्ं है।
उन्होंने कहा, “एम्फोटेरिसिन बी और टोसीलिज़ुमैब पर जीएसटी नहीं लगेगा। रेमडेसिविर और हेपरिन पर 5% जीएसटी लगेगा।
ये छूट 31 दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी। कैंसर संबंधी ड्रग्स जैसे कीट्रूडा पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% की गई है।”
वित्त मंत्री ने कहा कि एयरक्राफ्ट और अन्य वस्तुओं लीज पर इंपोर्ट किए जाने को लेकर भी कुछ फैसले किए गए हैं,
ताकि डबल टैक्सेशन की समस्या से राहत दी जा सके।
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बता दें कि करीब दो साल बाद यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की बजाय आमने सामने बैठकर हुई।
इस दौरा्न राज्यों को केंद्र की तरफ से दिए जाने मुआवजे की समयसीमा को 2022 से आगे बढ़ाने के मुद्जे पर चर्चा हुई।
पेट्रोल डीजल को GST के दायरे में लाने की थी चर्चा
इससे पहले अटकलें थीं कि काउंसिल पेट्रोल डीजल को जीसएटी के दायरे में लाने पर फैसला ले सकती है।
पेट्रोल डीजल के GST के दायरे में आने पर पेट्रोल 28 रुपए और डीजल भी 25 रुपए तक सस्ता हो सकता है l
अभी देश में कई शहरों में पेट्रोल 110 और डीजल 100 रुपए प्रति लीटर के पार निकल गया है।
टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना महामारी से पैदा हुई आर्थिक संकट को देखते हुए,
पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के तहत लाना केंद्र सरकार और राज्यों के लिए बहुत मुश्किल फैसला साबित होगा।
पेट्रोलियम पदार्थों से केंद्र और राज्यों को बड़ी मात्रा में रेवेन्यू मिलता है।
इन्हें GST के दायरे में लाने पर केंद्र और राज्यों को अन्य प्रोडक्ट्स पर टैक्स को लेकर बड़े समझौते करने होंगे।
अगले एक साल तक जहाज या एयरप्लेन के जरिए एक्सपोर्ट गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर GST नहीं लगेगा।
यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि एक्सपोर्टर्स को GST पोर्टल में आई तकनीकी खराबी के कारण इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड मिलने में दिक्कत हो रही है।
रेलवे पार्ट्स और लोकोमोटिव पर GST 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया।
बायोडीजल पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया।
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दिव्यांग जिस तरह की गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं उसमें यूज होने वाले रेट्रो फिटमेंट किट्स पर GST घटाकर 5% कर दिया गया।
इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज स्कीम में इस्तेमाल होने वाला फोर्टीफाइड राइस केर्नाल्स (Rice kernels) पर GST रेट 18% से घटाकर 5% कर दिया गया।
फार्मा डिपार्टमेंट की तरह से जिन 7 दवाओं की सिफारिश की गई उन पर 31 दिसंबर 2021 तक GST रेट 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
Keytruda जैसी कैंसर की दवाओं पर GST रेट 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
कोरोनावायरस संक्रमण की दवाओं पर पहले GST से छूट 30 सितंबर तक थी।
अब इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 कर दिया गया है। हालांकि यह छूट सिर्फ दवाओं पर होगी मेडिकल उपकरणों पर नहीं।
जानिए किस दवा पर 31 दिसंबर 2021 तक कितनी GST लगेगी।
- Amphotericin B (0%)
- Tocilizumab (0%)
- Remdesivir (5%)
- Heparin (5%)