चंदा कोचर की मुसीबत कम होने का नाम ही नहीं ले रही, लगातार चौथे दिन ED के सवालात

चंदा कोचर,आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ

ED continue questioning on fourth day to chanda kochhar

मुंबई, 4 मार्च : चंदा कोचर की मुसीबत कम होने का नाम ही नहीं ले रही, लगातार चौथे दिन ED के सवाल  

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को लगातार चौथे दिन आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर से पूछताछ की।

यह पूछताछ वीडियोकोन को 1,875 करोड़ रुपये कर्ज की मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं

और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जारी जांच के तहत की जा रही है।

कोचर दोपहर करीब 12 बजे ईडी के कार्यालय पहुंचीं, जहां एजेंसी ने उनसे पूछताछ शुरू की।

ईडी ने एक मार्च को पहली बार चंदा कोचर से दक्षिण मुंबई स्थित उनके आवास पर पति दीपक कोचर के साथ पूछताछ की थी।

इससे पहले रविवार को लगातार तीसरे दिन उनसे पूछताछ की गई।

एजेंसी ने दीपक कोचर द्वारा चलाई जा रही कंपनी न्यूपॉवर रिनेवेबल्स प्राइवेट लिमिटेड में मैट्रिक्स समूह के अध्यक्ष

और एस्सार समूह के सह-सस्थापक रवि रुइया के दामाद निशांत कनोडिया द्वारा

निवेश किए जाने के संबंध में रविवार को कनोडिया से पूछताछ की थी।

ईडी ने दो मार्च को दीपक कोचर और वीडियोकोन समूह के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत से भी मामले में देर रात तक पूछताछ की थी।

ईडी ने एक मार्च को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत कोचर और धूत के पांच कार्यालयों और मकानों पर छापे मारे थे।

ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर फरवरी में धनशोधन का मामला दर्ज किया था। 

कोचर पर अन्य आरोपियों के साथ एक आपराधिक साजिश कर निजी कंपनियों को ऋण स्वीकृत करने का आरोप है।

प्राथमिकी में चंदा कोचर, दीपक कोचर, धूत और उनकी कंपनियों -वीडियोकोन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड

और वीडियोकोन इंडस्ट्रीज लिमिटेड- के नाम हैं। इसके अलावा एफआईआर में धूत द्वारा शुरू की गई कंपनी

सुप्रीम एनर्जी और दीपक कोचर के स्वामित्व वाली न्यूपॉवर रिनेवेबल के भी नाम हैं।

अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आईसीआईसीआई बैंक द्वारा

एक कंसोर्टियम के हिस्से के रूप में 1,875 करोड़ रुपये के ऋण की मंजूरी में कुछ गलत हुआ है या नहीं।

ED continue questioning on fourth day to chanda kochhar

आईएएनएस

Dharmesh Jain: धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।