सोनू सूद बने प्रवासी मजदूरों के लिए फरिश्ता,कहा- पैदल क्यों जाओगे दोस्त?नम्बर भेजो

एक रियल हीरो की तरह सोनू सूद आगे आकर प्रवासी मजदूरों की मदद कर (Sonu Sood helping migrants) रहे है

सोनू सूद (एक्टर),तस्वीर-साभार-गूगल सर्च

Sonu Sood helping migrants Labour in lockdown

नई दिल्ली: बॉलिवुड (Bollywood) एक्टर उन कोरोना वॉरियर्स (Corona worriers) में से एक है जिन्होंने इस लॉकडाउन के मुश्किल वक्त में खुद की परवाह न करते हुए कई प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है।

रोजाना मीडिया रिपोर्ट्स में हम देख रहे है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप और लॉकडाउन की दुश्वारियों के बीच हर राज्य से प्रवासी मजदूर अपने पैतृक गांव या राज्य जाने को पैदल ही निकल चले है।

फिर चाहें प्रत्येक सरकार कितने ही दावे और वादे करें कि वह प्रवासी मजदूरों को नियमित तौर पर उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे है,लेकिन ग्राउंड हकीकत कुछ और ही है।

 

लॉकडाउन (Lockdown) में प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौतें, चीख-चीख कर व्यवस्था पर उंगलियां उठा रही है।

ऐसे में एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) सिर्फ उन एक्टर्स में से एक नहीं है जो रूपहले पर्दे पर तो हीरो बनते है लेकिन आज के दौर में संपन्न होकर भी ग्राउंड पर जाकर मदद नहीं कर रहे।

बल्कि एक रियल हीरो की तरह सोनू सूद (Sonu Sood) आगे आकर प्रवासी मजदूरों की मदद कर (Sonu Sood helping migrants) रहे है और नतीजा अब मजदूर भी उनसे उम्मीदें लगाने लगे है और मदद की गुहार करने लगे है।

सोनू सूद सभी की यथासंभव मदद कर रहे (Sonu Sood helping migrants Labour in lockdown)है।

रियल और रील लाइफ में कितना फर्क होता है यह एक्टर सोनू सूद की चारित्रिक विशेषताओं में दिख रहा है। बड़े पर्दे पर भले ही वह नेगेटिव रोल ज्यादा करते है लेकिन असल जिंदगी में किसी फरिश्ते की तरह प्रवासी मजूदरों की मदद कर रहे है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा को देखते हुए सोनू सूद ने बसों की व्यवस्था की। इसके लिए उन्होंने सभी जरूरी परमिशन लेनी ही काफी पहले शुरू कर दी थी।

मजदूरों की मदद (migrants Labour hel) का सिलसिला अभी तक जारी है और प्रवासी मजदूर ट्विटर पर सोनू सूद से मदद की गुहार लगाने लगे है

और सोनू सूद भी सभी की मदद का वादा कर रहे है और मदद पहुंचा रहे (Sonu Sood helping migrants Labour in lockdown) है।

जब ट्विटर पर सोनू सूद से एक मजदूर ने मदद मांगते हुए कहा कि- यूपी में कहीं भी भेज दो सर वहां से पैदल चले जाएंगे अपने गांव सर।

तो सोनू सूद ने दिल को छू लेने वाला जवाब दिया, जिसके बाद उनकी सभी जगह तारीफ भी हो रही है। सोनू सूद ने कहा कि- “पैदल क्यों जाओगे दोस्त?? नम्बर भेजो”

ऐसी अनेकों मदद की गुहार सोनू सूद के ट्विटर हैंडल (Sonu Sood twitter) पर मजदूरों की ओर से देखी जा सकती है।

इतना ही नहीं, एक मजदूर ने जब सोनू सूद से कहा कि ‘पिछले 16 दिन से पुलिस चौकी के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन हम लोगों का काम नहीं हो पा रहा है।‘

तो सोनू सूद ने कहा कि “भाई चक्कर लगाना बंद करो और रिलेक्स करो. दो दिन में बिहार में अपने घर का पानी पियोगे। डिटेल भेजो।”

सोनू सूद के ऐसे आशावादी जवाब और काम मजदूरों के लिए राहतभरे साबित हो रहे है। उन्होंने ट्विटर पर अप्रोच करने वाले किसी भी मजदूर को निराश नहीं (Sonu Sood helping migrants Labour in lockdown)किया।

उन्होंने मदद का हाथ सभी के लिए बढ़ाया। इतना ही नहीं, कोरोनावायरस के समय कोरोना वॉरियर्स मतलब  मेडिकल स्टाफ के लिए भी सोनू सूद ने अपना 6 मंजिला होटल खोलकर उन्हें सुविधा प्रदान की थी।

 

 

Sonu Sood helping migrants Labour in lockdown

Reena Arya: रीना आर्य www.samaydhara.com की फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ है। रीना आर्य ने पत्रकारिता के महज 6-7 साल के भीतर ही अपने काम के दम पर न केवल बड़े-बड़े ब्रांड्स में अपनी पहचान बनाई बल्कि तमाम चुनौतियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए समयधारा.कॉम की नींंव रखी। हर मुद्दे पर अपनी ज्वलंत और बेबाक राय रखने वाली रीना आर्य एक पत्रकार, कंटेंट राइटर,एंकर और एडिटर की भूमिका निभा चुकी है।