BUDGET 2024-आम लोगों के लिए बजट होगा आफत..! या इनकम TAX में मिलेगी राहत..? जानें सब कुछ

देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट में महाराष्ट्र-हरियाणा-उत्तर प्रदेश-बिहार सहित राजधानी दिल्ली को ध्यान में रखकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकती है, वही आंध्रप्रदेश को लेकर भी चौकाने वाले फैसले आ सकते है.

Budget-2024 Expectation IncomeTax-Rebate  

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नईं दिल्ली (समयधारा) : प्रधानमंत्री मोदी (#NarendraModi) के 3.0 कार्यकाल में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (#NirmalaSitharaman) के पहले बजट से आम लोगों को कई उम्मीदें हैं।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट 5 जुलाई, 2019 को पेश किया था।

सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है।

उन्होंने 10 बार यूनियन बजट (Union Budget) पेश किया था। उसके बाद पी चिदंबरम के नाम 9 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 8 बार यूनियन बजट पेश किया था।

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लेकिन, लगातार सबसे ज्यादा 7 बार यूनियन बजट पेश करने का रिकॉर्ड 23 जुलाई को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज हो जाएगा।

उन्होंने अपना पहला बजट 2019 में पेश किया था। यह वित्त वर्ष 219-20 का फुल बजट था।

उस साल 1 फरवरी को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था।

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सरकार इनकम टैक्स से लेकर हर क्षेत्र में क्या-क्या घोषणा कर सकती है वही लोगों को इस बजट से क्या है उम्मीदें वह इस बजट में साफ़ झलकेगा l 

इस बजट में महाराष्ट्र-हरियाणा-उत्तर प्रदेश-बिहार सहित राजधानी दिल्ली को ध्यान में रखकर कई महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है वही आंध्रप्रदेश को लेकर भी चौकाने वाले फैसले आ सकते है l

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गौरतलब है की  आने वाले दिनों में महाराष्ट्र-हरियाणा-उत्तर प्रदेश-बिहार सहित राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने है,

वही आंध्रप्रदेश में बीजेपी ने सहयोगियों के साथ मिलकर नईं सरकार बनाईं है l जिसकी छाप इस बजट में साफ़ दिखेगी l 

  • इनकम टैक्स  (Income Tax आम लोगों को मिल सकती है बड़ी राहत)

यूनियन बजट से इस बार सबसे ज्यादा उम्मीदें टैक्सपेयर्स को हैं। टैक्स एक्सपर्ट्स और प्रमुख उद्योग चैंबर्स ने सरकार को इनकम टैक्स में राहत देने की मांग की है।

उनका कहना है कि सरकार को कम से कम कम इनकम वाले लोगों और मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ घटाना चाहिए। 

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टैक्सपेयर्स का भी कहना है कि पिछले कुछ सालों में महंगाई तेजी से बढ़ी है। ऐसे में टैक्स का बोझ कम होने से उन्हें काफी राहत मिल सकती है।

बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाले डिडक्शन का लाभ उठाते हैं।

अभी इस सेक्शन के तहत मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये के डिडक्शन की इजाजत है। इस सेक्शन के तहत करीब एक दर्जन सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स आते हैं।

इसके अलावा दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर भी इस सेक्शन के तहत डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है।

लेकिन, यह ध्यान रखना होगा कि सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का लाभ सिर्फ इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में मिलता है।

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपये कर सकती हैं।

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा सकती हैं। अभी नौकरी करने वाले लोगों को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है।

यह डिडक्शन इनकम टैक्स की ओल्ड और नई दोनों रीजीम में मिलता है।

पिछले साल सरकार ने इनकम टैक्स की नई रीजीम में भी स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ देने का ऐलान किया था।

इससे पहले इसका फायदा सिर्फ ओल्ड रीजीम में मिलता है। सूत्रों का कहना है कि सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का ऐलान यूनियन बजट में कर सकती है। यह नई और पुरानी दोनों टैक्स रीजीम के लिए होगा।

सरकार मिडिल क्लास और कम इनकम वाले लोगों को राहत देने के लिए इनकम टैक्स के रेट्स में बदलाव कर सकती है।

अभी ओल्ड टैक्स रीजीम में 10 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है। Budget-2024 Expectation IncomeTax-Rebate  

एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह रेट काफी ज्यादा है। नई रीजीम में 15 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगता है।

सरकार ओल्ड रीजीम में टैक्स रेट्स में बदलाव कर सकती है।

15 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों पर मैक्सिम 20 फीसदी टैक्स लागने का ऐलान हो सकता है।

जानियें बजट आने से पहले इस आम बजट से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां

  • Super Rich लोगों को ज्यादा टैक्स लगाने की मांग

ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC) ने सुपर रिच यानि रईसों पर 2 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने का सुझाव दिया है।

यूनियन का कहना है कि इस पैसे का इस्तेमाल सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट्स शुरू करने के लिए किया जा सकता है।

TUCC की डिमांड है कि प्रवासी मजदूरों के लिए एक अलग वेलफेयर बोर्ड बनाया जाए।

साथ ही वन राशन वन नेशन स्कीम के तहत कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों का भी राशन कार्ड बनाने की मांग की गई है।

  • म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds)

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (एंफी) ने इंडस्ट्री के उम्मीदों के बारे में बताया है।

उसने कहा है कि इस महीने पेश होने वाले बजट में लिस्टेड शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर कैपिटल गेंस टैक्स से छूट की सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपये की जा सकती है।

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उसका मानना है सरकार म्यूचुअल फंड की पेंशन स्कीम के लिए NPS जैसे टैक्स नियम लागू कर सकती है।

फंड ऑफ फंड, गोल्ड फंड और ओवरसीज फंड पर टैक्स में राहत दी जा सकती है। 

  • पेट्रोल-डीजल पर GST या फिर… (PETROL DIESEL)

Budget 2024: हर साल बजट से आम लोगों को उम्मीदें होती है। Budget-2024 Expectation IncomeTax-Rebate  

इस बार मोदी सरकार के तीसरे टर्म के पहले आम बजट से फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण बजट में बड़ा ऐलान करेंगी।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार 23 जुलाई 2024 को बजट पेश करेंगी।

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इस बार बजट में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स के दायरे में लाने का ऐलान कर सकती हैं।

एनर्जी इंडस्ट्री के दिग्गजों को उम्मीद है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में वित्त मंत्री पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने का ऐलान कर सकती हैं।

30 जून और 1 जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल से पीएम नरेंद्र मोदी ने GST लागू करने का ऐलान किया था।

GST लागू करने के पीछे सरकार की मंशा थी कि वन नेशन वन टैक्स की पॉलिसी लागू किया जाए।

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लेकिन सात साल बीत जाने के बाद भी पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स जैसे पेट्रोल-डीजल, नेचुरल गैस और एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) को GST में जगह नहीं मिली है।

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने का फैसला करती हैं तो इंडस्ट्री के साथ-साथ कंज्यूमर्स को भी राहत मिल सकती है।

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एक्साइज ड्यूटी और VAT की जगह सिर्फ एक टैक्स GST लगने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से न सिर्फ इंडस्ट्री बल्कि आम आदमी भी परेशान है। फ्यूल की कीमतें चार प्रमुख घटकों से निर्धारित होती हैं l 

  1. बेसिक कीमत: किसी भी फ्यूल की मूल कीमत, जिसमें ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा भी शामिल होता है।
  2. डीलर का कमीशन: बेसिक कीमत में डीलर का कमीशन जोड़ा जाता है।
  3. उत्पाद शुल्क (Excise Duty): केंद्र सरकार की तरफ से लगाया गया उत्पाद शुल्क इसमें शामिल होता है।
  4. वैल्यू एडेड टैक्स (VAT): इसके बाद राज्य सरकारें अपनी ओर से वैट लगाती हैं, जो राज्य के हिसाब से अलग-अलग होता है।

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  • किसान सम्मान निधि की रकम 6000 रुपए से बढ़ाकर 8000 रुपए करने की मांग

नरेंद्र मोदी सरकार से इस बार उम्मीद की जा रही है कि वह किसान सम्मान निधि की रकम बढ़ाकर 8000 रुपए करें। अंतरिम बजट में भी ये उम्मीद थी लेकिन तब ऐसा कोई ऐलान नहीं हुआ था। 2019 में पहली बार पीएम किसान सम्मान निधिा का ऐलान किया गया था। उसके बाद अब तक इसकी रकम नहीं बढ़ाई गई है। फिलहाल किसानों को हर साल 6000 रुपए मिलते हैं। सरकार 2000-2000 रुपए की तीन किश्त में यह पैसा सीधे अकाउंट में ट्रांसफर करती है। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार अब इसे बढ़ाकर 8,000 रुपए कर सकती है।

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  • इनकम टैकस छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की उम्मीद

इस साल के Full Budget से छोटे टैक्सपेयर्स को काफी उम्मीदें हैं। मनीकंट्रोल को कुछ सीनियर अधिकारियों से जानकारी मिली है कि सरकार इस बार मिडिल क्लास के लिए टैक्स छूट बढ़ा सकती है। माना जा रहा है कि इनकम टैक्स के नए रिजीम में 3 लाख रुपए तक की छूट को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जा सकता है। सरकार ने सबसे पहले 2022 में इनकम टैक्स के नए रिजीम का ऐलान किया था। और उसके बाद से लगातार ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा टैक्सपेयर्स नए टैक्स रिजीम को ही चुनें।

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  • कैपिटल गेन टैक्स के मौजूदा नियमों में बदलाव की डिमांड

फिक्की (Federation of Indian Chambers of Commerce & Industry) की मांग है कि सरकार को कैपिटल गेन टैक्स के नियमों में भी बदलाव करना चाहिए। फिलहाल अलग-अलग एसेट्स के लिए कैपिटल गेन टैक्स भी अलग है। इसके साथ ही टैक्स लगाने के लिए एसेट के होल्डिंग पीरियड में भी फर्क है। फिक्की की डिमांड है कि सरकार को एसेट्स तीन कैटेगरी में बांटना चाहिए। ये कैटेगरी इक्विटी, डेट और अन्य होना चाहिए। इसके बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स रेट और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के रेट तय होने चाहिए।

Editorial on Union Budget 2023-आम बजट पर एक नजर

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Dharmesh Jain: धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।