रिया चक्रवर्ती की जमानत का विरोध नहीं
Sushant-Singh-Rajput-drugs-case-NCB-will-not-oppose-Rhea-Chakraborty’s-bail-नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह फिल्म स्टार सुशांत सिंह राजपूत की मौत(Sushant-Singh-Rajput-Drugs)से जुड़ी ड्रग्स से संबंधित जांच के सिलसिले में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती(Rhea-Chakraborty)को दी गई जमानत को चुनौती नहीं दे रहा(Sushant-Singh-Rajput-drugs-case-NCB-will-not-oppose-Rhea-Chakraborty’s-bail)है।
सुशांत सिंह राजपूत केस(Sushant Singh Rajput)में ड्रग्स का एंगल सामने आने के बाद कई बॉलिवुड(Bollywood)हस्तियां इसकी चपेट में आ गई थी,इनमें से कई को जमानत मिल गई लेकिन कई पर केस दर्ज हो गया।
इसमें सुशांत सिंह राजपूत(Sushant Singh Rajput)की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती(Rhea Chakraborty)भी एनसीबी(NCB)के रडार पर आ गई और एनसीबी की जांच के बाद यह केस कोर्ट में चला गया।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ को बताया कि एनसीबी जमानत को चुनौती नहीं दे रही(Sushant-Singh-Rajput-drugs-case-NCB-will-not-oppose-Rhea-Chakraborty’s-bail)है,लेकिन नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम की धारा 27-ए के संबंध में कानून का प्रश्न खुला रखा जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत, जो राजपूत की प्रेमिका(Rhea Chakraborty)चक्रवर्ती को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एनसीबी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, ने उसकी जमानत पर एंटी-ड्रग्स एजेंसी के रुख में बदलाव पर एएसजी की दलील पर ध्यान दिया, लेकिन स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट का फैसला किसी अन्य मामले में मिसाल के तौर पर नहीं माना जाएगा।
‘एएसजी को सुनने के बाद, इस स्तर पर ज़मानत देने के संबंध में लागू आदेश को चुनौती देने की आवश्यकता नहीं हो सकती(Sushant-Singh-Rajput-drugs-case-NCB-will-not-oppose-Rhea-Chakraborty’s-bail) है।
हालांकि, उठाए गए कानून के सवाल को उचित मामले में विचार करने के लिए खुला छोड़ दिया गया है और इस तरह फैसले को किसी अन्य मामले में मिसाल के तौर पर नहीं माना जा सकता है,’ पीठ ने कहा।
राजपूत, जिनके लिए रिया ने कथित तौर पर ड्रग्स(Drugs)की खरीद की थी, को गिरफ्तारी की कोई आशंका नहीं थी और इसलिए, शरण देने का आरोप भी लागू नहीं किया जा सकता था, यह कहा था।
अदालत ने उस तर्क को भी खारिज कर दिया था कि समाज को ‘कड़ा संदेश भेजने’ के लिए रिया की जमानत खारिज की जानी चाहिए।
अदालत ने यह भी माना कि एनडीपीएस अधिनियम की विस्तृत व्याख्या और सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court)के पिछले फैसलों से पता चलता है कि अधिनियम के तहत सभी अपराध गैर-जमानती थे।
न्यायाधीश ने कहा, इसके अलावा, धारा 27-ए भी लागू की जा सकती है, भले ही जब्त की गई दवा की मात्रा ‘वाणिज्यिक’ न हो।
भारत में एक जमानती अपराध है वो है जिसके तहत किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी के तुरंत बाद जमानत पर रिहा किया जा सकता है।
गैर-जमानती मामलों में, जिनमें बलात्कार, हत्या, अपहरण, मानव तस्करी, जालसाजी और आतंकवाद शामिल हैं, जमानत अदालत के विवेक पर निर्भर करती है।
सुशांत केस में फंसने के बाद से रिया चक्रवर्ती का बॉलिवुड(Bollywood)सफर डूब सा गया है। उनके हाथ में कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं है। उनकी आखिरी बार फिल्म वर्ष 2021 में आई ‘चेहरे’है।
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