महंगाई डायन खात जात है! 5 महीने के उच्च स्तर पर सितंबर में खुदरा महंगाई दर .41 फीसदी बढ़कर 7.41फीसदी हुई

देश में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में इजाफे के कारण खुदरा महंगाई दर अप्रैल के बाद सितंबर में .41 फीसदी बढ़कर 7.41 फीसदी हो गई है।

खुदरा महंगाई दर सितंबर में 7.41 फीसदी

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नई दिल्‍ली: फेस्टिव सीजन का मजा किरकिरा करने के लिए महंगाई ने अपना मुंह और फैला लिया है।

देश में सितंबर महीने में महंगाई दर(Retail-inflation)इस साल पांच महीने के उच्च स्तर पर पहुंचकर 7.41 फीसदी हो गई है।

देश में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में इजाफे के कारण खुदरा महंगाई दर अप्रैल के बाद सितंबर में .41 फीसदी बढ़कर 7.41 फीसदी हो गई(Retail-inflation-jump-five-month-high-of-7.41percent-in-Sep-after-April-this-year)है।

बकौल सरकारी आंकड़ें, अगस्त महीने में महंगाई दर 7फीसदी थी।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, खुदरा महंगाई दर जुलाई में 6.71 प्रतिशत और पिछले साल अगस्त में 5.3 प्रतिशत थी।

महंगाई(Inflation)बढ़ने का प्रमुख कारण अनाज और सब्जियों के दाम में तेजी माना जा रहा है.लगातार नौवें महीने खुदरा मुद्रास्‍फीति, आरबीआई के 6 फीसदी के tolerance level (सहनशीलता स्‍तर) से ऊपर बनी हुई है

गौरतलब है कि एक वर्ष पूर्व सितंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.35 रही थी. खाद्य पदार्थों की महंगाई के कारण खुदरा महंगाई दर में उछाल देखने को मिला(Retail-inflation-jump-five-month-high-of-7.41percent-in-Sep-after-April-this-year) है.

सितंबर माह में खाद्य महंगाई दर 8.60  फीसदी पर जा पहुंची है जो कि इससे एक माह पहले अगस्‍त में 7.62 पर थी. सितंबर माह में शहरी और ग्रामीण, दोनों ही इलाकों में खाद्य महंगाई दर में उछाल आया है. 

मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से अधिक रहने पर आरबीआई(RBI)को केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देनी होगी.

इस रिपोर्ट में आरबीआई को बताना होगा कि वह खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने में क्यों विफल रहा।

बता दें, केंद्र सरकार ने आरबीआई की यह सुनिश्चित करने कहा है कि खुदरा मुद्रास्‍फीति 2 से 6  फीसदी के दायरे में बनी(Retail-inflation-jump-five-month-high-of-7.41percent-in-Sep-after-April-this-year)रहे।

सितंबर में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि मौजूदा वित्‍तीय वर्ष की शुरुआत में महसूस की गई  तीव्र आयातित मुद्रास्फीति (acute imported inflation) का दबाव कम हो गया है लेकिन खाद्य और ऊर्जा आइटम्‍स पर यह दबाव अभी भी बरकरार है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

(इनपुट एजेंसी से भी)

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Radha Kashyap: