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68th National Film Awards:गुजरे जमाने की अभिनेत्री आशा पारेख दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित

हिंदी सिनेमा में गुजरे जमाने की लोकप्रिय अभिनेत्री आशा पारेख(Asha-Parekh)को आज 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार(68th-National-Film-Awards)समारोह में सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

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हिंदी सिनेमा में गुजरे जमाने की लोकप्रिय अभिनेत्री आशा पारेख(Asha-Parekh)को आज 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार(68th-National-Film-Awards)समारोह में सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

आशा पारेख को 52वां दादा साहेब फाल्के पुरस्कार(Dada-Saheb-Phalke-award)दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों प्रदान किया(68th-National-Film-Awards-Asha-Parekh-receives-Dada-Saheb-Phalke-award)गया।

उन्हें यह अवॉर्ड हिंदी सिने जगत में अपने बहुमूल्य योगदान और अदायगी के लिए दिया गया है।

आपको बता दें कि बीते दो वर्षो में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का आयोजन कोरोना महामारी के कारण नहीं हो पा रहा था।

शुक्रवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आशा पारेख को दादा साहेब फाल्के अवार्ड 2020 से सम्मानित(68th-National-Film-Awards-Asha-Parekh-receives-Dada-Saheb-Phalke-award) किया।  

79 वर्षीय आशा पारेख को इस प्रतिष्ठित से गदगद हो गई और उन्होंने यह अवॉर्ड लेते हुए कहा कि वह अपने 80वें जन्मदिन से एक दिन पहले यह पुरस्कार पाकर धन्य महसूस कर रही हैं।

उन्होंने कहा, “ दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करना बहुत बड़े सम्मान की बात है। मेरे 80वें जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले मुझे यह सम्मान मिला, मैं इसके लिए आभारी हूं। ”

वर्ष 2020 के लिए यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली पारेख ने कहा, “ यह भारत सरकार से मुझे मिलने वाला सबसे अच्छा सम्मान है। मैं जूरी को इस सम्मान के लिए धन्यवाद देना चाहती(68th-National-Film-Awards-Asha-Parekh-receives-Dada-Saheb-Phalke-award)हूं।”

भारतीय फिल्म जगत को ‘बेहतरीन स्थान’ बताते हुए, अभिनेत्री ने कहा कि वह 60 साल बाद भी फिल्मों से जुड़ी हुई हैं।

बाल कलाकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाली पारेख ने कहा, “ “हमारा फिल्म जगत(Bollywood)सबसे अच्छी जगह है और मैं इस जगत में युवाओं को दृढ़ता, दृढ़ संकल्प, अनुशासन और जमीन से जुड़े रहने का सुझाव देना चाहती हूं, और मैं आज रात पुरस्कार पाने वाले सभी कलाकारों को बधाई देती हूं।”

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की पांच सदस्यीय चयन समिति ने सम्मान के लिए पारेख का चयन किया।

इस समिति में आशा भोंसले, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लों, उदित नारायण और टीएस नागभरण शामिल हैं ।

1960-1970 के दशक में पारेख की शौहरत अभिनेता राजेश खन्ना, राजेंद्र कुमार और मनोज कुमार के बराबर थी।

अपने पांच दशक लंबे करियर में अभिनेत्री ने 95 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। इनमें “दिल देके देखो”, “कटी पतंग”, “तीसरी मंजिल” , ‘बहारों के सपने,’ ‘प्यार का मौसम’ और “कारवां” जैसी फिल्में शुमार हैं।उन्होंने 1952 में आई फिल्म “आसमान” से 10 साल की उम्र में एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था और वह दो साल बाद बिमल रॉय की “बाप बेटी’ से चर्चा में आई थीं।

पारेख ने 1959 में आई नासिर हुसैन की फिल्म “दिल देके देखो” में मुख्य किरदार निभाया था, जिसमें उन्होंने शम्मी कपूर के साथ अपनी अदाकारी के जलवे बिखेरे थे।

पारेख ने 1990 के दशक के अंत में एक निर्देशक व निर्माता के तौर पर टीवी नाटक “कोरा कागज” का निर्देशन किया था, जिसे काफी सराहा गया। पारेख 1998-2001 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की पहली महिला अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

साल 2017 में उन्होंने अपनी आत्मकथा “द हिट गर्ल” पेश की, जिसका सह-लेखन फिल्म समीक्षक खालिद मोहम्मद ने किया था। उन्हें 1992 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। 

पिछले साल, 2019 के लिए रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार(Rajnikant gets Dada Saheb Phalke Awards)से सम्मानित किया गया था।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

आशा पारेख को पहले भी मिल चुका है सम्मान

आपको बता दें कि फिल्म जगत में आशा पारेख को भारत सरकार के द्वारा पद्म श्री से साल 1992 में भी सम्मानित किया गया था।

इस बार 22 सालों के बाद पहली बार किसी महिला को दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया है। आपको बता दें कि दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित होने वाली आशा पारेख सातवीं महिला हैं।

सबसे पहले यह अवार्ड अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था। इसके बाद सिर्फ कुछ अभिनेत्रियों को ही दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

आशा पारेख से पहले इस अवार्ड को हासिल करने वाली आशा भोसले, लता मंगेशकर, दुर्गा खोटे, कानन देवी और रूबी मेयर्स भी हैं। 

आशा पारेख को यह सम्मान मिलना सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है। 

 

 

 

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Riya Sharma