जानियें Budget के दिन कैसा रहा share बाजार का हाल

आम बजट 2024 - पिछले 10 सालों में आम बजट के दिन Stock Market ने ली किस तरफ करवट

जानियें Budget के दिन कैसा रहा शेयर बाजार का हाल

Last 10 Years Stock Market On Budget Day

नयी दिल्ली (समयधारा) : आज आम जन मोदी सरकार के 2.0 कार्यकाल के अंतिम आम बजट (Budget-2024) का बेसब्री से इन्तजार कर रहा है l

वही निवेशक भी इस आम बजट पर अपनी टकटकी लगाकर बैठा हुआ है l

ऐसे में निवेशकों के लिए हम लाये है पिछले 10 वर्षों में बजट के दिन शेयर बाजार का हाल-चाल कैसा रहा l  

आम बजट वित्त मंत्री मार्केट
10 जुलाई 2014 अरुण जेटली सेंसेक्स 0.28 फीसदी गिरकर बंद हुआ l
28 फरवरी 2015 अरुण जेटली सेंसेक्स  0.48 फीसदी चढ़कर बंद हुआ l
28 फरवरी 2016 अरुण जेटली सेंसेक्स 0.66 फीसदी गिरकर बंद हुआ।
29 फरवरी 2017 अरुण जेटली सेंसेक्स 0.66 फीसदी गिरकर बंद हुआ।
1 फरवरी 2018 अरुण जेटली सेंसेक्स 1.76 फीसदी चढ़कर बंद हुआ l
5 जुलाई 2019 निर्मला सीतारमण सेंसेक्स 0.99 फीसदी गिरा l
1 फरवरी 2020 निर्मला सीतारमण सेंसेक्स 2.43 फीसदी लुढ़कर बंद हुआ।
1 फरवरी 2021 निर्मला सीतारमण सेंसेक्स 5 फीसदी उछलकर बंद हुआ।
1 फरवरी 2022 निर्मला सीतारमण सेंसेक्स 1.36 फीसदी चढ़कर बंद हुआ l
1 फरवरी 2023 निर्मला सीतारमण सेंसेक्स 0.27 फीसदी तेजी के साथ बंद हुआ l

हर बार ऐसा देखा जाता है कि बजट पेश होने के साथ-साथ स्टॉक मार्केट के प्रमुख सूचकांक Sensex और Nifty चढ़ने लगते हैं तो कई बार गिरने लगते हैं।

ये उतार चढ़ाव शुरूआत से लेकर अंत तक बदलते रहते हैं। Last 10 Years Stock Market On Budget Day

ऐसे में इस बार भी निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने की शुरुआत से ही तमाम लोगों की नजरें स्टॉक मार्केट के प्रमुख सूचकांक Sensex और Nifty पर थमी रहेगी।

यूँ तो बजट हर सरकार अच्छा ही लाना चाहती है पर आज पेश होने वाले बजट से ज्यादा उम्मीदें लगाना बेकार है,

क्योंकि सरकार इस बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं करगी क्योंकिः यह मोदी सरकार के दूसरें कार्यकाल का अंतिम बजट है,

इसलिए इस बजट पर चुनावी छाप साफ़ दिखेगी l सरकार कई चौकाने वाले फैसले ले सकती है l

वही घरेलु सिलिंडर के दाम कम करके सरकार देशवासियों को चुनावी तोफा भी दे सकती है l

Last 10 Years Stock Market On Budget Day

Dharmesh Jain: धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।