बिजनेस न्यूज

जानियें क्यों है इस बार का Economic Survey 2022 अलग

इकोनॉमिक सर्वे 2022 - चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) की गैरमौजूदगी में तैयार कैसा होगा सर्वे

Share

economic-survey-2022 news-updates-in-hindi budget-2022

नयी दिल्ली (समयधारा) : कल यूनियन बजट 2022 (Union Budget 2022) पेश  होने से पहले l

यानी बजट के ठीक एक दिन पहले संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाता है l

इस बार यह इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey 2022) 31 जनवरी सोमवार को आ रहा है l जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी।

इस बार का सर्वे इस मायने में खास है कि इसे चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) की गैरमौजूदगी में तैयार किया जा रहा है।

सीईए केवी सुब्रमण्यन का कार्यकाल पिछले साल 6 दिसंबर को खत्म हो गया।

तीन साल तक इस पद पर रहने के बाद उन्होंने फिर से एजुकेशन के क्षेत्र में लौटने का फैसला किया है।

सुब्रमण्यन का कार्यकाल खत्म होने के बाद सरकार ने नए सीईओ की तलाश शुरू कर दी है। लेकिन, अब तक नई नियुक्ति नहीं हो सकी है।

economic-survey-2022 news-updates-in-hindi budget-2022

सीईए की गैरमौजूदगी में इकोनॉमिक सर्वे तैयार करने का काम प्रिसिंपल इकोनॉमिक एडवाइजर और फाइनेंस मिनिस्ट्री के दूसरे अधिकारियों के जिम्मे है।

 

 

फाइनेंस मिनिस्ट्री में सीईओ का दर्जा सेक्रेटरी के बराबर का होता है। इससे पहले भी सीईओ की गौरमौजूदगी में इकोनॉमिक सर्वे तैयार होने की मिसाल है।

प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के पहले साल के इकोनॉमिक सर्वे को भी सीईओ की गैरमौजूदगी में तैयार किया गया था।

तब सीईओ का पद खाली था। रघुराम राजन को आरबीआई का गवर्नर नियुक्त कर देने से सीईए का पद खाली हो गया था।

इस बार का इकोनॉमिक सर्वे सिर्फ एक वॉल्यूम का हो सकता है।

 

इसका मतलब है कि इसमें सिर्फ चालू वित्त वर्ष के अलग-अलग सेक्टर के डेटा होंगे।

इसमें अर्थव्यवस्था की तेज ग्रोथ के रास्ते की बाधाओं के समाधान का व्यापक रास्ता नहीं होगा।

economic-survey-2022 news-updates-in-hindi budget-2022

आम तौर पर इकोनॉमिक सर्वे में ग्रोथ के रास्ते में आने वाली बाधाओं और उनके समाधान का जिक्र होता है।

उम्मीद है इकोनॉमिक सर्वे में चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 9.2 फीसदी रहने का अनुमान शामिल होगा।

यह आरबीआई के 9.5 फीसदी की ग्रोथ के अनुमान से थोड़ा कम है। हालांकि, यह पिछले वित्त वर्ष इकोनॉमी के प्रदर्शन के मुकाबले काफी बेहतर है।

 

पिछले वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में 7.3 फीसदी गिरावट आई थी। इसकी वजह कोरोना की महामारी का इकोनॉमी पर असर था।

सरकार ने महमारी को काबू में करने के लिए लॉकडाउन लगा दिया था। इससे आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से थम गई थीं।

Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।