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“कॉमेडी के बादशाह असरानी का निधन: जानिए उनके संघर्ष, करियर और यादगार फिल्मों की कहानी”
💔 बॉलीवुड को फिर लगा झटका: कॉमेडी किंग असरानी का निधन
दिवाली 2025 के दिन जब पूरा देश रोशनी और खुशियों में डूबा हुआ था, उसी दिन बॉलीवुड के आसमान से एक और चमकता सितारा टूट गया।
मशहूर अभिनेता असरानी (Asrani) ने 84 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 की दोपहर लगभग 3:00 से 3:30 बजे के बीच उन्होंने मुंबई के आरोग्य निधि अस्पताल में आखिरी सांस ली।
असरानी पिछले कुछ समय से फेफड़ों की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। चार दिन पहले उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके मैनेजर बाबू भाई ने उनके निधन की पुष्टि की और बताया कि असरानी की छाती में पानी भर जाने के कारण उनकी स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही थी।
🌼 दिवाली की शुभकामनाओं के कुछ घंटे बाद आई दुखद खबर
यह खबर और भी ज्यादा भावुक कर देने वाली इसलिए रही क्योंकि असरानी के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर कुछ घंटे पहले ही एक पोस्ट किया गया था, जिसमें उन्होंने अपने प्रशंसकों को दिवाली की शुभकामनाएं दी थीं।
लेकिन कुछ ही घंटों बाद, यह खुशियों भरा त्योहार गम में बदल गया।
सोशल मीडिया पर फैन्स और सितारों ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया।
अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, जॉनी लीवर, परेश रावल और कई पीढ़ियों के कलाकारों ने असरानी को “कॉमेडी का जीवंत चेहरा” बताते हुए श्रद्धांजलि दी।
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🔥 सांताक्रूज में हुआ अंतिम संस्कार
असरानी के पार्थिव शरीर को दिवाली की शाम मुंबई के सांताक्रूज स्थित शांतिनगर श्मशान भूमि ले जाया गया, जहां परिवार और फिल्म जगत की कई हस्तियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
उनके निधन ने न केवल फिल्मी दुनिया को बल्कि उन करोड़ों दर्शकों को भी झकझोर दिया, जिनके चेहरे पर असरानी ने दशकों तक मुस्कानें बिखेरी थीं।
👶 असरानी का जन्म और शुरुआती जीवन
गोवर्धन असरानी, जिन्हें दुनिया असरानी के नाम से जानती है, का जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर (राजस्थान) में हुआ था।
वह बचपन से ही बेहद हंसमुख और अभिनय के शौकीन थे। उनके पिता का सपना था कि वह एक सरकारी अधिकारी बनें, लेकिन असरानी का दिल सिनेमा की ओर खिंचता चला गया।
उन्होंने सेंट जेवियर कॉलेज, मुंबई से पढ़ाई की और पढ़ाई के दौरान ही थिएटर से जुड़ गए।
उनकी कॉमिक टाइमिंग और संवाद शैली इतनी अलग थी कि उन्होंने जल्द ही अपने आस-पास के थिएटर कलाकारों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
🎭 फिल्मी करियर की शुरुआत
असरानी का फिल्मी सफर आसान नहीं था। कई सालों के संघर्ष के बाद उन्हें 1967 में फिल्म “हरे कांच की चूड़ियां” में बिस्वजीत के दोस्त की भूमिका निभाने का मौका मिला।
यही से उनकी पहचान बनने लगी। धीरे-धीरे असरानी ने खुद को कॉमिक रोल्स के बादशाह के रूप में स्थापित किया।
उनकी खासियत यह थी कि वह सिर्फ हंसाने वाले किरदार ही नहीं निभाते थे, बल्कि अपने किरदारों में मानवता, मासूमियत और भावनाओं की गहराई भी ले आते थे।
🎬 असरानी की यादगार फिल्में
असरानी ने 400 से अधिक फिल्मों में काम किया।
उनकी यादगार फिल्मों में शामिल हैं —
- बावर्ची (1972)
- चुपके चुपके (1975)
- छोटी सी बात (1976)
- खट्टा मीठा (1978)
- भूल भुलैया (2007)
- मालामाल वीकली, हेरा फेरी, दिल है कि मानता नहीं, और
- शोले (1975) — जिसमें उन्होंने जेलर का किरदार निभाया था, जो आज भी सिनेमा इतिहास का आइकॉनिक रोल माना जाता है।
उनका “हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं…” वाला डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर है।
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🏆 कॉमेडी में महारत और गंभीर किरदारों की versatility
असरानी सिर्फ एक कॉमेडियन नहीं थे — वे एक बहुमुखी अभिनेता थे।
उन्होंने कई गंभीर भूमिकाएं भी निभाईं, जिनमें उन्होंने यह साबित किया कि अभिनय सिर्फ मज़ाक या हास्य तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह भावनाओं का एक पूरा संसार है।
उनकी एक्टिंग में एक खास बात थी — टाइमिंग।
कभी शब्दों के बीच का ठहराव, तो कभी चेहरे का हावभाव — यही उनकी सबसे बड़ी ताकत थी।
❤️ असरानी की लव स्टोरी और परिवार
असरानी की निजी जिंदगी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रही।
उन्होंने अभिनेत्री मंजू बंसल से शादी की, जो खुद एक जानी-मानी कलाकार थीं।
दोनों की मुलाकात फिल्म “आज की ताजा खबर” और “नमक हराम” के सेट पर हुई थी।
यहीं से दोनों के बीच दोस्ती और फिर प्यार शुरू हुआ।
शादी के बाद भी असरानी और मंजू बंसल ने कई फिल्मों में साथ काम किया।
दोनों का रिश्ता फिल्मी दुनिया की भीड़ में भी बेहद मजबूत और प्रेरणादायक माना जाता था।
💬 असरानी के इंटरव्यू और जीवन दर्शन
असरानी अक्सर कहते थे —
“कॉमेडी सिर्फ हंसाने का जरिया नहीं, बल्कि लोगों के दर्द को कुछ देर के लिए भुलाने की कला है।”
यह बात उनके जीवन में बिल्कुल सटीक बैठती है।
उन्होंने अपने करियर में हमेशा सादगी, अनुशासन और विनम्रता बनाए रखी।
फिल्मों में चाहे कितनी भी सफलता मिली हो, असरानी हमेशा ज़मीन से जुड़े रहे।
🌟 नए दौर में भी असरानी का योगदान
असरानी ने सिर्फ 70s या 80s में ही नहीं, बल्कि 2000 के दशक में भी कई यादगार फिल्में कीं।
“हेरा फेरी”, “भूल भुलैया”, “धमाल”, “मालामाल वीकली” जैसी फिल्मों में उन्होंने युवा पीढ़ी के बीच भी अपनी पहचान बनाए रखी।
OTT युग में भी असरानी ने कुछ वेब सीरीज़ और रियलिटी शो में दिखाई देकर यह साबित किया कि कला की उम्र नहीं होती, जुनून ही असली ताकत है।
🕯️ असरानी का जाना – एक युग का अंत
असरानी का निधन सिर्फ एक व्यक्ति की मृत्यु नहीं, बल्कि हास्य कला के एक स्वर्ण युग का अंत है।
उन्होंने जिस तरह से हर किरदार को जिया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बन गया।
आज भी जब कोई सीन में हल्के-फुल्के अंदाज में दर्शकों को हंसाता है, तो उसमें असरानी की झलक जरूर दिखती है।
🙏 असरानी की याद में बॉलीवुड और प्रशंसकों की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर #RIPAsrani ट्रेंड करने लगा।
सेलिब्रिटीज ने उन्हें “The Eternal Smile of Bollywood” बताया।
धर्मेंद्र ने कहा —
“असरानी भाई सिर्फ स्क्रीन पर नहीं, असल जिंदगी में भी हंसाने वाले इंसान थे।”
वहीं अमिताभ बच्चन ने ट्वीट किया —
“एक युग समाप्त हुआ… असरानी जी, आपके जाने से सिनेमा की रौनक कुछ फीकी हो गई।”
💡 निष्कर्ष: हंसी की विरासत हमेशा ज़िंदा रहेगी
असरानी ने अपने जीवन में जितनी हंसी, खुशी और सकारात्मकता फैलाई, वह आने वाली पीढ़ियों तक बनी रहेगी।
उनकी फिल्मों, डायलॉग्स और किरदारों के जरिए वे हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेंगे।
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“दीपावली की रोशनी भले एक रात की हो,
असरानी की मुस्कान हमेशा हमारे दिलों को रोशन करती रहेगी।”