Karnataka में वास्तु एक्सपर्ट चंद्रशेखर गुरुजी के पैर छू ताबड़तोड़ चाकू गोदकर हत्या,CCTV में कैद घटना
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में दिख रहा है कि होटल के ‘रिसेप्शन' क्षेत्र में दो लोग गुरुजी को लगातार कई बार चाकू घोंप रहे हैं।
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हुबली:कर्नाटक(Karnataka)से एक बेहद दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है।
‘सरल वास्तु’ से लोकप्रिय हुए वास्तु एक्सपर्ट चंद्रशेखर गुरुजी(Chandrashekhar Guruji)की कर्नाटक के हुबली(Hubballi) में मंगलवार को पैर छूने के बहाने चाकू गोदकर हत्या कर दी गई (Saral-Vastu-expert-chandrashekhar-guruji-murder)है।
पुलिस ने जानकारी दी है कि चंद्रशेखर गुरुजी (Chandrashekhar Guruji) की हत्या एक होटल में मंगलवार को चाकू से गोदकर कर दी गई(Saral-Vastu-expert-chandrashekhar-guruji-killed-in-hubli-karnataka) है।यह घटना होटल में लगे सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई है।
हत्यारों की तलाश जारी है।
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में दिख रहा है कि होटल के ‘रिसेप्शन’ क्षेत्र में दो लोग गुरुजी को लगातार कई बार चाकू घोंप रहे(Saral-Vastu-expert-chandrashekhar-guruji-killed-in-hubli-karnataka) हैं।
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हत्यारों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने सघन तलाशी अभियान चलाया है। घटना की जानकारी मिलते ही हुबली के पुलिस आयुक्त लाभू राम मौके पर पहुंचे।
चंद्रशेखर गुरुजी की हत्या का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें दो लोग उनकी प्रतीक्षा करते नजर आते हैं।
एक बार जब वे कुर्सी पर बैठ जाते हैं तो एक शख्स आशीर्वाद लेने के बहाने उठता है और उनके पैर छूता है।
इसी दौरान दूसरा शख्स उन्हें चाकू मारना शुरू कर देता है, जिसे वह अपने कपड़ों में छुपाकर लाया था।
उसके बाद दोनों हत्यारे उनके शरीर पर चाकू से कई वार करते (Saral-Vastu-expert-chandrashekhar-guruji-killed-in-hubli-karnataka)हैं।
इस दौरान गुरुजी दर्द से कराहते हैं और अपने बचाव की कोशिश करते हैं।
इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि चंद्रशेखर गुरुजी की हत्या दुर्दांत तरीके से की गई है, वीडियो को देखने से सबकुछ स्पष्ट होता है।
मैंने पुलिस कमिश्नर लाभू राम से बात की है, पुलिस कातिलों को पकड़ने में जुट गई है। इस अपराध को अंजाम देने वालों को कानून के मुताबिक सख्त सजा दी जाएगी।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि मूल रूप से बगलकोटे निवासी गुरुजी ने ठेकेदार के रूप में काम करना शुरू किया, लेकिन बाद में उन्हें मुंबई में नौकरी मिल गई। इसके बाद गुरुजी मुंबई में बस गये और वास्तु परामर्श देने लगे।