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Delhi Govt Vs LG: अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग दिल्ली सरकार का अधिकार-सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल सरकार की बड़ी जीत

मुख्य न्यायधीश सहित पांच जजों की संविधान पीठ के हवाले से चीफ जस्टिस ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह फैसला बहुमत से लिया गया है।

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नई दिल्ली:दिल्ली में उपराज्यापल(Lieutenant Governor) बनाम दिल्ली सरकार(Delhi Government)के अधिकारों के बीच टकराव का मामला सुप्रीम कोर्ट(Supreme court)में चल रहा है,जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।

ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले में दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार चुनी हुई दिल्ली सरकार के पास(Delhi-Govt-Vs-LG-Supreme-court-verdict-Delhi-government-s-right-to-transfer-posting-of-officers)है और इसके अलावा पुलिस,भूमि और कानून-व्यवस्था का अधिकार उपराज्यपाल के पास है।

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अधिकार पर आज,गुरुवार को फैसला सुनाया गया है,जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार के पास(Delhi-Govt-Vs-LG-Supreme-court-verdict-Delhi-government-s-right-to-transfer-posting-of-officers)है। इससे उपराज्यपाल बैक फुट पर आ गए है।

मुख्य न्यायधीश सहित पांच जजों की संविधान पीठ के हवाले से चीफ जस्टिस ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह फैसला बहुमत से लिया गया है।

इसमें सभी जजों की सहमति है।सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की याचिका पर आज पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपना फैसला सुनाया।

चीफ जस्टिस ने कहा कि यह मामला सिर्फ सर्विसेज पर नियंत्रण का है। हम जस्टिस भूषण के 2019 के फैसले से सहमत नहीं है।

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चुनी हुई सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है। सरकार के पास जनता की इच्छा पूरी करने की शक्ति होनी चाहिए। 

भूषण ने कहा था कि सर्विसेज पर केंद्र का अधिका है,जिससे हम सहमत नहीं है। केंद्र सभी विधायी शक्तियां अपने हाथ में नहीं ले सकता। संसद के पास किसी विषय पर कानून बनाने की शक्ति है।

पुलिस,भूमि, पब्लिक ऑर्डर उपराज्यपाल के पास है। अन्य मामलों के लिए उपराज्यपाल चुनी हुई सरकार के फैसलों को मानने के लिए बाध्य है।

प्रधान न्यायाधीश (CJI)  डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की संविधान पीठ ने इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई और अब दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अधिकार दिल्ली सरकार को मिल गया(Delhi-Govt-Vs-LG-Supreme-court-verdict-Delhi-government-s-right-to-transfer-posting-of-officers)है।

आपको बता दें कि अदालत ने 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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आज सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि NCT एक पूर्ण राज्य नही है. ऐसे में राज्य पहली सूची में नही आता. NCT दिल्ली के अधिकार दूसरे राज्यों की तुलना में कम है.

संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं।

आज के फैसले से दि्ल्ली के उपराज्यपाल को बड़ा झटका लगा है और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को बड़ी जीत मिली है।

 

 

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shweta sharma

श्वेता शर्मा एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। लेकिन अब अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। श्वेता शर्मा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

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